पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष षष्ठ भाग.djvu/२४

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।
२९
खासिया--खामौ

दहा वो कुछ पाता, उसके घरवालों को मिल मौसेरे भाई के प्रभावमें बड़ा भानजा उन पद वा जाता है। मर्यादा पाता है। कोई उत्तराधिकारी न होने से राजा- धनी खासियाटको दीवारी खड़ी करके घर प्रादि की मारा विषय मिल जाता है। क्योंकि शव को जला बमाति । माधारण लोगों के घर पत्थर, महो या लकड़ी करके भस्म गाइन का भार पकेले राजा पर ही पड़ता की दीवार होतेयार हो जाते हैं।खामिया चावल, है। सेल्ला पहाड़ के खामियों को सम्पत्ति दो भागों में मझनी, सूपर भादिका माम पोर शाक भाजी खाते बंटतो है। परले पुरखों को मिली मम्पत्ति अन्त्येष्टि स्त्रीरुष दोमो को दिन रात पान खाना पच्छा क्रिया करनेवाला पात्मोय पावेगा। दूसरे मृत व्य शिका सगता है। पपना कमाया धन प्रादि उसके पुत्रों को मिलेगा पौर ___ यह हिन्दु पोंके धर्म अथवा ब्राधणों को बड़ाई जितने दिन उसकी मां फिर विवाह नहीं करती, विसकुल नहीं मानते । सब लोग उपदेवताको पूजा उपके खितान पिलानका भार पुवको को उठाना किया करते है। गेग होममे किमी प्रकारका औषध परगा। महों निय जाता। जिस उपदेवताके प्रकोपसे रोग ___खामियों में कोई कोई वेलम मिशनरियों द्वारा समता, उसको शान्तिके लिये वलि चढा करता है। | ईसाई धर्मकी दीक्षा ग्रहण करता है। उनके साहाय्य. विनोका सत्य होनस यशव दाह करते और उसका से यह लोग कुछ कुछ विद्यानुशीलन करने लगे है। मम किसी बर्तन पादिमें भर कर महीमें गाड रखते। ग्वामियात्री को कोई परमो भाषा या लिखो पोथोन थी। देगीय मोग कहा करते, जब वर समतल भूमि है।जहां यह भय गाड़ा जाता, चारों कानों पर चार पत्थर खडे करके अपरसे एक चपटा पत्थर दवा देने पर रहते थे, बाढ. उनका सबकुछ बहा ले गयो। फिर । खामिया मामाको देशान्तर प्राप्तिको मानते ____सोसे वह उल पहाड़ी जङ्गलम जाकर बसे थे । चार बताते कि मानव-जाति मृत्य के पीछे बन्दर, खामियाना (हिं. पु.) मनिष्ठाभेद, किसो किस्म का मंजीठ। इसका वर्ग पनि उत्सम रहता है। यह बेघड़ा, कछुवा, मेंडक पादिके रूपमें परिणत हो। खासियामे मंगाया जाता है। बावगे। इनमें जातिभेद नहीं होता। खासिया क्षत्रिय-एक पहाड़ो चत्रिय जाति । यह लोग यदि कोई खासिया ममान में रखता, उसके मरने विशेषतः नेपाल पार कुमाऊ', गढवाल प्रादि जिलों में पर उसका धन चादि मांको, मान रानसे मानो, रहते हैं। इनके २० भेद तक पाये जाते हैं। पपने को मानौके पभावमें बहन और उसके बाद भानजेको क्षत्रिय बतानात भी यह सोग यज्ञोपवीत कम पर. मिलता है। बहन न हानेसे भाई, भाई के पभावमें नसे हैं। बस देखो। .मामी या मौसी या उसके सड़के भादि मत व्यक्तिको खासिया ब्राह्मण-पार्वत्य प्रापजातिभेद । इनकी सम्पत्ति पाते हैं। यदि माई या मौसाके भी पुत्र मादि २५. श्रेणियां तक होती हैं, जैसे-धोवन, घटयारी, म रहे,तो मानीशी बहनें या उसके बेटे ही उक कनयारी, गरवाल, मुनवान, पपानोई, उपरती, चौनामा, सम्पत्तिके पधिकारी होते है। किसा स्त्रोके मरने पर कुठारी, घुमरो, दोर्वास, सनवाल, धुनीता, पानड़ी, उसका विषय उसकी माको प्राप्य, माताके म रहनेमे लेमडारी, चवमरास, फुलोरिया, पोलिया, मनियास, उसके भाई या बहन या भानजे पाया करते है। जा चौटामो. दलाकोटो, बटनाकोटी, पराली. धराता. वशिमामाके घरनरके खारके घर पर हारता, पंचोली. बनरिया. गरमासा, बसौनिया, विरारिया, उसका विषय उसकी सोको मिलता है; स्खोवे मर बमारी इत्यादि। जाने पर उसके बेटे पाया करते मत व्यक्षिका सामी (प. खो०)१ पच्छा. बढ़िया(स्खो.) राजा पद वा उपाधि उसके भाईकोही मिनती है, भाई न या बादशाह अपने पाप बांधनेको तलवार, ढाल रामेसे मोसेरा भाई उसका पधिकार करता है। या बन्दूक