पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष षष्ठ भाग.djvu/२३१

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गर्दभ २०२ गार भी रहता है। कायरो नगरको स कारी नगरकी बडी मडक पर। करके खडे खड़े देखा करता है-किम तरह कहाँले धिोंको किराये पर देनके लिये जीन और लगाम लगा उतरूगा । उम मौके पर मवारक हजार बार मारत भो करके तैयार रखते हैं। किरायदार गधे पर चलता ओर गधा नहीं मरकता, मिर्फ उसी गहरे गड़े को तरफ धिवाला उमको पोकेमे हांकते चलता और सामने देखा करता है डरसे कंप करक बीच बोच वह कने नोगों को हटानके लियं चिल्लाया करता है। मसलमान | भी लगता है। जब वह उतरना प्रारम्भ करता, मामनके हाजो गधे पर चढ़क मक्का पहचत हैं । न्य बिया देशक | पैर हम तारमे रखता मान्नम पड़ता मानो खड़ा हाने बड़े बड़ महाजन गर्ध पर चढ़ मिमर देशको जात हैं। चाहता है। फिर पोछक पर माथ साब ला करके वह राहमें लगभग २ महीने लगते हैं। गधा इतने दिन चल मामन पर मामन फैलाता है। इसी हालतमें रह करके करके भी नहीं थकता। अमेरिकामें पहले गधा न रहा, गधा एक बार नाचेको देखता है। फिर वह जल्द जल्द म्पन लोगों ने भेज दिया। आजकल वहां वंशवृद्धि होनसे नोच उतरने लगता है । उम वक्त मबार लगाम ढोल कितने ही गध देख पड़ते हैं। वह जगह जगह झगड देता है । लगाम खींचनमे एकाएक उमको चाल कर जाती बांध कर घमत हैं। फन्दा डाल करके उन्ह पकड़ना है। उनमें गधा पार मवार दोनों नीचे गिर करक मर पड़ता है। मकत हैं। मवार लगामको निकाल जोनम अपनो कमर बांध लेता है । एमी पहाड़ो गहमें गधे की उतरत देख चाकवा होना पड़ता है। गधक बाग्म कितनी ही अनोखी बात' सन पड़ती हैं। १८१६ ई०को कपतान उगडाम माल्टा उपहोपमें रह। उनके लिये जिब्राल्टरम एक गधा खगेद जाज पर चढ़ा करके माल्टा लिये जाते थे। ममुद्रको ऊंचो पाल गधका माम कड़ा होता है । ग्वानमें अच्छा न | लहगमें जहाज किसी रेतमे जा करके भि४ गया। वहां लगते भो बहुतमे लोग उसे खा जाते हैं। गालन माहब | मे किनारा बहुत दूर न था। जहाज के लोगों ने गधेको यह देखने के लिये पानोम धकेल दिया, वह तेर करके के मतमें वह मांस खानसे बोमारो हो सकती है । यूनानी | पहले गर्धक दूधमे बहुतमी दबाइयां बनाते थे । परन्तु अब किनार पहच मकता है या नहीं। सबने मोचा कि उमकी कमी पड गयी है। मोटी छोटी अच्को गधीका गधा यहीं मरा था। परन्तु गधा मजेमें किनारे पहुँच हो दूध, जो हालका व्याई हो और उठी न रहे, सबसे | उमोके पाम जा करके खड़ा हुआ, जिमसे वह खरोदा अच्छा होता है। उसको बच्च मे अन्न दाना घास खिला गया था। किनारेमे वह जगह एक कोम दूर होगी। करक रखना पड़ता है। ऐमो गधोका दूध वोमारक लिय| उम राहमे गधा कभी चला न था। बह त अच्छा है । यह दूध ठण्डा पड़ने पार हवा लगने । कायरो नगरके भो एक गधेकी बात कहो जाती है। बिगड़ जाता है । गधेका दूध दबाईमें लगन जमा लोगों वह नाचता ओर बहुतमे तमाशे करता था । जब उममे को जो विश्वास रहा, आजकल उठ गया है। कहा जाता कि सुन्नतान उसे घर बनानको सुर्यो और युरोपक आल्पस पहाड़मे उतरत ममय गधा जो ईट लेने भेजंगे, वह पर उठा आग्न मून्द करके मुर्देकी होशियारी दिखन्नाता, लोगोंको अचम्भा आ जाता है। तरह जमीन पर पड़ रहता था । परन्तु जब वह सुन्नतान- पहाड पर चढनको राह बहुत डरावनो है। एक ओर के अपने ऊपर चढ़के कोई जलमा देखनकी ओर ऊ चा और दूसरी ओर ख़ब गहरा है । कहीं चढ़ाव और | खिलाये जानेको बात सुनता, खुशीसे नाचन लगता था। कहीं उतार है। सिवा गधके वहां दसरा कोई चोपाया | यह कहने पर कि उसे उस बदमाश मोरतको ले जाना उतर नहीं सकता। उतरते समय गधा थोड़ी देर ठहर | पड़ेगा, मह लङ्गड़ाने लगता था । बहुतमो स्त्रियां इकट्ठो ___Vol VI. 58