पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष षष्ठ भाग.djvu/२३०

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

२२८ गटभ ज्यादा चिकना लगता है। तुर्की के सिरिया अञ्चलका इटली, इटलीम फ्राम्म और फ्रांमसे जर्मनी, इङ्गालेण्ड, गधा देखने में बहुत अच्छा रहता है। वहां स्त्रियां स्वीडन आदि नानाद शोंमें फैल गया। ठण्डे देशमें इमको बड़ी होशियारीसे पालतो हैं। अरब लोग गधे गधा दुबला और ठिंगना होता है। यह अपने आप पर चढ़के घूमते और खेतीका काम भी लेते हैं। यरूम- जल्द चलनेवाला और डरावना है। परन्तु पकड़े लममें पहले बड़े बड़े आदमी और पुरोहित गध पर चढ़ जानेमे थोड़े दिन पीछे हो स्वभाव बदलता है। फिर करके चलते थे। परन्तु मिसरके रहनेवाले इसको बुरा यह निरीह हो जाता है। मब दीपायोंसे गधा बत समझक बड़ी हो घृणा करते थे। वही पहले गधारोंको जलद हिलता है। यह रोज वही पानी पीता, जो इसको गधा बतला हमी उड़ाने लगे । भारत और अफ्रीकाकै गधे अच्छा समझ पड़ता है। पानी पीते ममय गधा घोको नाटे और दवले होते हैं। अफ्रीका कायरो, लिविया, तरह पानी में नाक नहीं इबाता। इमको घास पर नउमिड़िया आदि जङ्गलों में बहुतसे गधे हैं । वहां लोग लोटना बहुत अच्छा लगता है। पानोमें उतरते गधा इसका मांस खाते हैं । परन्तु मधाएशियामें भी गधीका बहुत डरता है। लड़कपनमें गधा देखने में खबसूरत जमघट ज्यादा है। ग्रीष्ममें यह दल उत्तरको यूरान होता है। उस समय स्वभाव भी किननो ही चतुरता पहाड़ तक जाता, फिर जाड़े में भारत को आता है। इस रहती है। परन्तु उस ममयसे न मिखाने पर बढ़ते बढ़ते झगडका एक मरदार रहता, जो मबसे चटकीला, जन्न्द यह कम ममझ और बेकाबू पड़ जाता है। इसको चलनेवाला और चतुर लगता है। शिकारी उसको पकड़ लड़केका प्यार बहुत रहता है। गर्ध और गधीको मुह मकने पर फ ले नहीं ममाते । पहले युरोपमें गधा न ब्बत भी कुछ कम नहीं। यह पोठ पर ज्यादा बोझा रहा। इसको वहां गये थोड़े ही दिन हुए हैं। इन लाद देनेमे कान और मिर झुका लेता और मह फेला ले गड़के गरीब आदमी इमको ज्यादा कद्र करते हैं। करके दोनों होंठ मिकोड़ने पर बहुत भद्दा जंचता है। लोगांक विशेष आदर करने अथवा आबहवा अच्छी आंख ढांप देनसे गधा नहीं चलता। जमीन पर लेटा रहनेमे स्पेनक गधे मजबूत और खूबसूरत होते हैं। वह करके एक आंख घाम और दूसरी पतं या डीलेसे ढांक गधेका दाम भी ज्यादा नहीं। एक घोड़े को कीमत देने पर यह जैसेका तमा सुनसान पड़ा रहता है। गधा २० गधोके बराबर है। घोड़े और गधक जोड़मे दो घोड़े की तरह कूदफांद और दौड़ माता, परन्तु बहुत तरहक खच्चर निकलते हैं। इनमें एक गदभके औरस जलद थकता है। एक बार थकजानेसे कितना हो और अश्विनीक गर्भ तथा दूसरा अखके औरस और मारने पर भी यह न उठेगा। गर्द भीके गर्भ से उत्पन्न होता है । अङ्ग्रेजी पहला गिनी देशका गधा वहाँके घोड़े मे बड़ा और खब- म्य ल ( Mule ) और दूसरा हिनो ( Himy ) कह- सूरत होता है। ईरानमें दो तरहका गधा देख पडता ताता है। म्य ल बड़ा, बलवान् और सुगठिन रहता है। उममें एक मोटा और मन्दगामी होता और बोझ है। गधेकी हडडीमे पहले किसी प्रकारको बंशी बनतो ढोता है। फिर दूमरा साफ सुथरा गधा है। उस पर थी। भारतके कच्छ, गुजरात, जैसलमेर और बीकानेर चढ़ कर लोग इधर उधर आया जाया करते हैं। इरानी प्रदेशमें एक तरहका जङ्गली गधा देख पड़ता है। उसकी नाक फाड़ कर छेदको बढ़ा देते, जिममें सम्बो गधेको प्राण शक्ति पतिशय प्रबल है। चमड़ा मोटा सांस चल सके और वह जलद सबके। यह गधा कभी होता है। इसीसे कोड़ा मारने पर भी गधेको कोई कभी चार पांच सौ रुपये तक विकासा है। बड़ो तकलोफ माल म नहीं पड़ती। हिन्दुस्थानी गधा गधा घोड़े से ज्यादा मिलत कर सकता है। इसका भूरा होता है। परन्तु परब आदि देशोंके गधे कुछ कुछ चमड़ा सूखा और बहत बड़ा होता है। इसीसे कोड साल रहते हैं। पहले युरोप और अफ्रीकामें गधा म अाक्रमण कर नहीं सकते। मानो से कम सोता है। था। यह अरबसे मिसर, मिसरसे य नान, य नानसे परब और मिसरका गधाविकाना ही जल्द चलता, होशि-