पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष षष्ठ भाग.djvu/१०

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120 खादित-खान्देश खादिस्त (म. वि.) खादिरमहारविशेषः स्ने । खानखामा-हिन्दीके एक मुसलमान कवि। यह बैराम यस्य, पो .। कटक युक्त । ( सक् पा५८९) खानके बेटे थे। १५५६ को मका जापा । खादी (सं.वि.) खादति, खाद-णिनि । १ भक्षण, | यह कंवल परवी, फारसी, तुर्को गादि भाषापों के खानेवाला। (मम ४०१) २ वर्षको मिसा करने विहान थे, परन्तु संस्मत और ब्रजभाषा भौ पठे थे। वाना, जो दुश्मनको मारता हो। ३ कटकयुक्त। अकबर बादशार इन्हें बहुत चाहते थे। शिवसिंचन सादी (हिं० सी०) गनी, एक प्रकारका मोटा देशी लिखा है कि वह लोक भी बनाते थे। उनके कवित्व बपडा । पाल कल खादीका सम्मान बहत वढ गया | पौर दोहे प्रशसा योग्यमोतिके उमो ने सबसे है।भोग विलायतो मलमस और तमजद छोड़ इसे पच्छ दोहे को है। उनकी सभामें मिथिलाक लमी. पहनने लगे हैं। (वि.)२ खादि निकालनेवासा, जो नारायण कवि उपस्थित रहते थे। उनका नाम पदक ऐबढ़ता है। दूषित, ऐवो, खराब। रहीम खानखाना मवाव था। खादक (सं० वि० ) खाद उन् संज्ञायां कन्। हिंसालु, | खानखानान ( फा• पु.) १ सरदारों का सरदार, उच्च. खखार,मार-काट करना हो जिसको पादसमें दाखिला पदाधिकारी ।२ सपाधिविशेष, एक उपाधि। या मुसलमान सरदारों को मगनों की पमलदारी में मिलता खादोपपम् (वै० स्त्री० ) खाद कर्मणि पसुन खादः | था। खायं पर्णो जलं यस्थ, बद्रो० । नदो, दग्या। खामगार डोगरा-१ पत्राब प्रान्सके गुजरानवासा जिले- (क. १४५।२) | की एक सामोस। यह प्रक्षा० ११.३१ तथा ३१ ५८ खाय (मं. वि०) खाद कर्मणि ण्यत् । १ भक्षणीय, ७० पोर देशा• ७१ १४ एवं ७४५ पू.के बीच खाया नामे वाला । (को. ) अष्टविध पाहारों में अन्य पड़ती है। क्षेत्रफल ८७३ वर्ग मील पोर लोकसंस्खा सम पाहार, खानेकी चीज। माय: २३७८४३ है। इस तहसीलकी जमीन अच्छी सागपती (सं० सी०) खदिरहन, खैरका पेड़। और चिनावको नहरसे सिकती है। बाव, खाधुक-खाद्य देशो। ___ २ पसाब प्रान्तीय गुजगन्वाला जिलेकी खामगह तहसौलका सदर। या पक्षा० ३१ ४ . पौर खान (. ली.) खे धातूना पनेकार्थत्वात् भक्षणे भावे देशा. ०३. ४१० पू०में पड़ता है। यहां प्रति वर्ष खट । १ भोजन, खाना । २ खनन, खोदाई । जून मासको मुसलमानों के मारेका मेसा लगता है। हिंधन, मारकाट। सोकसंख्या प्रायः ५१४८ है । इसमें कपास पोटनेका स्मान ( किमी.) १ पावर, कान, खदान । २ कोला का एक कारखाना भी है। घर। इसमें बान वगैरह डास कर पेरा जाता है। खानगी (फा० वि.) १ पपना, घरू, दूसरेसे सरोकार खान-बालके वर्धमान जिलेका एक गांव । यह न रखनेवासा । (स्त्री.)२ कोटी रखी। मा २०७० पौर देशा• ८७४।०को खामलादा ( फा• पु.) १ धनवानका पुन, पमोरका अवस्थित है। पाबादी कोर १५.. गो । खान रेष्ट-| सड़ना।२ उच्च कुशका व्यति। इडियन रेलवेका बड़ा बयान है। यहां बाउंसाइन| खानदान (फा० पु.) वंय, घराना। सप साइनसे शाखारूप में फूट इसी है। खानदानी ( फा० वि०) १कुसीन, पच्चे घरामेवाना। शामक (सं० वि० ) खन-खस । खनका, खोदनेवासा।। २बक, पुश्तैना, मौल्सी। (मग ) २ मेमार, राज । खानदेय-बम्बई प्रान्तकं मधस विभागका एक बिना। सामवार (प. सी.) मठ. मुसलमान कबीरों के। यह पचा० २०.१५ तथा २२ २३०और देथा७३. रामेको जमा २५ एवं ०१.२४ पूर्णके बीच पड़ता है। इसका चन- खान्, कादयो।