पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष षष्ठ भाग.djvu/१५

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खानादारो-खापा भाल। खामातलायो विसो हिपो चीनको ढढनके । ठम् । १ कुद्यच्छ, दीवार का गड़ा । २ रन, जवाह. सियेतो रे। गत। खानादारी ( फा० स्त्रो०) गाहस्था, गृहस्थी। खानिस । सं० पि. ) खानं ननं शिल्पत्वेनास्तास्व. खानापोना (पिं० ) खानपान देखो। खान बाहुन कात् सम् । सन्धिकौर, नकबजन, मध खामापुरी (हिं.सी.) खाली जगह का भराव। लगानवाला। खानापुर-१ बम्बई प्रान्तके बेलगांव जिले का एक खानिक ( सं० को.) पति शुष्क मांस, बहुत सूखा साक । या पक्षा. १५.२२ तथा १५.७ उ. पा गोश्त । पोर देशा. ७४.५ एवं ७४.४४ के बोर पड़ना। खानी (मं. मी.) खनिया कोष । खनि, खदान । खानापरका रकबा ६३३ वर्ग मोस पर पाबादी लग खानुवा-गजपूनामाके भरतपुर राज्यको रुपवास तर. भग ८५५८६ है। इस देश में दक्षिण तथा दक्षिण-पश्चिम सोलका एक गांव । यह पचा. २७ २०० पौर को पहाड़ और जङ्गल है। खेतीका कहीं नाम नहीं। देशा• ७७ ३३° पू. में वाणगङ्गाके नदीके वामनट इसके उत्तर-पश्चिमस्थ पर्वत प्रधानतः उच्च लगते हैं। निकट भरतपुर नगरमे प्राय:१३मोस दक्षिण अवखित केन्द्र स्थल, उत्तर पूर्व पोर पूर्व में जमीन बहुत है।लोकसंख्या प्रायः १८५०होगी। यी १५२७.के मच्छी है। मार्च मासको बाबा पौर मेवाड-राचा संग्रामसिंरक २ बम्बईके सतारा जिले का एक नामक । यह अधम राजपून गजापों के बीच थोर युजपा प्रब. पक्षा० १७.८ तथा १७.२७ १० और देशा० ७४ मसः बादशाने मरने पर भगबन पोने का शपथ १४ एवं ७४. ५१ पू०के मध्य स्थित है। क्षेत्रफल लिया और सोने चांदोके पायखो और पियानोका ५१० वर्ग मील और लोकसंख्या ८५८३१ है। यहां तोड़ करके गरीम बांट दिया था। परन्तु पीछेको बहुत कम जङ्गल है। यरला नदो खानापुर के उत्तर गजपूतोंके हारने पर रापा जखमी को करके मुशिवालये दक्षिणको मष्णासे मिलने के लिये निकल गयी है। भाग पाये और डूगरपुरक रावल उदयसिंह काम २ बम्बई प्रान्तीय सतारा जिलेके खानापुर साझक पाये। का एक गांव । यह प्रचा. १७१५ उ• भोर दशा० | खानोदक ( स० क्ला.) खानाय पानाय उदकं यत, ७४.१३ पू.में बीटासे सगभग १० पूर्वको अवस्थित | वध्वी । नारिकेमफस, नारियल, लाभ । है। इसकी जनसंख्या प्रायः ५२२८ है। भूपानगड़के | ग्वान्य (२० वि०) खन-एयत् । खनन किया जानेवाला, पास पानसे या पुराने समयमे अपने निकट स्व प्रदेश- जो खुदन नायक ।। (लाच्या श्री. ८।४।५) का सदर रहा। नगरमें पत्थर और महीको दीवारों खापगा (मं० स्त्री०) खस्य आकाशस्य आपगा, ६-तत्। चौर बुर्जदार फाटकका भग्नावशेष विद्यमान है। गङ्गा, सुरसरि। इस गांवकी ममजिदमें परवी और कनाड़ी भाषाके खापट (हिं० स्त्री०) भूमिविशेष, किसी किस्मको जमीन् । शिलाफसक सगे है। इसमें लोहका भाग अधिक रहता है। खापटको मट्टी सामावदोथ (फा.वि०) गाहोन, उडम,जहां तह कड़ी और भारी पड़ती और पानी पड़नेसे लसलसाने रह जानवाला। लगती है । इसको केवल वर्षा ऋतुमें ही आकर्षण कर मानारामारी ( फा• स्त्री० ) गागपनाकाय, मकानों का सकते हैं। खापटमें सिवा धानक और कुछ नहीं उप- शुमार सगानको हासस । जता। इसकी मही कपसा या काविस कहलाती है। खानि ( सं० सी०) खनिरव पुषोदरादिवत रिः। खमि, | काविससे कुम्हार वर्तन बनाया करते हैं। खापा-मध्यप्रदेश के नागपुर जिलेको रामटेक सहसौलका यानिक (म० को.) खानेन सममेन नित्तम, सम। एक नगर । यह अक्षा० २१ २५७. और देया. ४. Voi. VI. 4 सदान।