पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष षष्ठ भाग.djvu/५०४

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५.२ होने पर भो वह गम विशुद्ध नहीं होती। उम अवस्थामें | सामनेको अन्यान्य वाधाओको अतिक्रम करतो हुई वेगम भी गसमें अमोनिया, गन्धक, अङ्गाराम्ल ( Carbonic चलती रहता है। acid ) आदि पदार्थ वाष्पाकारमें मिथित रहते हैं। ये गम जब नलक द्वारा पहिल पहल ऊपर चढ़ता सब कच्च पत्थरके कोयलेमें भी रहते हैं। कोयला जब है, तब उममें अलकतराका जो अंश रहता है, उसे उत्तापमे सेके जाते हैं, तब ये वाष्पाकार धारण कर गेम | निकाल कर गेमको साफ करना पड़ता है। गम के माथ मिल जाते हैं । गैसके ठगई होने पर अलकतरा जब गरम रहता है, तब उसमें अलकतराके अश वाष्या को तरह यह पृथक् नहीं होते। ये वाष्पकी भॉति बराबर | कारमें मिल रहते हैं, और उमक ठण्ड होत हो अलक- गेमके साथ रहते हैं। इमलिए गैममे इनको पृथक करने | तरा जम कर पृथक हो जाता है। नलके भीतर नमक में बड़ी दिक्कत उठानी पड़तो है, ओर कभी कभी पूर्णतया | पहुचन पर उमसे कुछ अलकतरा तो अपने आप हो पृथक करना अमाय जान पड़ता है। परन्तु माध्या- पृथक् हो जाता है और वह एक होदम जा करके जमता नुमार पृथक करना ही पड़ता है। क्योंकि, वे पदार्थ रहता है। इसके बाद गम जब ठगडी हो जाता है तब लोगोंके घरमें जलनेमे नाना तरह के अनिष्ट कर सकते हैं। उससे अवशिष्ट अलकतरा भा निकल जाता है । उत्तम भोर करते भी हैं। इसलिए गम नलके भीतर पहुंचने पर गमको सहमा शोतल न करना चाहिये । एमा करनमे जहां तक बने, इसको विशुद्ध करने का प्रयत्न करना चाहिए। नलमें नमक सरोग्बा एक पदाथ जम कर उमक विद्रांको पहिले गेममे अलकतरा निकाल लेनका प्रयत्न किया जाता बन्द कर दता है। इस पदाथ का नाम नै फालिन् है। क्योंकि अलकतरायुक्त ग म ज्यादा दूर तक जानेमे ( Naphthalin है । न फ थालिन्का भा मूल्य है। - नन्नमें जम कर नल बंद हो जाते हैं। गमसे अलकतरा इसे लत्तम बांध कर कपड़ों में रख द नसे उन कोड . प्रथक हो जानेपर अमोनिया, गन्धक आदिको पृथक करन- नहीं लगते। परन्तु गम बनात ममय नलमें नफ या . का प्रयत्न करना चाहिए। इसके लिए गेमको नलांक और लिनको जमरी देना ठीक नहीं क्योंकि उमस नलक नाना सरहके यन्त्रोंमें घुमाना पड़ता है। जिसप्रकार बांध अनिष्ट हानको हो सम्भावना रहता है इमक सिवाय द्वारा बाट रोकी जाती है, उमो प्रकार ये यन्त्र उम गैसके गैसको कुछ आलोकप्रदायिनी शक्ति जम कर इम नै फ- वेगको रोक देते हैं। जिस प्रकार बाँधके पास बहुतसा थालिनको आलोक मुष्टि होती है । इस लिए जिम पानी इकट्ठा होकर बांधके ऊपरसे पानी निकल जाता है। गैससे न फ थालिन् निकलो हो वह गैस अच्छी नहीं उसी प्रकार उन यन्त्रांके पास बहुतसो गस इकट्ठो होकर | प्रतएव उत्तल गसको सहमा ठण्डी न कर धोर धोरे फिर मागे बढ़ती है। मामने दम प्रकार विलम्ब हासे शोतल करना योग्य है। कोयल के रिटर्ट पात्रस गेम रहनसे पोछेको गेसका वेग क्रमशः घटता जाता है। निकलते हो उसे ठण्ठो करना ठोक नहीं बल्कि उमे हाइड्रोलिक मेनके लिए उम अलकतराको पार करना | बहुतमे नलॉमेंसे चलाना हो उचित है। नलांमेंसे गस काटकर हो जाता है। कोयलाके रिटर्ट पात्रमें भो गेम ऊो नोचो होती हुई क्रमशः ठगड़ो होतो रहती है। जम जातो है। ऐसा होनसे मम तरहसे विपत्तिको अन्तमें खिग्ध नल आर पात्रोंमें गमके चलते फिरते रह- सम्भावना रहती है। इसलिए पोछेमे गैसको जोरसे नसे अलकतरा बिल्कुल पृथक हो जाता है। वहतम ढकेलनेके मिवा दमरा कोई उपाय नहीं। साधारणतः | खड़ नल जिसमें बाहरका हवा लग कर भोतरको गसको आहरको वाष्प हारा हो यह काम किया जाता है। ठगडी करतो है; उन्हें स्निग्ध नल कहते हैं। किसी किमी हाइड्रोलिक मेनके उस अलकतरेके पास गेम पहंचने के कारखानमें इन नलोक भोतर कोक-कोयले या ईटके पहिले वह यन्त्र लगाया जाता है। वाष्योय वलसे वह टुकड़े भो रहते हैं। इनके सहयोगसे ग सका अलक- यन्त्र ग सको बराबर ठेलता रहता है। इससे वह गैस | तरा जल्दो हो पृथक हो जाता है। पौर कहीं कहीं ये बड़ोपासामोसे पलकतरेको पार कर जाती है। और सिन्ध नल पानीमें भो विकादये जाते हैं। इससे भो