पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष षष्ठ भाग.djvu/२४७

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गर्वण-गहशङ्कर २४५ ३ व्यभिचारि भावविशेष । साहित्यदपणके | गढ़वंशके प्रधान ग्वीची चोहान राजपूत हैं जिन्हें राजा- मतसे गर्व का दूसरा नाम 'मद' है, यह प्रभुत्व, धन, की उपाधि मिली है। वर्तमान राजा १८.०१ ई में राज्य- विद्या, सत्क लजातत्व प्रभृति द्वारा उत्पन्न होता है । सिंहासन पर बेठे थे । राज्य की आमदनी लगभग २२००० गर्व ण ( म० पु. ) एक पर्वतका नाम । क. और कुल खर्च १३००० है । जामनेरमें गज्यका मदर गर्व प्रवारी वि० ) गव का नाश करनेवाला, घमण्ड | है जहां एक अस्पताल और एक विद्यालय है। चूर्ण करनेवाला। | गहचिरोली ( गढ़चिरोली )---मध्यप्रदेशमें चान्दा जिलाकी गर्व वंत ( हिं० वि० ) धमंडी, अभिमानी । तहमोल। यह ब्रह्मपूरीक जमीन्दारी मंट और चान्दा गर्वर ( स० पु० ) गोयं ते इति ग-निगरण वरच् । १ अह- जिलाका कुछ अश ले कर बनी है। भूपरिमाण ३७०८ झार, घमड । २ नायक । (त्रि०) ३ अहङ्कारी, घमडी ।। वर्गमील और लोकमख्या प्राय: १५५२१४ है । इम तह गर्वाट ( स० पु. ) गवण अटति अट -अच् । हारपाल, मोग्नमें १०८.८ ग्राम लगत हैं । इमका मदर गह चिरोली वह जो दरवाजे पर रक्षाके लिय नियुक्त हो, दरवान। ग्राममें है जो चान्दा शहरमे ५१ मोलकी दूरी पर बमा गर्वाना ( हिं० अ० कि० ) गर्व करना, अभिमान करना, है और जहां २०७७ मनुष्य बाम करते हैं। इसमें १८ घमड करना। जमीन्दारी पड़ती हैं जिमका भूपरिमाण २२५१ वर्ग- गर्वालाव (सं. स्त्री.) पाताल गरूड़ी। मोन और जनम च्या प्राय: ८२२२१ है। नत्रका अधि- गवित (म त्रि.) गव कतरिक । गव युक्त, अभिमानी। कांश पहाडो पार जगलमय है। जमीन्दारीक वाहर (स्त्री) वह नायिका जिमको अपने रूप और गुणका ८४ वर्ग मौन क्षेत्रका मरकारो जगल है। घमंड हो। गर्हण ( म० क्लो० ) गई कुत्मने भाव ल्य.ट । निन्दा, गर्थिन् ( स० वि० ) गर्वोऽमयाऽरतीति इनि। गर्व युक्त, ! शिकायत । ( भारत १२ ०५२ ५० ) घमंडी। गर्हणा ( म० स्त्री० ) गई भाव युच् टाप । निन्दा, अप- गर्विष्ठ (म त्रि० ) गर्व युक्त, घमडी, अहंकार करन- बाद, बदगोई वाला। गहणीय ( म. वि. ) निन्दनीय, निदाकरन योग्य । गर्यो (हिं० वि०) घम'डी, अहंकारी। (भारत, वनपर्व) गर्वीला (हिं० वि०) अहंकृत, घमडमे भरा हुवा। गहदिवाल ( गढ़दिवाल )-पंजाबके होसियारपुर जिले गर्मी बम्बई प्रान्तकी एक जाति । इनका काम ढोल | और तहसीलका एक शहर । यह अक्षा० ३१ ४५ उ० बजाना है। और देशा० ७५४६ पू. होमियारपुरमे १७ मोलकी गह (गढ़)-ग्वालियरक अधीन सेण्ट ल रण्डिया एजन्सीम दूरी पर अवस्थित है । लोकमख्या प्राय: ३६५२ होगी। खोचीवंशका एक क्षुद्रराज्य । भूपरिमाण ४४ वर्गमील गुड़ व्यापारके लिये यह स्थान प्रमिह है। यहांको पाय और लोकसंख्या प्रायः ८४८१ है। पहले यह राघगढ २३०० रु. और कुल खचे २२०० रु. हैं । यहाँ एक सर- राज्यकं अन्तर्गत था, किन्तु पापमो झगडाक कारण खीची कारी अम्पताल भ है। परिवारके बहुतोको अलग अलग जागीर दी गई, और गई शङ्कार-१ पञ्जाबमें होमियारपुर जिल्लाको एक सह- १८४३ ई में विजयसिंहने ५२ ग्रामीको एक मनद ली मौल। यह अक्षा. ३० ५८ मे ३१ ३१ उ. और जिमको आय लगभग १५००० रु. थी। यह राज्य छोटी देशा० ७५.५१ मे ७६३१ पू०में अवस्थित है। भूप- छोटी पहाड़ियों में विभक्त है, इमलिये यहां उपज अच्छी रिमाण ५०० वर्ग मोल है। लोकसंख्या लगभग होती है। पोस्ता भी यहां बहुत उपजाया जाता है।। २६१४६८ होगी । गहँ शङ्कर शहर इसका मुख्य सहर है. और एससे अफीम प्रस्तुत कर उजैन भजी जाती है। रघु-। इसमें मिर्फ ४७२ गांव लगते हैं। तहसीलकी पाम- Vol.VI 62