पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष षष्ठ भाग.djvu/२१६

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गयास-उद-दोन तुगलक रय-गयास-उद्-दोन महमूद किसी वक्त इन्होंने सलतनतके सब बुट्टे अहलकारों को फतेह' बोलते बोलते जिसे हो सामने पाया, कत्ल करने छुट्टी दे करके उन्हें खानेपीने के लिये आधी तनखाह लगे। तुगरल आफत आयो हुई देख दरया पार उतरने देनेका हुक्म निकाम्ना। आजकल अङ्गारेज गवर्नमेण्टको लग, परन्तु उसी वक्त मल्लिकके एक तीरका निशाना बन अमलदारीमें ऐमा पेमशन बड़ी इज्जतके माथ लिया जाता करके गिर पड़े । मल्लिकने उनका मर काट करके जिस्म है। किन्तु उस समयके लोग इमसे बहत नाखुश को दरयामें बहा दिया। फिर बन्लबन तुगरलके मभो हए। उन सबने मशविरा करके दिखीवाले फौजदारके खानदानियोंको मार डाला। इसके पोछे गयाम-उद- पाम पहच उसके रोकनेकी कोशिश करने को कहा था। दोन गौड़को लौटे और अपने बेटे नमोर-उद-दीन बघरा फौजदार बादशाहके बड़े म थे और मव लोग उन्हें खान्को बङ्गालका सूबेदार बना दिल्ली चले गये । दिली इज्जतको निगाहसे देखते थे। दमर रोज वह बादशाह- पहुंचने पर उनके बड़े बेटे उनसे मिले। बनबनने के पास जा मुह लटका करके खड़े हो रहे । बादशाहके उन्हें इस विषयमें ममझा बुझा म लतान भेज दिया, उमका सबब पूछने पर फौजदारने कहा था, यह सोचते मेरे न रहते तुम्हें किस तरह मल्लतनतका कामकाज थे-परमेश्वरक पाम यदि मब बड़े-बड़े परित्यक्त होते, चलना पड़ेगा: उमो समय तैमूर ग्वान् फौजकै माथ उनकी क्या हालत हो जाती। बादशाह मब ममझ जा वहाँ ल टपाट मचाने लगे। महमूदन न डाई में उन्हें गये और बुट्टों को अपना अपना काम करने के लिय हराया था। परन्तु वह थक कर नदी किनार पानो कहने लगे। पीने गये उमो वक्त तेमूग्न दबे पावी उनको हमन्ना ___ बलबनके भतीजे शेरखान् नाहोर मुलतान आदि करके मार डाला। बलबनका यह खबर पा करके दिल प्रदेशीको हक्मरान् म करर थे। उम ममय वहां मुगलों टूट गया और वह अपने मरनको राह देखने लगे। को लूटमार जारी रही। १२७० ई०को उनके मरने उन्होंने बङ्गालसे बघरा खान्को बुला करके अपना वारिश पर बलबनके बेटे महमूद उनके प्रोम्दे पर बैठाये गये ठहराया और उनको अपन पाम मरते दम तक रहनको और सलतनतमें ढिंढोरा भी पिटा कि गयाम-उद्-दोनके कहा। बघरा खो मरनमें देर देख बादशाहम ब कह मरने पर उनके बेटे वही महमूद वारिश हो करके तख्त | सुन बङ्गालको चल पड़े। बलबनने इम पर बिगड कर मशीन् होंगे। महमूद के लड़के खुशरूको अपना उत्तराधिकारी बनाया बलबनकै एक मरतबा बीमार होने पर उनके मरने और १२८६ ई०को इस दुनियासे कूच किया। की अफवाह उड़ी। बङ्गालके सूबेदार तुगरल खान्ने | गयास उद्-दोन बाहमणि-दक्षिणापथम बाहमणि राज्यका वह खबर पा करके अपनको खुद म ख तार नवाब जैसा एक राजा वा मुलतान १३८७ ई०का अपने पिता माहमूद बतलाया था। बलबनने इस वातकी इत्तिला मिलने शाहकी मृत्यु के बाद ये राज गद्दी पर बैठे । लालचीन दार अलप्तगीन या असीर खान्को बङ्गाल- नाम एक तुर्की गोलामने सोचा था कि गयास-उद-दौनक का सूबेदार बना बहुत बड़ी फौजकै साथ रवाना किया। राजत्व लाभ होने पर वह उनका मंत्री नियुक्त होगा। अलप्तगीनको हारने पर उन्होंने गुस्म में बिगड करक लेकिन जब उसने देखा कि उमको आशा धूलमें मिल फांसी पर चढ़ाया था। फिर मलिक तिरमनी तुर्क गई तो उममे क्रोधित हो कर अपने कुरामे गयास-उद- नामक कोइ दूसरे शख म बङ्गाल भेजे गये । परन्तु उन्हें दीनको दोनों आंखें निकाल डाली और मागरक दुर्गम भी हार करके पीछे लौटना पड़ा। उस रके पीछे लौटना पड़ा। उस वक्त बलबन अवरुद्ध कर उनके पित्य सामस उद्दीनको गद्दी पर अपने आप आगे बढ़े थे । तुगरल राजधानी छोड़ करके । बैठाया। त्रिपुराको भाग गये, बादशाह उनके पोछे पड़े । कोल | गयास उद्-दोन महमूद-घोर और गजनी के गजा। १२०५ राज्यके सूबेदार मल्लिक मकदूर थोड़ोमी फौज ले करके | ईमें ये राजसिंहासन पर बैठ कर राजत्व करने लगे। चुपकेसे अगरलके खो में पहंच ‘बलबन बादशाहकी । चार वर्ष राजत्व करने के बाद ३१ जुलाई शनिवारको