पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष षष्ठ भाग.djvu/४३८

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गुलवग-गुला ईको गुलवर्ग जिला हुआ। मालगुजारी कोई १७ उपनाम नातिक था। उन्होंने जौहर-उल-मुग्यजुम नाम- लाख ४० हजार है । शिक्षा बहुत कम है। को किताब लिखो है। १८४८ ई०को इनका मृत्यु गलबग-- हैदराबाद राज्य के गुलबर्ग जिलेका दरमियानी हुआ। मका क्षेत्रफल ६७४/वर्ग मील और लोकसख्या गुलमेहदो ( फा० स्त्री.) एक प्रकारका पोधा जो आश्विन प्रायः १०३ ५१ है। एक शहर ओर १४५ गांव आबाद माममें फ लता है। इसके पुष्प कई रंगके होते हैं। हैं। यालगुजारो लगभग २ लाख ८० हजार रुपया है। (Impatiens balsamina) जमीन काली है। गुलमख ( फा० पु० ) गोलसिरेका एक प्रकारको कील । गुलबग-हैदराबाद राजा गुलबग दिविजन और जिले- फुलिया। का पुराना शहर और मदर। यह अक्षा० १७ २१ उ० गुलरेज (फा० पु० ) आतिशबाजीको फुलझड़ो । और देशा० ७६. ५१ पू॰में पड़ता है। आबादी कोई गुलनाला ( फा० पु० ) पोस्त के पौधेके सदृश एक प्रकार- २८.२२८ है। पहले वह हिन्दुओंका बड़ा नगर था। का पौधा। इसके पुष्प की भी गुललाला कहते हैं जो १३४७ ई.मे अहमद शाह वालो के शामन कालतक यहां बहुत सुन्दर और कोमल दीख पड़ते हैं। बह मानी राजधानी रहा, फिर वह मानी राजाओंको गुलशकरी ( फा० स्त्री० ) एक प्रकारको गुलाबो मिठाई। इमारतें और ममजिदं गिर गयीं। यह कालो जमोनकै गुलशन ( फा० पु. ) उद्यान, वाटिका फुलवारो बाग। मैदानम जमा हुआ है। १८७४ ई०के लगभग एक गुलशन-फारमो भाषाकं एक गुप्त कवि। यह उनका डिविजनका मदर होनसे इमने तरको पायो। आजकल उपनाम है, प्रक्कत नाम शेव मैद-उन्नाह था। कुछ यहां सूवटारका महल, बहुतमी मरकारो और अहल- दिनों वह दिल्लीमें रहे और कोड १००००० गजन्हें छोड़ कारोको इमारतं, मेगट ल जल, लोगों को हवाखोरीका चले। यह शाह अब्द ल अहद सरहिन्दाक चेले थे और वाग, एक बा तलाव, एक लंबा चौड़ा बाजार स्कूल, उनके मका तोथे करने भी गये थे। १७२८ ई०को इन- डाकखाना, दुमरे पबलिक दफतर और मूत तथा कपड़े का मृत्य हुआ। के पतलीघर हैं। ग्रेट इगिडयनपेनिनसुला रेलवका गुलशन पोर--हिन्दी भाषाके एक पजाबी कवि . टेसन शहरमे २ मील दूर है। वाणिज्य व्यवसायको "यह काई गौच नगर न पावा . सुनाव। बड़ी धूम रहती है। उत्तर-पश्चिमको पुराना किला है । मनदो मुरादा वारी पुनियानो माया चला गनन र मनावा॥" परन्तु उसको दीवारें, दरबाज और इमारतें बिगड़ गयी गुलखब्बो ( फा० पु०) १ एक प्रकारका पोधा जो लहसुनके हैं। बाला-हिसार टुर्ग अभी अच्छा है । पुराने किले- पौध जैसा होता है। इसका हिन्दी पयाय रजनोगधा, को ममजिद, जो पूरी तौर पर नहीं बनी, खूब लम्बी सुगधरा वा सुगधिराज हैं। २ इसो पधिका श्वत और चौडी है। सुगन्धित पुष्य । ३ एक खेल जो दाप बुझाकर खेला गुलबादला ( फा० पु.) एक तरह का पेड़, उदल । इसके रेशीमे मोटे रस्म बनते हैं। गुलसुम ( फा० पु०) सोनारीका एक यन्त्र यह नकाशन गुलबूटा ( फा• पु०) बल बूटा नक्काशी। और फ ल आदि बनानक काममें आता है । गुलवेन ( फा० स्त्री०) एक तरहको लता। गुलमोशन ( फा. पु० ) हलक आममानो रंगका एक प्रका- गुलभकमन्न (फा० पु० ) एक प्रकारका पुष्पका पौधा। रका पुष्प । यह पुष्प सिर्फ फारममें होता है। (Gompimenasluhosa ) गुलजारा ( फा० पु० ) एक प्रकारका गुलगुला। गुल्लमम्त (फा०पु० ) औषधविशेष। गुलहस्यो (फा० स्त्री० ) गबत्यो । गुम्लमा ( फा० पु. ) बकरीको अतड़ी, दुलमा, ल गूचा। गुला (सं० स्त्रो०) गुल: गुड़ इव रमोऽस्त्यस्याः । गुल, गुलमुहम्मद खाँ-दिल्लौके एक मुसलमान कवि। इनका वही वृक्ष ।