पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष षष्ठ भाग.djvu/२७१

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

गांठ-गाइड २८ का अक तम्बाकू डाल करके निगालीसे पीया जाता है।। फन्न रहता है। मनुष्य मौंकेसे झाड़ तथा छोटोर उसमें बड़ा नया होता है। अपने देशम भांग पी करके टोकरी बनात और पौधको काटकर छप्पर छाते हैं। इस लोग वैसे ही मतवाले बन जाते हैं। गजा पीनेसे का मूल सुगन्धित होता। फारसी भाषाम' इसे खस मानसक अवस्था कसो हो जाती, धर्तसमागम नामक और संस्कृतम उशोर कहते हैं । २ गिरहदार एक प्रकार संस्कृत प्रहसनमें निरूपित हुई दिखलाई है- यह बहुत फलती तथा स्थान स्थान पर जा 'दलति उदयमेत मोहमति चेत: पकड़ती है। मवेशी इमे बहुत पमन्द करते । यह कईई, स्फटति सकलदे कोक सयन्थिमन्वि: । कमेन्ली तथा मोठी होती है। यह दार, तृष्णा, कफ़- सिम विम शिल्यान्म नमागतममान शिव शिव शिव सद्यो जोवन' कुटातीव । पिनको दूर करता ओर लोह के विकारको नष्ट करता किमी किमो डाकरके कथनानुमार गाजा पोनेसे लोग | है। गण्डदूर्वा । पागल पड़ जाते हैं। इमसे जो अनिष्ट आता, उमको गांड़ा हिं० पु.) १ किमी वृक्ष वा पोधेका कटा हुआ निवारण करने के लिये शिक्षित ममुदाय सचेष्ट दिस्व- भाग। २ ऊखका वह भाग जो कंबहम देकर रस लाता है। परन्तु खेद है-मरकार इमका व्यवहार नहीं निकालते हैं। ३ जख, ईख, केतारो।। रोकती। लोग गांजा पी पी करके उत्पन्न हो रहे हैं। गोंडी (हिं. स्त्री० ) चौपायोंकि खानेकी एक तरहको 'कमी कविन कहा है... घाम । इसको जड़ सुगन्धित होती है। इस घास- “गजवा न पौधो म यो गरमौ नगत है। में विशेषता रसवातकी है कि सुखा बरदा या बारह नरिश सकल करेजी। माम रख देने पर भी इमका स्वाद नहीं वदनता। गाँठ ( हिं० स्त्रो० ) गिरह ।। गॉड़ (हि. वि० ) १ जिमे गांड मरानिको आदत पड़ गई गांठकट हिं० पु. ) वह चोर जो पामक कपड़े में बंधे हो। २ निकम्मा। ३ जिसे साहम नहीं हो, कायर, ए रुपये उठा लेता है, गिरहकट । २ उचितम अधिक | डरपोक । मूल्य पर सौदा वेचनेवाला, ठग। गातो (fe. स्त्री० ) गाली देवी। गाँठगोभी (हिं. स्त्रो० ) एक प्रकारको गोभी। इसमें गॉथना ( हि क्रि० ) १ गन्थन करना, गूथना। २ योग गूदेदार गाँठ होती है। इमको तरकारी बनाई जाता है। करना। गाँठदार (हिं० वि० ) जिममें बहुन गिरहें हों। गाँधिल-पञ्जाब प्रान्तकी एक जाति। यह स्लोग व्यापार गांठना (हिं० क्रि० ) १ गांठ देना। २ जोर्ण वस्तुओंमे | करते और युक्तप्रदेशमें भी अल्पसंख्यक मिलते हैं। चीप देना। ३ मिलाना, योगकरना। गॉव (हिं पु० ) वह जगह जहां बहुतसे रहस्थ रहते गाँठी ( हिं० स्त्री० ) १ स्त्रियोंके हाथों की कुहनीका एक हो। छोटी बस्ती। प्रकारका गहना। २ भूमे वा डंठलका गांठदार छोटा गॉस (हिं स्त्रो०) १ गन्थन, बंधन । २ प्रतिरोध, रोक छोटा भाग। टोक। ३ वर, ष, ईर्षा। हृदयको गुप्त वात । गाँड़ (हिं. स्त्रो०) १ गुदा। २ किमो पदार्थके नीचेका ५ तीर वा वरकोका फल, अस्त्रका अग्रभाग। ५ अधि- भाग जिम बाधार ।। के हायड रह सके. पंदो, तला। कार, शामन । गाँडर (हिं. स्त्री० ) हाथ वा सवा हर लम्बो एक तरह | गॉसना (हिं० कि० ) १ ग्रन्थन करना । २ गठना, कसना, को घास । जहां जल बहुतायतसे मिलता, उसी ठम करना। स्थान पर यह घास उपजतो है। विशेष नेपाल- गोंसी (हि. स्त्रो०) तीर वा बरकोका फल, किसो अस्त्र को तराईमें पायी जाती है। इसको पत्तो मविताता || का अग्रभाग । जेष्ठ पार आषाद मासमे इसकी सूखी जड़में अशरफ गाइक देखो। होते और धीरे धीरे बढ़ने लगती है। इसको सौंक | गाँव अ० पु.) १ पथदर्शक, रास्ता दिखानेवाला । Vol. VI. 68