पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष षष्ठ भाग.djvu/२८

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खिलभत-खिलात

४ परिशिष्ट । ऋग वेदका श्रीसून पादि, यजुर्वेदका लोकसंख्या ३११४३ ।। राज्यके उत्तर की भूमि शिवसाय प्रति पौर महाभारतका हरिवंश "खिस' पथरीसी, परन्तु दक्षिणपविमकी उपज है । वार्षिक- बहलाता है। प्राय १ साख १० हजार और वृटिश गवर्नमेण्ट को हिमपत (0. स्त्री०)सरोपाव, बादशाह या राजासे । दिया जानेवाला कर १२६२५० रु. है। मिलनेवाली पोशाक वगैरह। यह मम्मान सूचनार्थ २ मध्यभारत के खिलचीपुर राज्यका प्रधान दी जाती है। नगर । यह पक्षा.२४३७० पोर देशा० ३६.३५ खिमकत (प. स्त्री०) १ सृष्टि, दुनिया । २ जनसमूह.. पू०में अवस्थित है। पाईन-ई-अकबरीमें इस नगरका भोड। नाम खनजीपुर' लिखा है। लोकसंख्या प्राय: ५१२१ सिसकोगे (हिं. स्त्री.) खिलवाड़, खेलकूद, हमी.। दिलगी। है। यहां डाकखाना, स्कूल, जेल और अस्पताल बना है। खिलखिलाना (हिं. क्रि०) पट्टहास करना, कहकहा मारना, जोरसे हसना। खिनजी ( फा• पु.) अफगानस्तान की सीमा पर रहने खिलचीपुर-भारतवर्षकी भूपास एजन्सी का एक देगी वाले पठानों को एक जाति । पला-उद-दीन एम खान- राज्य । यह प्रसा० २३.५२ तथा २४.१७. और दानमें खूब मशहर बादशाह हो गये। खिलजी देशा० ७६.२६ एवं ७६.४२ पू.के बीच पड़ता है। घरानेने भारतम १२८८ ई०से १२२१ ई० तक राज्य क्षेत्रफल २७३ वर्ग मील है। इसके उत्तर राजपूताना किया। 'एजन्मौका कोटा गल्य, पूर्वको राजगढ़, पथिमको खिलना (हिं० कि० ) १ फूमना, फटना, कली की पंख पन्दोर और दक्षिणको नरसिंहगढ़ है। इसका पुरामा डियां खुलना । २ प्रसव होना, मौजमें पाना । ३ पच्छा नाम 'खोचीपुरपाटन' है । पहले खिसची पर उत्तरका लगना, ठीक जंचना। ४ बोचसे फटना, दरकना। गागोर, दक्षिणको सारङ्गपुर और पश्चिम तथा पूर्व को खिमवस (प. स्त्री.) एकान्त, तनहाई, अलाहिदगी। र कुमराज तक चला गया था। परन्त पठानोंक पाक- खिमवतखाना ( फा० पु.) एकान्स स्थान, निराली मवसे धीरे धीरे घट पड़ा। मालवेका यह प्रान्त खिन- जमह। वाश बरनालायकी पावरवा की। खिलवाड़ (हिं. पु०) हंसी खेस, ठट्ठा। - खिलचीपुरकै राजा खीची चौहान। १५४४९० खिलवाना (हिं० कि.) १ भोजन करना, खाना दिन. को बसेमन या राज्य स्थापित किया । गागरोमकी वाना।२ खुप कराना। ३ घटाना, ख. खीची राजधानीसे क भगर कारण भाग भुजामा । ४ खोलें सगवाना, गठाना। पाना पड़ा था। दिमो-सम्राट में उन्हें जो को खिसाई (हिं• स्त्री.) १ भोजनक्रिया, खाना पीना । समद दी, उसमें भव रन्दोरमें लगनेवाला जीरापुर १खिशानेकी क्रिया । सडकको खेलानेवाली दाई। तथा माचनपुर परगना और ग्वालियरका राजाल. खिमाड़, खिलाड़ो देखो। पुर भी था। १७७. को या प्रान्त खोचियोंकि खिलाड़ी (हिं० पु.) १ खेम करनेवाला, कलाबाज । हाथ से निकल गया। कारण पभयसिंहको में धियासे खिलाडोका कान पकड़ लड़ना, पटा वमेठी घुमाना सन्धि कर सेना पड़ा था। १८७३ ई.को खिलचीपुरके और ऐसी की दूसरी कसरत करना है। २ जादूगर, राजा पमरसिंहको 'राव वहादुर'का पचनी खिनाब हाथको सफाई दिखानेवासा । बैंकों को एक जाति । मिसा । १८५८६०को भवानीसिंहजी सिंहासनारूढ़ खिलारी देखो। ए । राव वहादुर दुर्जनसससिंह साहेव बहादुर खिलात-बलूचस्तानकी गमधामी। इसका ठीक माम वर्तमान अधोखर है। राजाको सोपौकी सलामी) किसास है। बलूचसानके राजा खिशातके खान का मिलती है। । साते हैं। यह नगर पक्षा• २८५४७. और देशा