पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष षष्ठ भाग.djvu/५४

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खुमती-खुमानसिंह खुमती-१ विहारके गयी जिसका एक उपविभाग। यह खुमान चौबीस वार पदम्य उत्सासे शत्र विकर लड़े। पक्षा०.२२. १८ तथा २५.१८७० और देशा. २४ फिर इन्होंने ब्राह्मणों के परामश से अपने छोटे लड़के ५६ एवं ८५.५४ पू.के बीच पड़ता है। क्षेत्रफल जगराजको राजा बनाया किन्तु थोड़े दिनके बाद हो ११४० वर्गमील है। कोकसंख्या १८८७३० होगी। १८०५ उमको बुद्धि पसटी। परामर्शदाता ब्राह्मणों को नाश ५०में उसको उपविभाग बनाया गया। कर फिर भी राजगद्दी पर बैठे। २ विहार-रांची जिलेके खुनती उपविभागका सदर। स समय ये बहुत दिन सक गजा न रहे । पापका यह पक्षा. २२५ उ० और देशा० ८५.१९ पृ.में प्रायश्चित्त पड़ा। ईखरकी रच्छासे उनके दूसरे पुत्र मङ्गस्त- अवस्थित है । पावादी प्रायः १४४६ है। अपने ने उनको शीघ्र ही गजच्यत और निहत करके प्राममें यह केन्द्रीय व्यापारका स्थान है। पिसिंहासन पारोहण किया । खमान स्वमातीयों में स्वमदतु-पचारके हिन्दू राज्यों के बीच एक हद (Lake' ऐसे गौरव और सम्मानभाजन हुए थे कि आजतक या शतसे शिवालिक तक फैला हवा है और १३८ भी उदयपुरम किसी व्यक्ति के पद स्वतन होने या हिच. फोट गहरा है। समुद्रपष्ठसे २८०० फीट ऊंचा है। को पाने पर पाश्वस्थ मनुष्य “खामान तुम्हारी रक्षा खुनम (हिं. स्त्री. ) बिगाड़, नाराजगी, अनार करें" कह कर पाशीर्वाद दिया करते हैं। खममाना (हिं.कि.) बिगड़ना, नाराज होना। खुमान-बुंदेलखण्ड स्थ चरखारी राज्यकै एक हिन्दी खुमसी (हि.वि.) गुस्सावर, बिगड़ उठनेवाला। कवि । इनका जन्म १६८३५०को हुा । यह जन्मान्ध खुफिया ( फा• वि०) छिपा हुआ, पोगोदा! और बिलकुल पशिक्षित थे। करने है-कोई साध खफिया पुलिम ( हिं. बी.) सफेद पुलिस, सौ. पुरुष एक.बार उनके घर गये पोर ४ माप्त वहां निवास- पाई.डी.। करके जब जाने लगे, वहुससे सम्भान्त पुरुष उन्हें घर- खुममा (हिं. क्रि०) चुभमा, धंसना, घुसमा, लगना खारीसे बाहर पहुंचाने लगे। थोड़ी दूर पहुंचने पर भी (हिं. स्त्री.) १ कर्णालङ्कारविशेष, कानमें पहनने। दसरसोग तो लौट पड़े, परन्तु साधुके प्रत्यावर्तनका को लौंग । २ खमी। बहुत करने पर भी खुमान उन्हों के पास ठहर गये। ख.मरा ( फा• पु.) किसी किस्मके फकीर । यह भीख खुमानकी दलील थी-'मैं क्यों अपने घर वापस जाज? मांगी और मुसलमान होते हैं। खमरा अधिकतर मैं अन्ध, प्रशिक्षित और घरके किमी कामका नहीं। पश्चिममें ही देख पड़ते हैं। खुमाम-चित्तोरके एक गणा । या वाप्याके मसल मशर रे-धोबीका कुत्ता घरका न घाटका पुत्र, पपगजिसके पौत्र और राणा शासभोजके साधुने इस पर सन्तुष्ट हो उनको निद्रा पर सरस्वतो. प्रपौत थे। इनका पपर माम कर्ण था । योगोवर मन्त्र सिख दिया और उनसे पहले अपने कमलुकी परीसके सपस्या स्वस पर एकसिङ्गका प्रसिह मन्दिर वर्णनामें कविता बनाने को कहा। उन्होंने इसकी प्रश. सामें यौन औ२५ कवित्त वमाये, फिर साधुके चरण बनाया था।वीं शताब्दीके पारम्भीम पिताके मरने | पर या चित्तारके सिंहासन पर बैठे । बमके राजत्व- छू करके घर वापस पाये । यह संस्कृत पौर हिन्दी दामी भाषापोंकी कविता करते थे। कालमें ८१२-३४ का मुसलमानों ने की बालिका पर पाक्रमण किया। खुरासानके पधिपति मुहम्मद एकबार इव्हान म्वालियरमें में धिया राजाके कहने पत्र दमके अधिनायक थे।* रातभरमै ७०. नोक लिखे । 'साखपतक पौर ___हनुमान मसिष' इनके प्रधान ग्रन्य है। • खलीफा हा सल सौदने अपने पुत्र पल मायूपारासान सिन्ध पौर भारतीय यमन राजा दे डाला था। वो बायू महाराज ख मानक खुमान सि.-इनका उपनाम खुमान गवत गुरुपौल समकालवती से। सुतरी स्पष्ट ही अमित होता कि लिपिधारों था। यह मेवाड़ प्रान्तीय चित्तौरके राजा थे। ८३९० चममतः साम्के बदई जम्मद सिख विवाहोमा । को सम्मानमें '.मान रायमा' १० १८वौं