पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष षष्ठ भाग.djvu/५०२

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प्रसिद्ध रासायनिक फारडे माहबसे पहलेसे रामाय. पत्थरके कोयलीको जलनसे जो वाफ निकलती है, मिकोंकी ऐसी ही धारणा थी । परन्तु उन्होंने जब स्थायी | उसे रोक कर कोयलेको गैस बनाई जाती है। हाइड्रो. जैसको भी तरल कर दिखलाया, तव लोगोंकी धारमा जन और अङ्गारके सिवा बह कोई दूसरा चोज पलट गई। उनके बादको मुख्य मुख्य रासायनिकोंने नहीं है। सबसे बढ़िया कोयला, जो पत्थरके समान परीक्षा हारा स्थिर किया कि, अक्सिजन, हारड्रोजन | दीखता है और जिसमें अङ्गारका भाग अधिक रहता है, आदि गैस भी यथेष्ट उत्ताप ओर दाब पड़नेसे तरल और उससे उत्तम गैस बनती है। जिन कोयलोंमें तेलका जड़ी भूत हो जाती है। भाग अधिक हो (Bituminous Coal), उससे ही सब- २ कोयलेसे पैदा हुआ तीब्र गन्धयुक्त आलोकप्रद से अच्छी गैस बनती है। जिन कोयलोंसे गैस बनती वाष्पविशष। है, उनको बाहर न रखना चाहिये। क्योंकि वर्षा होनेसे सौ वर्ष पहले कोई भी नहीं जानता था कि, कच्चे। उनमें पानी लग जायगा,और वह पानी भाफ़के साथ मिल कोयल को भाफ या गैससे आलोक उत्पन्न होता है। जायगा। इस पानोको गैससे पुनः निकालना पड़ता विलियम मरडक नामके एक अग्रेज विलायतमें कोय है। पत्थरके कोयले में आग लगानसे उसमेंसे जो खूब लं को खानमें काम करते थे, उनन मबसे पहले १७८२ | घना और काला धुओ निकलता है, वहो जलानको गैस ई में कोयले की खान के कोयवेको लोहे के पात्र बन्द | है। परन्तु इसमें बहुतसे कोयल के सूत्रम टुकड़ रहते हैं, करके उत्ताप गेम बनाई थी । इमी ममयमें फरामोदेशमें | और उनसे घरमें कारौंच पड़ती है। कभी कभोतो बसी- लवेन नाम के एक फरामीम ऐसे हो गम बनाई, और | के धमाके साथ उड़ कर घरसे बाहर जमीन पर भी गिरते उमक गुण और अवगुणों का आविष्कार किया था | हैं। अगरेज लोग जिम मिट्टोक पाइपमं तमाखू पीत हैं, परीक्षा करके मरडकने जब देखा कि, उस गेमके | उसमें अगर पन्थरके कोयल को चूर रख कर ऊपरका पालोकमे घरमें ख ब ही उजियाला हुआ, तब उनने भाग मिट्टीसे ढक दिया जाय, और फिर उसको आगमें अपने दृष्ट मित्रों में गेसको उपकारिताको चर्चा की। रकवा जाय, तो उस पारपर्क मुहसे धुआंमा निकलेगा । पहले तो मबमे हम कर उनकी बातको उड़ा हो दिया। यहां गैस है। उस धुएं में आँच लगा देनेमे वह जलने वे निमहाय दरिद्र थे, रमलिए 'पटेगट' न कर ससे। लगेगा। इसी प्रकार बड़े बड़े लोहे या मिट्टोके पात्र कमशः लोगों को गैसके आलोकको उपकारिता मालम कोयलेको चूर भर कर नीचे आग जला देनसे बहुत गैस सकर लगी। रासायनिकों की सहायतासे विलायतमें पैदा होती है, इन पात्रोंको रिटर्ट ( Retort ) कहते गलन (अंगारखाना खुल गया। परन्तु वह सुचारुङपसे | हैं। पहले लोहके पात्र में कच्चे कोयले वन्द करके गैस 'मेरके बराबर है.मरडकके एक शिष्यने उस कारखानेका | बनाई जाती थी ; अब भो बहुत जगह मिट्टीके पात्र भी या पदार्थ मापे जातग दिया। फिर गैसके कारखाने में काममें आने लगे हैं। क्योंकि, अग्निके उत्तापसे मिट्टो- गैलरी ( ० स्त्रो०) । इस नफे को देख कर बहुतों ने का पान जल्दो विगड़ता नहीं। प्रब लोग ज्यादा उत्ताप स्थान। इस तरहका स्थान से *हो गैस पैदा कर गली देकर जल्दी जल्दी गैस बना कर बेचते हैं। परन्तु लयों आदिमें बनाया जाता है। कोई कोई बकसमें भर कर साधारण उत्तापसे जो गैस पैदा होती है, जियाला नुमा स्थान करने लगे। अब विला. उसीका अच्छा होता है। गैला (हिं. पु० ) १ गाड़ोके पमिमें गेमके कारखाने हो गैस बनानेके पात्र साधारणत: १०१२ हात लम्बा लकीर। २ गाडीका मार्ग, गाड़ी होता है। कोई कोई पात्रके ऊपर और नीचे, दोनों गैलीलियो-इटाग्नीवासी प्रमिद्ध वि.. तरफ ढक्कन रखते हैं। कच्चे कोयलीमे गैस निकल जाने तु उसमें खच जादा पसा क्रियासिद्ध विज्ञानके उद्भावक । .... -मसिने सैलस गस पर वह कोक कोयला अर्थात् वह रसोई करनेके काममें परीवरोको १५ तारीखमें पाईसा नगरमें पाता है। दोनों तरफ ढकन रखमेसे कोक-कोयला