पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष षष्ठ भाग.djvu/११९

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गोले बना करके खा जाते हैं । गृहपालित हस्तीको सुचिः पाया जाता है। इन सभी मानांके हाथियाम फिर कित्साको व्यवस्था भो प्राचीन चिकित्सकोंने निरूपण की कारगठनका तारतम्य होता है। १८ का २४ है। पालकाप्य रचित गजायुर्वेदमें विस्त्र त विबरण लिखा वर्ष में हाथी जितना बढ़ना होता-बढ़ आता, किर गया है । मनुष्यको पौड़ा होने पर जैसे शान्ति स्वस्त्ययन | | उससे अधिक और महीं। हाथोके अमले पैर ओरोसे करना पड़ता, हाथीको दुःख मिलने पर वैसा ही विधान दोबार नापन पर जितना प्राप्ता, उमका उच्चत्व बतलाता रहता है। है। सिंहलका हाथा प्रायः ८ फुट ऊंचा होता, काई प्राचीन ऋषियोंने हस्तियोंका जो लक्षण, शान्ति और कोई ८ फुटसे भी अधिक पहुंचता है। जापानमें एक ओषध आदि निरूपण किया है, संक्षेपमें इस न पर बार १२ फुट १ इच्च ऊँचा हाथी पकड़ा गया था। लिखा गया है। पाचक समझने के लिये पराशर, साम्पति-संहिता, युक्रिकल्प, यानकापा, ग्रिपुरा प्रभात रय। भारत और सिंहलको देखते दूसरे उपहामि हाथियोंको - पहले ही लिख चुके हैं, प्राचीन कालको भारतमें | मंख्या बहुत अधिक है। उन जमहोंमें मनुष्यकी रहा- कहीं हाथो मिलते थे। वर्तमान समयमै एशिया और यश नहीं जैमी होनसे इन्हें घूमनमें फिरममं कोई अड़- अफ्रीका दोनों स्थानोंको हाथोका आकर कहा जा सकता| चन नहीं पड़ती। वहां हाथियोंकी संख्या इमलिये है। इन दोनों स्थामामें हाथियोका आकार और गउन बढ़ जातो कि स्वच्छन्द विचरण करनमें सम्पर्ण सुविधा गत विलक्षण भेद है। हाथियोंको देखते ही प्राकारगत आती है । रूमजार 'पीटर दी ग्रेट के ममय ईरामके भेट कितना ही ममझा जाता है. इनको प्राभ्यन्तरिक भाहन सेण्टपोटर्मवर्गके १२ हाथ जचा हस्तिकाल गठनप्रणालीका तारतम्य रहता है। भेजा था । आजतक कोई विशेष प्रमाण नहीं मिलता, क्या उससे भी अधिक ऊंचा हाथी हो सकता है। जन्म- के समय हाथोकी ऊचाई लगभग १॥ हाथ रहती है। किसी अंगरेजने हिन्दुस्तानो हाथोका एक बच्चा ७ वर्ष तक पाला था। उन्होंने उसकी बाढ़ दम तरह बतलायो है-एक वर्ष म ३ फुट १० इञ्च, २ वष:- ४ फुट ६ इञ्च, ३ वष में ५ फुट, ४ वर्ष में ५ फुट ५ इत्र, ५ वष में :५ फुट १० इञ्च, ६ वर्ष में ६ फुट १॥ इच और ७ वष में ६ फुट ४ इञ्च बहुत लोग विश्वास करते कि ७ फुट जचे हाथी कामम लग मकते हैं। किन्तु ८।१० फुटका हाथी लड़ाईक लिये सिखाया जाता है। टीपू सुलतानके गियाका था। समय कप्तान मिडनीने जो हाथी चलाये, कोई ८॥ पुट एशियाके बीच सिंहल, भारतवर्ष , ब्रह्मदेश, श्याम- | अचे थे। हाथाको लम्बाई पूछसे मुंह तक १५ फुट देश, मलय उपहोप और पूर्वहोपके पहाड़ो तथा जङ्गली | | १२ दक्ष तक देखी गयी है। . 'भूभागम हाथी देख पड़ता है। सिंहलमें समुद्रपृष्ठसे ७८ - हाथोकी पीठमें एक कूबड़ रहता , जो वाल्यकान्तको हजार फुट अचे और दाक्षिणात्यमें ४-५ हजार फुट | बड़ा लगता. परन्तु उसकी बाढ़के साथ साथ घटता अचे, पहाड़की चोटी पर हाथियांका झुगड घूमा | है। बहुतसे लोग इस कूबड़को देख करके हाथोकी करता है। भारतके दाक्षिणात्यस्थित दक्षिण तथा जवानी या बढ़ापा समझ लेते हैं। सिइसके हाथोये पश्चिमभाग, पूर्वहिमालयके निकटवर्ती बममय | बङ्गालका हाथी किसमा ही अच्छा, काममें होपियार खान, नेपाल, त्रिपुरा पौर चहग्राम मामा हाम्रो और लडाकाहीसा है। चटगांवके दचिण भाग, मंग Vol. VI. 30