पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष षष्ठ भाग.djvu/४५७

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

गुलेटन-गुल्गुलिया होते हैं। कोई कोई इसके वीजीको माला बना कर प. पूतोंका बसाया हुआ है । यहां प्रधानतः सैयद और बनिये नते हैं। रहते हैं। कुछ दिन हुए मिहरवा पली नामक सेयदने गुलेटन ( हि पु० ) मसाला रगड़नेका कुर'उ प्रस्तरका कई मकान, एक पुल, एक बड़ी मस्जिद, अरबी और छोटा खण्ड । फारसीकी पाठशाला तथा काली नदी तक पकी मड़क गुलेड़गढ़ - बम्बई प्रान्तके वीजापुर जिलेमें बादामी तालुक बना गुलौठोको बड़ी उबति को। १८५६ ई०की २०वौं का नगर । यह अक्षा० १६ ३° उ• और देशा ७५ धाराके अनुमार शहरका इन्तजाम होता है। व्यापार- ४७ पू॰में बादामीमे ८ मौल उत्तर पूर्व पड़ता है। लोक को चनफिर रहनमे लोग मजैम हैं। सख्या प्रायः १६७८६ है। सूती और रेशमी कपड़े का गुलौर (हिं० पु०) वह स्थान जहाँ रस पकानेका भट्ठा हो । यहाँ काम होता है। इसके पड़ोसमें पत्थरको कोमती गुला ( हि पु०) लताकी तरह फैलनेवाला एक तरहका खाने हैं। १८६७ ई०को मुनिसपालिटी हुई । १५८० ताड़ यह सुन्दरवनके पानीक किनारे, चटगाँव, बरमा ई०को २य इब्राहीम आदिलके ममय किला बना था। आदि देशों में पाया जाता है। गोलफल नामक इसके वर्तमान नगर १७०६ ई०को एक सूखे इदको जगह पुरातन फल बह त बड़े बड़े होते हैं, ये इतने हलके निर्मित हुआ । १७५० ई०को रास्तिवाली के एक अफस कि ममुद्रमें बहुत दूर तक बहतं बहते चले जाते है। रने उमे ल टा था। १७८७ ई०को टीपू सुलतानने उसे इसके पत्ते छप्पर बनानके काममें आते हैं। अधिक्कत किया । मराठोंके एक बार फिर ल टने पर कुछ गुला ला-वामियानके निकटवर्ती एक प्राचीन नगर । दिन तक नगर खाली पड़ा रहा । परन्तु देमाईने गुलेड़ जङ्गोश खॉन इम नगरको नष्ट कर दिया। यहां बहुतमे गढ़ दोबारा श्राबाद किया था। नरसिंहने जब बलवा गुहामन्दिर और पहाड़ काट कर ता बना हुआ है। किया, यह फिर ल टा और खाली हुआ । १८१८ ई०को गुल्ला लिया--भारतकी एक जाति । कोई इन्हें वेदिया जनरल मुकरीने देसाई द्वारा अधिवासियोका लौटने का लोगोंको एक शाखा बतलात है। यह पशु पक्षियोंको प्रलोभन दिया था। १८२६ ई०को गुलेड़गढ़ अंगरेजोक मार, नाना प्रकार ओषधयां बेच, भोग्व मांग और बन्दर- हाथ लगा। का नाच दिखला जीविका निर्वाह करते है। गयाके गुलेराना (अ'• पु०) १ सुन्दर फ ल । २ एक तरह का गुला लियों में कोई कोई कहता कि रुक्मिणो नामको उन पुष्ष जिसका मधाका भाग लाल और ऊपरका भाग में एक आदि रमणी रहीं। उन्होंने मोहबाब नामक एक पीला होता है। शुत्र प्रसव किया। मोहबाबको फिर मात लड़के हुए। गुलेल ( फा. स्त्री० ) पक्षी मारने का कमान या धनुष, इन्हीं में एक गुला लिया भी थे । उन्होंन तालक पेड़मे झूद जिसमें मट्ठीको गोलियां चलाई जाती हैं। अपने अपने बलको परीक्षा ली। एक तो फांद करके गुलेलची (हि. पु० ) जो गुलेल चलानमें निपुण हो। निकल गया, परन्तु दूसरा गिर पड़ा। मोहबाबाने यह गुलेला ( फा० पु.) १ कमान या धनुषमें चलाए जामको देख उनको कूद फांदसे विरत किया था। गुला लिया. मिट्टोको गोली जिससे चिडिया प्रभृति मारो जाती हैं। का यह देख सुन करके आत्माभिमान हा कि उनके २ गुल ल । भाई ताड़ो बेचते फिरते थे। वह आत्मीय स्वजनोंका कीड़ गुलदा (हिं० ) गुदा दे बाहर निकल पड़े उमो रोजमे इनकं वंशधर नाना स्थानों गुस्लोह (फा० स्त्री०) गुड़ च । में घूमा फिरा करते, अपना कोई निर्दिष्ट वामस्थान नहीं गुलौठी-युक्तप्रदेशक बुलन्दशहर जिले और तहसीलका रखी । नगर। यह अक्षा० २८.३५ उ० और देशा० ७७ ४८ गुन्लगुलिया लोग अपनेक हिन्दू कहते हैं । परन्तु ... मेरठको सड़क पर पड़ता है। आबादी कोई ७२०८ उनके देव देवी स्वतन्त्र हैं। पटनकै गुलगुलिया बाप ता. । कहते हैं कि वह नगर मेवाती या गहलोत राज. वर, राम ठाकुर, जगद माई, बरेन, सेट्टी, गौर या, बन्दी,