पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष षष्ठ भाग.djvu/५०

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8C खुटबाढ़वा-खुज्जाक का शरीर धोया मला जाता है। । खोस, होठोंके दर्शनका पा जाते है। खुखुन्दमें हिन्दुओंके देवालय हर दांतोंका निकास। तथा देवमति या पधिकांश टूट गयो।। . घटकदवा ( हिं० पु.) काममै सिया, कानका खूट खुगीर ( फा० प्र०) १ नमदा, घोड़ों के चारजाम में नीचेगी. निकासनेवाला। पोर लगनेवाला कपड़ा । २ नीन, चारजामा । बेकाम खंटफारी (हिं० वि०) प्रति दुष्ट, निहायत पाजी, बड़ा चोजांग जमाव 'खगौरकी भरती' कहलाता है। बदमाश काह(.go)खमित्व थक' शब्दं कृत्वा गाइते, ड (हिं. पु.) १ तणविशेष, एक घास । यह मोटा गा.प्रच् । खसपीतवर्णाश्य, सफेद पोले रङ्गका घोड़ा। रहता और काली जमीन में खब उपजता है। खंड दो खचर (हिं. स्त्रो०) व्यर्थ दोषारोप, झूठी ऐवजोई। हाथ तक बढ़ जाता और मोटा उण्ठस पाता है। खुजदार-चन चिस्तान के कमात गन्धका प्रधान स्थान इसका दूसरा नाम गुंड या गूमर भी है। पशु खड गैर कलात खां नायबके देशो सहकारीका सदर । यह बहुत कम खाते है । २ गुंठ, गुठा, कोई पहाड़ी टह। अचा. २०४८४० और देशा• ६६ ३७ पू. में खुडला (हिं. पु० ) क्षुद्र ग्राभेद, टूटा फूटा या गिरा पड़ता है। सिन्धी लोग इसको कोरियार' करते है। पड़ा झोपड़ा। इसके जरि सिरे पर १८७० ई० को एक किलो पना संदाना (हिं० क्रि०) कुदामा, नचाना, घोड़े पर चढ़ने । था। यहां उत्तरसे कलात, दक्षिणसे कराची तथा बैशा ससको कायदेसे चसामा फिरामा । पूर्व से कच्छी और पश्चि कसे मकरात तया खारामको शुक्य (हिं. वि.) । खासी, छूछा, जो रुपया पैदा खो सड़क पा करके मिली है। ग्रीष्म ऋतुम स्वास्थ्य अच्छा याचार बैठा हो । २ खिसाल खाये हुषा, जो साशके नहीं रहता। खेलमें हार गया । खुजलाना (Eि क्रि०) १ रगड़ना, नाख नसे मना । खड(हिं. पु.) राजकाभेद, किसी किसाकी गई। २ख जसो उठना, सुरसुरी चपमा। सुम (हिं. पु. ) सड़ा घुग पेड़, खोखमा दरपणात। खुमनाइट (हिं. स्त्री. ) खुजली, सुरसुरी, चुस । अखड़ी ( हिं. स्त्री. ) १ कुकड़ी, प्रांडी, सकुवा पा खुजली (हिं० स्त्री.) १ खुजलाहट, सुरसुरी। २ कण, लपेटा जपावागा। याब नमें सगती है। २ छुरीका- गैग, खारिश्त, खाजको बीमारी। भेद, किसी किसकी बड़ो छुरी। या प्रायः नपासमें खुनिस्तान-गनके दक्षिण-पशिम पवस्थित एक प्रदेश । सैयार होती। इसके उत्तर सादिस्तान तथा बख्तियारी पर्वत, दक्षिण सुपन्द- एक पुराना मगर । यह युखप्रदेशमें गोरख- रंगमको खाड़ी और पश्चिम वाटलस पारव है। खन पुरसे १५ कोस दक्षिण-पश्चिम अवखित है। किसी ___ स्तानका शासन कार्य पत्र पर पोर शस्तरके चैखों में समय खुखुन्द में बहुतसे लोग रहते और पुण्यस्यान 'टा है। शस्तर नगरमें हो सकी राजधानी है। जैसा समझते थे। पाज भी इसमें भूरि-भूरि प्राचीन करुण, दिजफुस, जुगी, करवा पादि बड़ी नदियां कोतिया पड़ी। पुराविद कनिहाम सारबने लिखा है। यहां बहुतसे लोगों के घर नौं, वह खोममि से .मान्दाको छोडकर तमा प्राचीन वंसावशेष रहते हैं। खोजस्ताममें भूगर्भस पर भी है। सगोदा कही देखनमें नौं पाया। नाम को की जसाभूमि पहले कासडियन सोसका पाजकस रस नगरमें उतने लोग नहीं रहते एक टकडायो। टोयोनेसकानाससियाना और अगह जगह मिन्दों को बहुतसो देवदेविी और जेन गेदोवासने 'मिस' लिखा। केरसमाके पास तो तरीके मन्दिर तथा प्रतिमतियां पड़ी है। परन्तु पुराने शहरका भग्नावशेष है। एक भी जैन यहां देख नहीं पड़ता। बीचवीच गोरख खुब्लाक ( पु.) शुज पाक निपातनात् लकारस्य पुर और पटनेसे श्रावक और बैंग बनिये यहां देव- हिवम् । देवताइच।