पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष षष्ठ भाग.djvu/३७४

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A . गुनाभट्ररस-गुटि प्रस्तुत होता है। इसको लगानेसे गलगण्ड रोग नहीं cina कहते हैं। पहले वह छोटा कीड़ा जैमी लगती, रहता। (सरनाकर) फिर धीरे धीरे बड़ करके कप बदलती है। उस समय गुनाभद्ररस (मं० पु०) वैद्यकोक्त औषधविशेष, एक यह ऊपरसे सूखी पत्ती लपेट करके अपना शरीर छिपा दवा। १॥ तोला पारा, ६ तोला गन्धक, ३ तोला गुरुज- लेती है। इसी डिम्बाकार अवस्थामें अंगरेज उसे बीज और आध आध तोले अयन्तोवीज, निम्ब वोज तथा __Cocoon कहते हैं। जैपालवीज मबको जयन्ती, धुस्त रपत्र, जम्बीर एवं गुटि अपने गठनानुसार नाना थणियों में विभक्त है। काकमाचोंके रसमें अलग अलग भावना दे धीमें घोंट श्रेणीभेदसे यह भी भित्र प्रकार होती और तरह तरह करके वटी बना लेना चाहिये । मात्रा ४ रत्ती है। इसके को रेशम उत्पन करती है। अभी तक ६० किस्मका वर्नमे ऊकम्तम्भ और वृद्रोग नष्ट होता है। रेशमी कीड़ा स्थिर किया गया है। कीड़ा कोषमें बड़ा सेम्द सारस गड) होने पर उसको काट करके कोई १० तितलियोंका गुटिका ( मं० स्त्री० ) गुञ्ज एव स्वार्थ कन्-टाप । गुञ्जा प्राकार बनाता और बाहर निकल पाता है। फिर उस तीन यव परिमाण । कोषमे रशम नहीं निकलता। इसलिये कीटक गटिमें गमित ( को०) गुप्त भाव क्त । १ गुजन, कल कल रहत ही रेशम खींच लेना आवश्यक है। शब्द । (त्रि.) २ कल कल शब्दयुती । गटिको निम्नलिखित कई एक थपियां प्रधान -- गुफा (हि.पु.) गोझा नामको बाँसकी कील । २ एक चीन देशका Bombyx mori, बङ्गालमें उसको प्रकारका कॉटायुक्त तण। ३ गूदा, रेशेदार गूदा। 'पाट' कहा जाता है। आजकल चीन, श्याम, भारतवर्ष , गटकना (हिं.क्रि.) कबूतरकी तरह शब्दकरना। ईरान, फ्रान्स, अमेरिका और इटली प्रदेशम इसको बात गुटका ( हिं० पु० ) १ गट का देवो। २ छोटे भाकारको पालते हैं। चीनमें कहावत है कि ई० सन्से २६४. पुस्तक। ३ लह। ४ गुपचुपमिठाई । ५ जावित्री, वर्ष पहले सम्राट होयाङ्गतको महिषोन सबसे पहले पिस्ता, कत्था, सोंग, इलायची, सुपारी इत्यादिसे मिश्रित रेशमका कीड़ा देखा था। भाज भी नानकिन नगरमें मसाला। इस तरहका मिश्रित मसाला कहीं कहीं ३२° उत्तर अक्षांश पर उसकी खेती खूब होती है। पानके खान पर खाया जाता है। परन्तु भारवर्ष में २६ अक्षांशके किसी स्थान पर गुटि गुटबैगन ( हिं० पु० ) एक तरहका कण्टकयुक्त पौधा, एक तोड़ कर कहीं भी रेशम नहीं निकालते । इङ्गलेगडक कंटीला पड़। केण्ट नगरमें शहतूतक पेड़ पर वैसी गुटि मिलती है। गुटरगू ( हिं० स्त्री..) कबूतरों की बोली। चीनक मुल्कमें Saturnia Pyretorum नामक गुटलस्थलम्-मान्द्राज प्रेसिडेन्मौके कदापा जिलान्तर्गत दूसरी भी कोई जाति है। एक ग्राम । यह मदनपल्लोसे ६ कोस उत्तरपश्चिममें भव. Bombyx religiosa को हिन्दीमें देवम गा या स्थित है। यहांके सामन्सको पौर मुमनमानोंके मध्य जोड़ी कहते हैं । यह आमाम और कछार प्रदेशमे उत्पत होता है। इसका रेशम सबसे अच्छा और चिकना रक्त पहाड़ नामका एक वृहत् स्त प विवमान है। समझा जाता है। गुटि ( सं० स्त्री.) गवते गु-क्षिप गुत अव्यताशब्द Bombyx Huttoni हिमालय प्रदेशके मसूरी वरति बेष्टयति, गुत-वटर पृषोदरादित्वात् साधु यहा नगरके पास पर्वतमें जमीनसे कोई ७००० फुट ऊपौर कुवते वक्रीक्रियते, कुट कर्मणि र निपा० । १ वटिका, हिमालयके पश्चिम भागमें समुद्रपृष्ठ अपेक्षा कोई ... गोली । २ वतु लाकार पदार्थ, गोल चीज। से .०० फुट चे तक सब स्थानों पर खूब उत्पन होता ___३ कोटविशेष शहतूतका कीड़ा । दूसरा नाम रेशमका है। रंग कुछ पीलापन लिये रहता है। रेशम अनग्राना कौड़ा है। इस जातीय कौटको पंगरेजीमें Bomby. जातीय रेशमोंसे ज्यादा मुलायम लगता है। यह