पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष षष्ठ भाग.djvu/१४३

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१.१ रात्राका नाम गड़ल-गढ़मण्डल गड़ ल (सं० त्रि०) गडु: कुमरोगोऽस्तासा । कुल, कुबड़ा। छठे तीर्थ कर श्रीपद्मप्रभुका जन्म हुआ था । पहिले यहां ग वा ( हि पु० ) एक तरहका लोटा। इसमें जम्न कौशाम्बी नगरी थी। (तोय'मावा ११८) गिरानके लिये बत्तखके गलेके जैसा एक नलो लगी गढ़मण्डल-मध्यप्रदेशके गोण्डवानाके अन्तर्गत एक रहती है, तमहा। विस्त्र त क्षेत्र । अति प्राचीन कालसे यह भूभाग स्वाधीन गड शिरम् (स० वि०) शिरसि गड यसा, बहुव्री० । सङ्कीर्ण हिन्दू राजाओं के अधिकारमें था । उस समय गढ़ा मौर गलेका मनुष्य, जिसका गला तंग हो। मण्डल नामके खानमें हिन्दू राजाभोंकी राजधानी । गडेर ( मं० पु०-स्त्री.) मेघ, बादल। अब भो उक्त दोनों स्थानों में प्राचीन खण्डहर और हिन्दू गडोत्य ( सं० क्ली० ) गड़ात् गडाख्यदेशात् उत्तिष्ठति, राजाओंके समयके शिलालेख मिलते हैं। जिनमे वहाँको उद-स्था-क। शांभर नमक । पहिलेको समृद्धिका काफी प्रमाण मिलता है। पहले गोल (मं० पु०) १ गुड । २ ग्राम, गांव । ३ ग्राम, कौर । ममयमें भट्ट, सुहागपुर, छत्तीसगढ़, सम्बलपुर, गाजपुर, गडड (सं० पु. ) वस्तुओं का समूह, जा एक दूमरेके ऊपर यशपुर इत्यादि जिले भी उक्त गढ़मण्डलके अन्तर्गत थे। रखा रहता है, गञ्ज । अव वैसी समृद्धि नहीं रही, गढ, और मण्डल नामके दो गडडर ( म० पु. ) मेष, भेड़ा। मग मे ही सिर्फ पहले के मामका परिचय मिलता है। गडडरिक ( मं० पु० ) गड़ेरिया । पहिले गढ.मगडलमें जो राजा राज्य करते थे, नीचे उनके गडडरिका ( मं० स्त्रो० ) मेषपक्ति, भेड़ोंकी कतार। माम उहत किये जाते है- गडडल ( सं० पु० ) गड़-बाहुलकात् ड-ल। मेष, भेड़ा। रामालाल गडडलिका ( सं० स्तो० ) गडडलं अनुसरति, गण्डल-ठन् । । यादवराय ३८२ (१) भाधवसि. १ मषपंक्ति, भेड़की कतार । २ धारावाही, क्रमागत. लगातार। गडडलिकाप्रवाह ( मं० पु०) गउडलिकाया: प्रवाह इव, ६-तत् । भेड़ियाधसान। विहारीसि. गडडाम-नोच, लुच्चा, बदमाश । नरसिग्देव गडडारिका ( सं० स्त्री० ) नदीविशेष, वह नदी जिसका सूर्यभानु वासुदेव प्रवाह अधिक प्रवल हो। गोपालमा गडडालिका ( सं० स्ती ) मेषपंक्ति, भेड़ोंको कतार। भ.पावसाही गडडो ( हि स्तो०) ढेर, पुञ्ज । गोपीनाथ गङड क ( सं० पु०) जलपात्रविशेष, एक तरहका पानी- रामचन्द्र का वरतन । सुरतामसिक गढ़ (हिं पु०) १खाई। २ किला। हरिहरदेव गढ़कप्तान (हिं. पु०) किलेदार, किलेकी.फौजका पफसर। गढ़त ( हि स्ती० ) पातति, बनावट । गढ़न (हिं सी० ) गठन, बनावट । दुनमा गढ़नायक-उडीसा प्रान्तके खण्डायतोंका एक भेद । यह पूर्व कालमें गड़ोंके अधिकारो थे। मसापीदिख गढ़पति (हिं. पु०)१ किलादार । २राजा। ववव गढ़वाय, जमियोका जन्मकल्याबक-चेन। यहां जानियोंके मनोहरसि. Vol.VI. 36 नगनाथ रघुनाथ N U 1 . . यवस्कर