पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष षष्ठ भाग.djvu/१६४

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१६२ गण्डदेव-गण्डस्थल तथा शीतल है। भावप्रकाशके मतमे इसका गुण- मूढ़, घोर निर्वाध, घोर मख, भारो बेवकूफ़ । • शीतल, लोहद्रावक, ग्राही, लघु, तिक्त, कषाय, मधुर, | गण्ड्यन्त ( सं० पु. ) मेघ, बादल। गड्यन्त देखो। कटुपाक, वातद्धिकर, दाह, तृष्णा, दुर्बलता, श्वास, गण्डलिख्या ( सं० स्त्रो० ) चर्म करा, एक सुगन्धि द्रव्य । कुष्ठ और पित्तज्वरनाशक है। (-1वप्रकाश ) ( क) गण्डदेव-दक्षिणमें गङ्गवशीय एक प्राचीन राजा । गण्डली (सं० स्त्री०) गड इव क्षुद्रशैलं तत्र लोयतेली डोप । दहीने काञ्चिपुरक पल्लबराज और चोल गजाको पराजय १महादेव, शिव । किया था। काञ्चिराज गहदेवको कर देते थे। पांड्य "गलो मेवधामा च द वाधिपतिरेव ।" (नारस अनु१९१०) राजाने इनके माथ मित्रता को थो। २ रुद्र पर्वत, छोटो पहाडो। गराडदेश ( मं० पु०) कपोल, गाल, कनपटी। गण्डलेखा (मं० स्त्रो०) प्रशस्तकपोल, सुन्दर गाल, अच्छी कनपटो। गराडपाद (मंत्रि०) गडस्य पाद इव पादोऽस्य, बहुव्रो। गण्डविन्द ( म० पु०) कुवरक सेनापति । विश्रवानिक जिसके दोनों पर गडाके मदृश हो। गण्डपोलिका ( मं• स्त्रो० ) कोटविशेष, एक प्रकारका ज्येष्ठ पुत्र धमपरायण कुर्व रके पिताकी आज्ञास लङ्काम कोड़ा। राज्य करते थे । दुत्त रावणने उनको भगा कर गगडप्रपाली ( म० स्त्री० ) कीटविशेष, एक कोड़ा। लङ्का अपना अधिकार जमाया कुवेर उमक भयसे गगडफलक (म.ली. ) गड: फलकमिव, उपमितमः । देश कोड के नाम पवत पर रहने लगे, लेकिन उनका १ विस्तीर्ण गडस्थन्न, बड़ी कनपटी। (त्रि०) २ जिसको वहां रहना भो रावणको अमह्य मान म पड़ा । इम कनपटी बहुत बड़ो हो। लिये दुष्ट रावणर्न कुवेरपुरी पर आक्रमण किया । गगडभित्ति (मं• स्त्री०) गड भित्तिरिव उपमि० । प्रशस्त कुवेरन अपने सेनापति गण्डविन्दके उत्साह और परामर्श कपोल, सुन्दर गाल, अच्छी कनपटी। से रावणके साथ लड़ाई प्रारम्भ कर दी। उम लड़ाई में “म तालबन्द गलभिती निहाय । (रघु० १२१०१) मेनापति गउविन्दुने अपना भुज विक्रम और युडकौशल मयमाक-अफगानिस्तानके निकट जलालाबादसे काबुम्न दिखलाया। इसोकै पराक्रमसे रावणके बहुतसे योडा जानकी राह पर अवस्थित एक ग्राम। यह जलाला. मारे गये। अम्तमें मारोचके माया-युद्धसे गडविन्दुको बादसे १७॥ कोमकी दूरी पर है। यह ग्राम जलाला- हार माननी पड़ी। (रामरसायन उत्तर ५.) बादसे अधिक शीतल है। १८३८ और १८४२ ई०को | गगडव्यूह ( म० पु०) बौद्ध सूत्रका एक अंश । अगरेज और अफगानिस्तानके बीच इसी ग्रामके निकट | गगडशिला (म० स्त्री०) गडः भूमरुञ्छनप्रदेश: तहत् लड़ाई हुई थी। १८५२ ई में जब अगरेजी सेना शिला। स्थ लपाषाण, बड़ा पत्थर । "दुष्टोऽगशिरामाव: पपाद गण्डशिलाममः । (भागवत ।। ११) काबुलसे लौटी पा रही थी तब अबशिष्ट २० सेनानायक गयडशैल ( स० पु० ) गडइव शैल: यहा शेन्मस्य गड इव और ४५ गोरे इसी स्थान पर कट गये थे। राजदंडादित्वात् । भूकम्पादि हारा पर्वतसे गिरा इवा गण्डमाला ( मं० स्त्री०) गडानी ग्रीवाजातस्फोटविशे- स्थूल पाषाण, वह बड़ा पत्थरका टकड़ा जो भूकम्पमे षाणां माला समूहोऽस्यां, बहुव्री०। गलाका एक प्रकार- पर्वतसे गिरा हो । २ क्षुद्र पर्वत, छोटी पहाड़ी । ३ नलाट, का रोग, गलगंड, कण्ठमाला। गलगण देखा। भाल। गगडमालिकासं० स्त्री०) गडानां ग्रंथोनां माला यत्र, गण्डमाझया (स. स्त्री० ) गडेन सहित आयो यस्या, बहवी.। १ लज्जाल लता, एक प्रकारको लता जिसकी बहुव्री। गडकी नदी। पसियां छनसे, सिकुड़ जाती है। २ शण्डमाला। __“गगाच गासकुम्भा च सरय समाया।" (भरत १५०) मगडमाली ( म०वि०) जिसको गलगण्ड रोग हुआ हो। गण्डस्थल ( स. ली.) गड: स्थलमिष, उपमितस गगग्मुर्ख (सं० त्रि०) गड: अतिशयितः मूर्खः । अतिशय | १ गंडदेश, समस्त गाल । २ हाथोकी कनपटी।