पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष षष्ठ भाग.djvu/१४०

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१३८ गाठवन-गड़ग और दर्द होता है। जिस अंगमें यह रोग होता है, मोहन और सञ्चाटनके लिये थोई पदार्थोको मंत्र पढ़ वह अंग फैलता नहीं है। इस बीमारी में कभी २ ग्घर कर किसी चौराहमै गाड द ते हैं और इस गाइनेको पौर सबिपात भी इसा करता, जिससे रोगी गोत्र हो मर गईन्स कहते हैं। जाता है। यह रोग विशेष कर जोड़ों या गिरहोंमें हुआ गस ( सं० पु० ) १ मत्साविशेष, एक प्रकारको मछली। करता है। ५ वृक्षमें एक प्रकारका रोग। इसमें २ व्यवधान, प्रोट, आड । ३ परिवेष्टन, घेरा। ४ खाई। हालियोंका फैलना ममाप्त हो जाता है तथा पत्तिया ५ गढ़। ६ अन्तराय, विघ्न, बाधा। सिकुड़ और ऐंठ जाती हैं। यह रोग सिर्फ प्राम, गड़-गुजरातमें रेवाकान्दाके अन्तर्गत शङ्खरा महबास- खामून बर्ड बई वृक्षमि ही नहीं होते, वरन् फमलो का एक राज्य । इसके उत्तर और पूर्व में छटा उदय- पौदोंमें भी हुआ करता है। उरद, मूंग तथा कुम्हड़ा, पुर, दक्षिणमं नर्मदा और खान्देश तथा पथिममें पला- ककड़ो, करैला आदि तरकारियों में भी यह रोग उत्पन्न मिनी और वीरपुर है। इसका क्षेत्रफल २१ वर्गमील होकर उन्हें नाश कर डालता है। है। लोकसंख्या प्राय: ३०१८ है । इस राज्यमें गठिवन ( हि पु० ) मझौले तरहका एक वृक्ष । इसकी १२८ ग्राम लगते हैं। अधिवामी प्रायः भील जातिको शाखायें पतली और पत्तियों में जगह जगह पर गिरह हैं। चोहान राजपुत वंशीय एक सामन्त इस राज्यक भेते हैं। इसमें नीले रंगके फल लगते हैं। नेपालको पधिवासी हैं। सालाना आमदनो ८३७७ रु० है और उपत्यकाम यह पेड़ पाया जाता है। इसको गोलाकार इसमेंमे छोटा उदयपुरके राजाको ३६५ रु० देना कलियां दवामें उपयोगी है। वैद्यकमें इसे तीक्ष्ण, | पड़ता है। चरपरा, गरम, अग्निदीपक मधा कफ, वात, खास और | | गड़क (सं० पु० ) गड़ मंज्ञायां कन्। मत्माविशेष, एक गन्धको नाश करनवाला माना है। खुजली भी इस प्रकारको मछली। दवासे जाती रहती है। | गडक (१० पु०) १ इबाव । २ बनेका शन्द । गठरा (दि. पु०) भूसकी गांठ जो बसिहांनमें फेक दी गड़गड़ा (हि.पु.) एक प्रकारका हका । जाती है। इस गुन्द सम्बगहमें गेठा और अवधर्म | गडग-१ बम्बई प्रान्तके धारवाड़का पूर्वीय तालक। यह झूटो बोलते हैं। पक्षा० १५२ और १५३८७० तथा देशा० ७५ २६ गठवा (हि. पु० ) १ कपड़े का एक भाग। जुलाहे रमे | एवं ७५.५७ पू० के बीच पड़ता है। इसका क्षेत्रफल बरधेमें रखते हैं, जिससे कि उसके तागेसे तानेके तागी- ८८ वर्गमील और लोकसंख्या प्रायः १३७५७३ है। को गठ कर बुनने के लिये चढ़ावें।२ मेठुरा, गंठरा खुटौ। कप्पट पहाड़ सबसे बड़ा है। जलवायु मातदिल पौर गठोंद (जि. स्त्री० ) १ गांठको बधाई, गिरहबन्दी। अच्छा है। डम्बल तालावसि खेत सोचे जाते है। २ धरोहर, थाती। २ बम्बई प्रान्तीय धारवाड़ जिलेके गड़ग तालुकका गठीत (हि.सी.) मित्रता, धनिष्टता, मेल, मिलाप । सदर, यह पक्षा० १५ २५उ• और देशा० ७५३८ २ अभिसंधि, ऑट साट।। पूमें दनिय मराठा रेसवे पर भवखित है। इस नमर- गठौती (हि. स्त्री.) १ मेवी, धनिष्टता। २ षड़चक्र, की लोकसंख्या ३०६५२ है। १८५८. ई०कवत रमी, गठी गठाई बात। म्य निसपासिटी पड़ी। गड़गर्म कपास और सूत कातना गांक हि.पु. ) बारुद, गोले और हथियारादि रखी. रेशमी कपड़ोंका बड़ा बवसाय रहता और यहां जिले का मान, मैगजीन । ... वा एक कारखाना भी चलता है। एवं पड़ता। महंगिया (हि. वि. ) घमण्ड करनेवाबा, मेगवाज । पछ मई मदिरीका सावशेष देर किस गडम गाउंस ( सी.) टोटके या प्रभिचारके लिये मारने इनमें कुक्की शिनालिपियां बतलातो २६से ११ को वस्तु। साविक या प्रेतविधाके जाननेवाले मारण, ८७३से ११७० तक पचिमी चालुकयों,