पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष षष्ठ भाग.djvu/४१

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खिलाफत ३६ पखोरमें घमाम साहिरके हाथ पपनेको सौंपने पर स्थापन करम का विचार किया था, परन्तु ८२१.०का मजबूर हुए । साहिरने उन्हें पकड़ कर कत्ल किया . उनके मर जाम से मन की बात मन में हो रह गयो। था। ८१३ ई.के सितम्बर महीने उनका सर काट ताहिरके लड़के प्रवदुलाने मेसोपोटेमिया पौर कर मामूनके पास भेज दिया गया। मिसरका बलवा दबाया था। फिर इवाहीम खसिफा ७ मामून्को सलतनत-प्रमोमके मरने पर ताहिरने जो भाग थे पकड़े गये, परन्तु खलीफामे उनको माफ बगदादमें मामून् को खलीफा बनाया। इनके समय कर दिया। वह गान बजाने की ताको दरवारमें कलाकागल, विज्ञान और साहित्य की अच्छी प्रवप्ति पाराममे रहकर करने लगे। हुई. परन्तु शुरूपात खूध सूफामी थी। ताहिर मेसो ___ मुकमें अमन चैन होने पर मामूनने अपना ध्याम पोटे मिया और सोरीयाके सूबे दार बनाये गये और विज्ञान और साहित्य पर लगाया था। उन्होंने गणित, उन्हें बम्तवा नसरको दबाने का काम मिला । पलोद । ज्योतिष, वैद्यक और विज्ञानकी पुस्तकं यूनानो भाषासे भी बिगड उठे थे । कूफार्म इन टवाटवान खेतमें। अनुवाद करायीं और बगदाद में एक विद्यालय खोसा एक फौज उतार दी । इसमको भेजो फोज उससे हारी जिसमें एक पुस्तकालय पोर एक वेधशाला भी थो। थी। फिा (राकके बमरा, बसौत और मैदान नगर सही आदेशसे दो मुविज गणित शास्त्रियों ने पृथिवीके भी दुश्मनके हाथ लगे । अलोटीन मक्का, मदीमा और वृत्तका पंश निर्धारण करने का काम अपने हाथ में यमनको दधा लिया। कूफा शव दल के सेनापतिन लिया । धार्मिक सिधान्तों में भी मामूनको दिलचस्पी नया सिक्का ढाला और राजधानी पर पाक्रमण करने रहो। ८३३ ६० को एक हुक्मनामा निकाल उन्होंने का भय देखाया। इसनने अपनी मदद के लिये हर सब विद्वानों को यह समझाने के लिये बुलाया था कि थमको बुलाया था, जिन्होंने पहुंचते ही दुश्मनका कुरान ईम्बर वाक्य नहीं । जिमने यह बात नहीं मानी, भाग बढ़ना रोक दिया। ईराकके सब शहर फिर कैट खाने में माना गया। मामनने इन अपराधियों को पब्बामियों के हाथ पा गये। फीकाका वलवा भी बगदादमे अपने पास सजायाब होने को तलब किया दबा था। हरमथ मयको खोफासे मिलने गये. था, परन्तु वह मुश्किलमे पदन पहंचे होंगे कि परन्तु लोगों के महाकान से मामूनने उन्हें कैदखाने सनोमामाको खलीफाके मरने की खबर लगी। ८३३६० के अगस्त में डाला था, जहां वह कुछ ही दिनमें मर गये। मास ठण्टे के दरयामें महनिमे उन्हें बुखार चढ़ा और ८१७.को मामन अपना उत्तराधिकारी प्रती पर. ४८ वर्ष उम्र में उनका मृत्य हुआ। .. रिदाको बनाने सार अब्बासो ताजुवमें पाये थे । बग मामून निरामो मिफनके पादमी थे और मन्म रके दाद को लोगों ने इस पर बिगड़ मामन को गज्ययंत बाद उनके जैसा खलीफा विरसा ही हुपा। किया और उनके बचा जाहीमको खनाफा बमा ८ मातासिम का राजत्व-मानूनके मरने पर प्रव शाक दिया। इस पर मामनने मनही मन सोचा कि दल पन-मोसासिम खिलाफतके मालिक और सन्हें कठपुतली जैसा समझते थे। एक दिन फदल ई.२० सितम्बरको बगदादम जा पहुंचे मरे मिले और पत्नी एकाएक चल बसे। मामूमने रक्षक तुर्की गुलाम रहे, जो ज्यादा जोर जुल्म करने इस पर अत्यन्त शाक प्रकाश करके फदम्तके भाई पर बगदादियोंके हाथों, जहां तक हो सका, मारे हसनको पपना वजीर बनाया और उनकी बेटोसे गये । मामासिमने बगदाद छोड़ मामरामें परमे रहने अपनी शादी भी कर ली। इसपर बाहीम खलीफाकी को रमारत वनवायी थी। ताकत घट गयी और उन्हें छिप कर अपना जान बचानो सहयुमके समय बसरा पौर बासितके बोच दसदस. पड़ी। ८१८ पगस्त महीने से मामूनकी पससी वाले मुकामको बारसे जाट नाम भारतवासियोंने कूमत शुरू हुई। ताहिरने अपने सिये पसग राज्य अधिकार किया पौर टिगरिमनदीमें पाने जाने वाले