पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष षष्ठ भाग.djvu/१६

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खाबड़खूबड़-खारपायण

२ पू०में कातहान नदी पर छिन्दवाड़ा सड़कसे ६ मील खामी (फा० स्त्री० ) १ कचाई, लचरपन । २ नातजर्बा- दूर अवस्थित है । लोकसंख्या कोई ७६१५ निकलेगी। कारी, नौसिखियापन । ३ त्रु टि, कमी। इममें बहुत अच्छे अच्छ बाग हैं। १८६७ ई०को यहां खामोश ( फा० वि० ) मौनी, चुप, जो बोलता न हो। प्रय निसपालिटी . हुई । कारखानोंकी होड़ा होड़ीमें | खामोशी ( फा० स्त्री० ) मौन, चुप्पी, न बोलनको हालत । स्थानीय लोगोंके कपड़ा बुननेका रोजगार मारा गया है। खाम्बाज (सं० पु० ) एक राग । यह दीपकरागका पुत्र खापामें रंग रंगका सूती कपडा खास करके ओरताके है। खाम्बाज मम्पूर्ण राग ठहरता और भैरव, मालकोष लिये बुना जाता है। तथा बन्नावलीक योगसे बनता है। इसमें गान्धार वादी खाबड़खूबड़ (हिं० वि०) नीचा ऊचा, खोबरसे भरा और पञ्चम मवादी है। (म ) •हुया। .. खाम्बावती (सं० स्त्री० ) एक रागिणी । यह मान्तकोषकी खाभा ( हिं० पु० ) पात्रविशेष, एक बर्तन। कोह के पत्नी है। इसकी उत्पत्ति मालश्री और विहागड़ाके मेल- नीचे बर्तनसे तेल इसी में निकाला जाता है। से होती है। खाम्बावतीका स्वरग्राम है-नि धा नि नि खाम (हिं० पु. ) १ लिफाफा, कागजका चांगा। २ टांका, | सा ऋग म । (सात) जोड़ । ३.खम्भा । ४ मम्त ल। खाया (फा. पु०) अण्डकोष, फोता। खाम (फा० वि० ) १ अपक्क, कच्चा । २ अढ़, जो मज- | खायाबरदार ( फा० वि०) चापलूम, गुलाम, कमीना, बस न हो। ३ अनुभवरहित, नातज कार, नौमि- नौकर। . खिया। खायाबरदारी ( फा? स्त्री० ) चापलूसी, खुशामद, स्वामखयाली (फा० स्त्री० ) अविचार, गलतफहमी, बेव गुलामी। कूफी। खार (मं. पु०) खं० आकाशं आधिक्य न ऋच्छति, ऋ- खामगांव--बगरके बुलदाना जिलेका एक ताबक। यह| अण उपपदम । खारी परिमाण, ४ द्रोण। पछा०.२० २६ तथा २०° ५५ उ० और देशा० १६. खार (हिं. पु.) १ क्षार, नमक। २ मज्जी। ३ रेह। ३२ एवं ७६. ४८ पु०के बीच अवस्थित है । इसका ४ धूलि, गर्द। ५ क्षुपविशेष, किसी किस्मकी झाड़ी। चत्रफल ४४३ वर्गमील और लोकसंख्या प्रायः १०२८४८ इममे खार निकलता है। है। पहले यह तालक अकोला जिलेमें लगता था, परन्तु | खार ( फा. पु.) १ कण्टक, कांटा।२ खांग, मुर्गा तीतर .१८०५ ई०को बुलदानामें मिला दिया गया। वगैरहके पैरका तीखा नाखून । ४ विद ष, डाह, ___ २ बगर प्रान्तीय बुलदाना जिलेके खामगांव तान्नुक- जलन । का. मदर । यह अक्षा० २०. ४३ उ० और देशा० ७६: खारक (हिं. पु०) छोहारा। ३८ पू.में अवस्थित है। इसकी आबादी कोई १८३४१ | स्वारगोट-बम्बई प्रान्तीय अहमदाबाद जिलेक वीरमगांव होगी। अमरावतीके बढ़नसे पहले यह बरारमें रुईको | तालुकका एक गांव। यह अक्षा० २३. उ. और देशा. सबसे बड़ी मगडी था। ८ मोलको एक ष्टेट रेलवे जालम ७१.५० पू०में पड़ता है। लोकसंख्या प्राय: २१०८ है। ष्ट शनमें इसको ग्रेट इण्डियन पेनिनसुला रेलवेको नाग-1 यहांसे ६ मोलके फासले पर ऊरूमें १८८१-२ ई०को पुर-शाखासे मिलाती है। प्रति वृहस्पतिवारको बाजार नमकका एक बड़ा कारखाना खुला था। इन दोनों - लगता है। १८६७ ई०को यहां म्य निसपालिटी हुई ।। स्थानोंके बीच रेलवे भी चलायी गयी है। इम नगरमें डेढ़ मील दूर किसी तालाबसे पानी आता | खारनादि (सं० पु०-स्त्री० ) खरनादिनः अपत्यम्, खरना- है। खामगांवके कई बागोंमें अच्छी अच्छी नारङ्गियां दिन्-इन् । खरनादीका अपत्य । ... और मम्बजियां होती हैं। खारपायण ( सं० पु०) खरपस्य अपत्यम्, खरप-फक । वासना (हिं. क्रि०) लिफाफेमें डालना, बन्द करना। | .खरपके अपत्य। .. .. . .. ... ...