पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष षष्ठ भाग.djvu/४३६

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पुष्प। ४३४ गुलकेश-गुलदावदो गुलकेश (फा० पु०) १ मुग केशका पौधा । २ मुग कंशका | गुलजारीलाल--एक जैन कवि, इन्होंने 'आत्मविलास' नामक एक पद्य ग्रन्य रचा था। गुलखरू ( फा० पु० ) १ नीलरंग पुष्पवाला पौधा या गुलझटी (हिं० स्त्रो०) १ ताग आदिका लपेट ज. बैठ कर उसका पुष्य । गोलोक आकारको हो जाती है। २ सिकुड़न, शिकन । गुलगचिया ( फा०) गिनगिनिया देखो। गुलझड़ी (हिं० ) गुग्नझरो देखो। गुलगपाड़ा ( अ० पु० ) शोर-गुल, हल्ला। गुल्लञ्चकन्द ( सं० पु. ) गुलगुड रसं अञ्चति अञ्च :अण. गुलगोर ( फा० पु० ) बत्तो काटनेको केची। गुलञ्च कन्दोऽस्य बह वी० । कन्दवशेष, गुल्लकन्दा । इसका गुलगुल्ल (फा०वि०) नरम, मोलायम, कोमन्न । पर्याय--गुच्छाहकन्द, वलाहकन्द, और निघण्टिका है। गुलगुन्ना (हि. पु० ) १ मैदा और मृत या तैलसे बना | गुलतराश ( फा० पु.) १ बत्ती काटनको कैंची। २ वत्ती हुआ एक तरहका पकवान ।२ आंख और कानके काटनेवाला नौकर । ३ बागके पौधोंको कतरने या छोट- मध्यका स्थान, कनपटो। नेकी कैंची।४ पौधोको छॉटनेवाला मालौ। ५ प्रस्तर पर गुलगुलिया ( फा• पु० ) बदर नचानेबाला, मदारी।। पुष्य पत्ती बनानका एक तरहका यन्त्र । गुलगुली । हि स्त्री०) हिमालयके झरनामें पाये जाने गुलता (हिं पु०) गुल लमें छोड़े जानेवाली मिट्टीको वाली एक प्रकारको मछली। यह प्रायः दो हाथ तक बनी गोलो। लम्ब होती है। इसके मांममें बहत कोटे रहते है। गुलतर्रा (फा० पु०) एक तरहका पुष्य, मुर्ग'श, जटाधारी । गुलगोथना (हिं० पु० ) कपोलका फुल्ला हा मनुषा, | गुलथी ( हि स्त्री० ) जमे हुए पानोकी गुठली वा वह मनुषा जिसका गान फला हो। गोली। गुलचन्ना ( फा० पु० ) गोलाचलानेवाला, तोपची। गुलदस्ता ( फा. पु० ) १ कई तरह के सुन्दर पुष्प और गुलचाँदनी (फा० पु०) पुष्प लगनेवाला एक तरहका पत्तोंका ममुह जो एक माथ बध रहता है। फलांका पौधा। यह पुष्प खेत रंगका होता और प्रायः रात्रि. गुच्छा । २ एक तरहका घोड़ा।से घोड़े का अगला कालमें ही खिलता है। बॉया पर गाँठ तक श्वत और दाहिने पैर का रंग पिचन्ने गुलचा ( फा० पु० ) प्रेमपूर्वक तथा धीरे धीरे गालों पर शेष पादोंके रंगके जैसा होता है। इस तरहका घोडा किया हुआ आघात । दोषी नहीं समझा जाता। गुलची ( फा० पु. ) बड़इयोंका एक प्रकारका यन्त्र, जो गुलदाउदी (फा. स्त्री० ) एक प्रकारका फलका पौधा । रन्देकी तरह होता है। ( Chrysanthemum Indicum) कार्तिक माममें गुलचीन ( फा० पु.) कलमसे लगाये जानेवाला एक तरहका व क्ष जो हर महिनामें फूलता है। इस वृक्षका इसमें फल लगते हैं जो देखने में बहुत सुंदर होते हैं। पुष्प ऊपरसे श्वत और भीतर कुछ पोले रङ्गका होता है।। वर्षाके पानी में यह पेड़ नष्ट हो जाता है। इस लिये मनुष्य इसे गमलों में लगाकर छाया में रखते इम पुष्पमें केवल चार या पांच दल रहते हैं। ऐमा कहा है। इम जाता है कि इस फलका अधिक सुगन्ध लेनेसे पीनम रोग पौध के पुष्यको भी गुलदाउदी कहते हैं। हो जाता है। गुलदाना ( फा० पु. ) गुलदस्ता रखनेका चीनी मट्टी या गुलछर्ग (हिं० पु०) भोगविलाम या पाराम जो स्वच्छन्दता | काँचका पात्र। और अनुचित रीतिसे किया जाय । गुलदाना ( फा० पु. ) बुदिया नामकी मिठाई। गुलजलील ( फा० पु. ) रेशम रङ्गानका अमबर्ग का पुष्प । गुलदार ( फा० पु०) १ एक तरहका खत रंगका कबू- यह खुरासानमें उपजता है। तर । एमके शरीर पर लाल या काले रंगके छोटे छोटे गुलजार ( फा० पु०) १ वाटिका, बाग, उद्यान । (वि.) बहुतसे चिन्ह होते हैं । २ एक प्रकारका कयोदा। २ हराभरा, आनन्द और शोभायुक्त । गुलदावदी ( फा० ) बुलाउदी देयो। '