पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष षष्ठ भाग.djvu/५१४

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५१२ - कुमारिका अन्तरीपसे हिमालयके प्रान्तदेश पर्यन्स । प्रकारका सङ्कर गो ( Ros sylhetanus ) पाया जाता जङ्गलोंमें गौ देखे जाते हैं। भारतवर्षके पश्चिम नील- है। ब्रह्मदेशक 'वेनटेन' नामक जंगली गाय (Gavacus गिरि, वायनाड़, कुर्ग, बाबाबुदन और महाबलेश्वर पवतो. Sondaicus) उत्तरमै चट्टग्राम तथा दक्षिणमें मम्लय तक में ये झण्डके झुगड़ रहते हैं। नर्मदा और ताली नदीके | समस्त स्थानों में रहती है। मध्यवर्ती वनों में पुलने, दुण्डिगल पहाड़, शान्दामङ्गल युरोपोय प्राणितत्त्ववेत्ता पालित गोक मध्य जिसे ककुद पर्वत पर तथा बेल्लुरके निकटवर्ती सर्व रव पर्वत पर होता उसे Zabu श्रेणो तथा ककुदविहीन गोलाकार- गोदावरी और कृष्णा नदीके मध्यवर्ती स्थानमें, कटक, शृङ्गविशिष्ट गोको Tanrees और ककुद हीन चिपटेशृङ्ग मेदिनीपुर, मध्यभारत, महिमर, नेल्ल र, अयोध्या, रोहिल गोको Gavalus श्रेणीके पशु कहते हैं। खण्ड, शाहाबाद और मुजफरनगरके निकटवर्ती दोसाब- ___ यूरोपके पोलैण्ड, कापै थीयपर्वत, लिथुयनीया तथा में ये जंगली अवस्थामें देखे जाते हैं। एसियाके ककसम् पर्वतकै निकटस्थ वनमें एक जातिका हिमालय प्रदेशके हिमावृत स्थानों में एक तरहका गो रहता जिसे वाइसन ( Bison ) कहते हैं। बहुतों- धन्य गो ( Poephagus Srunniens ) देखा जाता है का अनुमान है कि वर्तमान गृहपालित मवेशी वाइसन- एवं वहाँक रहनेवाले खेतीके काममें लानक लिए चमरी मे हो उत्पन्न हुवे हैं। उत्तर अमेरिकामं जो वाइसन गो (Yak ) पोषते हैं। मर। गो देख।। ब्रह्मपुत्र नदक देखे जात उनका शरीर बड़े बड़े महिषांसे भी वृहत् पूर्वस्य पार्वतीय स्थानोंमें, आसाम उपत्यकाके मिश्मि होता है। इनके मस्तकर्क लोम विशेषत: गर्दनके जमीन पहाड़ और उसके निकटवर्ती स्थानसे उत्तर और पूर्व में पर लटकते रहते हैं। एक गुच्छा लोम तौलामें चार सेर चीनदेशक प्रान्तसीमा पर्यन्त एक दूसरी तरहका गोजाति होता है। लोमसे जी सूर्त प्रस्तुत होते उनसे उत्क्लष्ट वस्त्र देखी जाती है। ( Gavocus frontalis ) म लोगों के और दस्ताना बनाये जाते हैं। प्रात: और सन्ध्या समय ये देशमें इस तरह मवेशीको गयाल या मिथुन कहते हैं। दल बान्ध कर बाहर चरन निकलते । रौद्रमें वृक्षकी छाया ये बहुत जल्द हिल जाते हैं । त्रिपुरा, चग्राम में शयन किया करते हैं। मनुष्यका इन्हें बड़ा भय रहता प्रभृति स्थानाम इनको संख्या अधिक है। श्रीमें एक है। आहत होने पर ये क्रोधान्वित हा आक्रमणकारी- ARRAWRANA