पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष षष्ठ भाग.djvu/५

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...सातव्यवहार चौड़ाई पंदेकी लम्बाई चौड़ाईसे मिलती, इसको जनता से भाग देने पर की लब्ध पायेगा । इसलिये गहराई- सम वा जमवार कहलाती है। फिर जिसका मुख को सममिति ३ ठहरतो है। सममिति करनेसे इस तसके बराबर नम्बा चौड़ा नहीं रहता, उसको मन खातका पाकार मोचे सिखा-जैसा होगा- कोई मिखात कहता है खासके गाम्भीर्य को वेध कहते हैं। मिस गढ़ की सब जगरकी लम्बाई, चौडाई भोर गहराई वरावर नहीं पासो, उमको सममिति सममिति निकाल कर प्रक्रिया की जाती है। मोलावसीमें सम- मिति करनेका उपाय इस प्रकारसे लिखा है- गड्ढे में जो कई एक जगहें छोटी बड़ी नगें, उनको सूतसे नापके पनग पलग रखना चाछिये । फिर सबको खासफल नियाय करने का सपाय-खासके क्षेत्र- मिलाकर स्थानसंख्या अर्थात् नापी जामेवानी जगहोंके फलका वधमे गुण करने पर जो फल पाता. खासका जोड़से भाग लगाते हैं । इसमें जो नब्ध पाता, गड्ढेको घनफल कहलाता है। लम्बाई की मममिति माना जाता है। एमी प्रकारसे उदाहरण-दिखलाये हुए खासका फल स्थिर करो। चौड़ाई और गहराईशी असमानता होने पर उनकी भी प्रक्रिया-प्रदर्शित खातको सममिति करने पर सममिति बनानी पड़ती है। पायतक्षेत्रके नियमानुसार क्षेत्रफन ६६ ठहरता है। उदाहरण-जिस गडकी सम्बाई तीन जगहों में | इसके वेधको सममिति ३से गुण करने पर १८८ निक- १२, ११और १० हाथ, चौडाई ३ स्थानों पर लेगा । इसलिये खामका फल १८८ धमास्त। ५४ाथ पौर वेध ३ मुकामों पर ४, शंतथा २ हाथ है; धमाल देखो। ससको सममिति बनाये। . विषमखासके फलनिर्णय करने का नियम-मख. मेवफमा, समक्षेत्रफल पोर युतिज क्षेत्रफस (मुंगको सम्बाई पोर देकी लम्बाई के जोड़की सम्बार और मुहकी चौड़ाई तथा पंदकी चौड़ाई के नोडका चौड़ाई माम करके हिसाब समाथेमा पाता, युजित क्षेत्रफल बरसात) तीनो बारीको गोजमसे जो प्राधेगा, मे वह बांट दिया जावेगा। ममे जो सब्ध निकलसा, ममक्षेत्रफल ठहरता है । फिर समक्षेत्रफलको वेधसे गुण करने पर मिलनेवाला फस ही खातका धनफोता है। प्रक्रिया-तीनों जगहों की लम्बाई १२, ११.पौर उदाहरण-जिस विषम खासके मुखमा विस्तार २० का जोड़ ३३ है। इसको स्थानसंख्या ३से भाग १०, तथा दैय १२ पोर तबका विस्तार , देध । और करने पर ११ फन पाता है। इसलिये इस खासके | वैध 8-उमका घमफस ठीक करो।। देवी सममिति ११दुई। कार स्थानवयके प्रक्रिया-मुखका क्षेत्रफल १२०, तसका क्षेत्रफल विस्तार ७६ और ५का योगा । इसको स्थान ३.; मुखका दैय १२ पार तहमा देयं । तथा संस्था इसे बांटने पर । सन्धयोगा। सुतरां गड्ढे के दोनों का योगफत १८; मुखका विस्तार १० और समका विस्तारको सममिति । निकली। किन तीनों यानी विस्तार ५ तथा दोनों का योगफल १५ है। इन दोनो वैध ४१ और २का योगफल तापी योगफलों को बधामम देयं और विस्तार कल्पना करने