पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष षष्ठ भाग.djvu/५५९

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गोदावरी वशिष्ठके गौतमोसे कुल्या लाने तथा उमके तोर पर पूर्व चालुक्योंका अधिकारमुक्त हुआ । ८८ ई०को तपस्या करने के कारण इनका नाम वशिष्टासंगम पड़ा। वह चोल माम्राज्यके इम शत पर जागीरदार बने कि मागर और वशिष्ठा मध्य त्रिकोणातति भूभाग अन्तर्वदो लड़ाई के समय मदद देंगे। १२वीं शताब्दों के मध्य वर- नामसे विख्यात है। यहां नरसिंह देव विद्यमान हैं, यह लकै राजत्व हुआ। परन्तु यह सुद्र क्षुद्र रानामि विभक वैकण्ठ महश पुण्यभूमि है। माघ मामको रविवार शुक्र थ। १३२४ ई०को कुछ ममय लिये मुमलमानांन गादा- एकादशीको वगष्ठामङ्गममें स्नान कर नरसिंह देवकी वरी पर अधिकार किया। परन्तु कोडवोड और राजमहेन्ट्री पूजा करनसे ममस्त पाप दूर हो जाते हैं। के राजारान उन्हें निकाल बाहर किया था। १५वीं गोटावरी-मन्टाज प्रान्तका एक जिल्ला ! यह अक्षा०१६ १८ शताब्दीके बीच उडीमा गजपति राजा हुआ। इसके एव १८३ उ० और देशा०.८०५२ तथा ८२ ३६ बाद फिर मुमलमान पच गये। १४७० ई०को गुल पृ०के बीच उत्तरपूर्व मागरतट पर पड़ता है। नेत्रफन्न वर्गकै सुन्नतानको यह प्रान्त उनके माहाय्यक बदले मिला ७८.७२ वर्गमोन है। इनके उत्तरपूर्व विजगापट्टम् था। कुछ वर्ष बाद उन्होंन मब गजपति राज्य अपने जिन्ना, उत्तर विजगापटम् जिल्ला तथा मध्यप्रदेश, पश्चिम अधिकारमें कर लिया। परन्तु गुलबर्ग राज्य वित्र भित्र निजाम राज्य और दक्षिण-पश्रिम कणा जिला है गोदा हनिमे शताब्दी ममाजिक पहले ही गजपतियों का राज्य वर्गक तीन विषम विभाग हैं -एजन्मी प्रान्त, गोदावरी पुनः प्रतिष्ठित हुअः। १५१५ ई०को विजयनगरक मब. नदीका मिंघाड़ा और ऊंचा तालुक ! उत्तर पूर्व कोण- में बड़े राजा कणदेवने कुछ ममय लिए हम प्रान्तको में वित्र भित्र पर्वत थगियां हैं। गोदावरी नदी मध्य अपना अधीनस्थ बनाया था। परन्तु १५४३ ई०की गोल- भागमे प्रवाहित हुई है। धवलेश्वरम् बांधसे समुद्रतट कुण्डाके पहले सुलतान और गजपति राजाम झगड़ा क धान के खेत हैं। वर्षाकालको वहां कितना हो हुआ। उन्होंने इनमे कृष्णा और गोदावरोक बोचका पानी भर जाता और मिवा गांवा, नहर किनारी, मड़की मब देश मांगा था। इममे उन प्रान्तीम बलवा हो गया । तथा खितको मंडोंक कक भो देखनमें नहीं आता। धान राजमहेन्द्र के गजपति राजान जब विद्रोहियाको माहाय्य बदन पर माग प्रान्त खेत जेमा देव पड़ता है। नदीक किया, मुसलमान बिगड़ उठे। उन्होंने गोदावरी पार वाम तटकी पूर्व सिंघाड़ा, दक्षिण तटको पश्चिम मिंधाड़ करके सुदूर उत्तर पूर्व तक अपना अधिकार बढ़ाया था। और पानोमे घिरी हुई बडो तिखटी जमीनको मध्य १५७२ ई०को राजमहन्द्र हम्तगत हुआ और कुछ वर्ष मिघारा कहते हैं। वाद गोदावरोक उत्तर ममग्र देशों पर उनका आधिपत्य __ इम जिलेमें १७२ मोल तक ममुद्रका किनारा है। हो गया । १६८७ ई०को औरंगजवन गान्नकुण्डाके मिवा गोदावरी माबरोके टुमरो कोई भी बड़ी नदी सुलतानको परास्त किया था। उम ममय मब बड़े बड़े नहीं। चिड़ियां बहुत अच्छी होती हैं। तिलका म्वास्थ्य | जमीन्दार स्वाधीन हो गये । १७६५ ई०को अंगरजीसे यह अच्छा है, परन्त शीतकालको ज्वरका प्राबल्य रहता है। जिन्ना पाया था। पहले गोदावरी जिले का पट्टा फौजदार गंगसे बच के लिये लोग अफीम खब खाते हैं। वर्षा कालको बाढ़ आनका बड़ा भय है : हुमन अन्नी खांक नाम लिखा गया, किन्तु १०६८ ई.को पर्वकालको गोदाबरो जिल्ला कलिङ्ग और वंगो राज्यमें प्रकृत अंगरेजो अधिकार हुआ। जमोन्दारको मर- नगता था। प्राचीन राज्य जहां तक मानम है, पाना ___कशीमे फिर कल कोग्ट बनाये गय। १८५८. ई०को थे। ई.से २४० बर्ष पहले अशोकने उन्हें जीता। गोदावरी जिला कायम हुअा। १८४०३० को गोदावरीका किन्तु पोछको वह ४०० वर्ष तक राज्य करते रहे। बांध बना था। १८७८ ई०को पाव त्य प्रदेशमें रम्भा उनका साम्राज्य बम्बई बार मैसूर तक विस्तृत था। विद्रोह फट पड़ा, जो १८८१ ई०को शान्त हुआ। इस ई० ३य शताब्दीक पूर्व काल पल्लव राजाश्रनि उनका जिले में वितन हो बाद मठोंका व मावशेष और हिन्दू स्थान पधिकृत किया। ई. ७वीं शताब्दीको यह प्रान्त कीर्ति निदर्श न मिला है। ____Vol. VI. 140