पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष षष्ठ भाग.djvu/२८९

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गाजीपुर-गाजीबग तरखां मिर्जा २८७ यास हो उनकी कब्र है। जलालाबाद और कासिमाबाद- सब अफीम यहां लायी जातो है। वहांको गवर्नमेलका में उनकी खड़ी की हुई ममजिदका भग्नावशेष प्राज महिफेन विभाग यहां अवस्थित है। गाजीपुरमें एक भो देख पड़ता है। अन्दुमा के मरने पर उनके पुत्र म्य निमपालिटो भी है। यहांको मज्जीमहोसे 'कारबो- फजल अली राजा शामन करते रहे। वाराणमोके राजा नेट व मोडा' बनता है। गाजापुरमें शोरा भी प्रजात बलवन्तसिंहने उनको निकाल करके गाजोपुर प्रदेश होता है। चोचाकपुरम कार्तिकी पूर्णिमाका गङ्गा मानो- अपने राजामें मिलाया था। १७०००को बलवन्त पलक्ष पर प्रायः १०००० मनुष्य समवेत होते हैं। सिंह के मरने पर चेतमिह राजा हए। लखनऊ नवाबके युक्त प्रदेगके गाजीपुर जिले की मदर तहमोल। यह सम्मति क्रममे गाजीपुर चेतमिहके ही अधिकारमें रहा। अत्ता• २५ २३ एव २५° ५३ उ० ओर देशा० ८५.१५ १७७५९०को नवाब आमफ-उद् दोलान बनारम राज्य तथा ८३ ४३ पू में अवस्थित है। क्षेत्रफल ३८१ बर्ग- अंगरेजोंको में 'या था। शेष १७८१९०को वारन मीन्न पोर लोकसंख्या प्रायः २६६८७१ है। इसमें एक हेष्टिगस ने चैतमिहको सिंहामनसे उतार दिया। उमी नगर भोर ८२४ गाव हैं। मालगुजारी कोई २६४... ममयमे यह अंगरेजों के अधीन हो गया। १८०५९ को और मेम ४८.००० होगी। गङ्गा आदि कई नदियां उत्तर- यहां भारतके गवर्नर जनरन्न लाई कर्नवालिमका पश्चिममे दक्षिण पूर्व को बहती हैं। मृत्य हा। उमी घटना स्मरणार्थ 'कन वालिम युक्त प्रदेशकै फतहपुर जिले की एक तहमोस । यर मान मेगा' नामको इमारत बनाया गया। इसमें ३२ अक्षा० २५४१ तथा २५.५५ उ. और देशा• ८. खम्भे और जघर एक गुम्बज है इसको कुरसो जमीमसे ३१ एव ८४ पू०के बीच पड़ता है। इसका क्षेत्रफल प्रायः ८ हाथ अची और मङ्गमरमर पत्थरसे अड़ी हुई २७. वग मोल है। अमोखर गजाक पूर्व पुरुष पररु- है। मधास्थलमें प्रस्तरखोदित लार्ड कर्नवालिसको अर्ध- मिशन इम नगरको स्थापन किया था। यहां एक किमा मूर्ति है। उमको एक ओर हिन्दू और दूसरी ओर मुसब- भी बना है। लोकसंख्या प्रायः ८१२२२ है। । मान प्रतिकति है। उत्तरको एक गोरा और एक मपाही गाजीबेग तरखाँ मिर्जा-मिन्धुदेशक एक मुसलमान शासन ऐसा बना, मानो शोकाकुल खड़ा हुआ है। सिपाहियों के कर्ता। यह मशहूर चङ्गोन खांक वंशसम्भूत थे। मुह बलवको सहर यहां भी पायो थी, परन्तु शोघ्र हो उतर पद जानबैग इनके पिता रहे। पिताके मरते समय इन गयो। का वयम १७ वत्सरमात्र था। इन पर बादशा चक- ___ अंगरेजों के अधिकारमे जाने पीछे १७८८ ई.को बरको बड़ी मिहरबानी रही । उन्होंने छोटी बही गाजीपुरम जमीनका जो बन्दोबस्त किया गया था, पाज इन पर सिन्ध 'शका मासनभार डाला । परन्तु मिर्जा भी चिरस्थायी रूपसे चला आता है। १८४० ई.को ईमातर खां नामक आत्मायक इनके विरुद्ध खड़े हो जाने भूमिके स्वत्वास्वत्व और अंगादि को न तन व्यवस्था की पर यह शासन कार्य न कर सके, उसके लिये चेष्टा करने गयो। बाकी मालगुजारी के लिय कितनी हो जायदाद लगे। पिटबन्ध खुशरु खाँ चिगरोसर्क माहायसे एक- बिको थी। १८५८ को जमीनके बारमें नया बन्दो- ने प्रतिवादी ईमातर खाँको परास्त करके सिन्ध दशमे बस्त होने पर उसके पुरान हकदारों के माथ नये हक- निकाल दिया। उन्होंने उमो मूत्रम अनक सैन्य संग्रह दारों का कितना हो झगड़ा और मुकदमा लगा। किया और फिर मम्राटके विपतमें अस्त्र धारण करनका गाजीपुर ही अपने जिला और तहसीलका प्रधान उद्योग लगाया। १०११ फमनोको अकबरने इनका नगर है। यह २५ ३५ उ० ओर देशा० ८३ ३८ ७ विद्रोह दबानके लिये विहारक शासनकर्ता सैयद खां पू०में बनारससे २२ कोम उत्तर-पूर्व पड़ता है। लोक-। और शाहजाद शाद-उल्लाको भेजा था। संस्था प्रायः ३८४२८ है। यहां चोनी, तम्बाकू, मोटा यह जब सम्राटकी अधीनता स्वीकार करके दिल्ली कपड़ा पोर गुलाबजल तैयार होता है। उक्त प्रदेशको परचे, अकबरन इनको क्षमा करकं फिर सिन्धु देशका