पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष षष्ठ भाग.djvu/५९

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खुशखानी-खुर्जा अपनो बोवनी में लिखा है *भारतवासी सिन्धु नदीके होती है। (वैद्यकनिषद) पश्चिमी किनारके समस्त मुल्कोंको खरासन कहते है।" खुराहो (हिं. स्त्रो०) नोवो अचो गह, बच करके यह प्रायः१२ या ११ साख सनुथ रहते हैं। या विस्तीर्ण चलने की जगह । प्रदेश पहले पारस पार अफगानोंक पधिकारमें था। खरिकापत्र ( सं० पु० ) केनो नामक पत्रगान, एक पाजकमसका अधिकांश रुसाधित या रूसियोंके सबकी। पधिकारमें है। प्रजा भी पारसको पपेक्षा रूसको खुरिया (हिं. स्त्रो०) १ कटोरी, छोटा प्याना । पधीमतामें सन्तुष्ट है। यहां परव, बलूच, यत्, चलई, २ फूटनेको जोड़ को गोतहहो। कराय, खूरमाहो, लेक, लेयर, मरदी, मुजदरणी, मेखा स्वग्यिा-मध्यप्रदेशके जशपुर राज्यको अधित्य का । यह और तोमूर प्रभृति जातियां रहती है। यहां बहुतसी प्रक्षा• २३ तथा २३ १४ १० भोर देशा. नदी और नाला हैं जिनमें से पाटेक नदी प्रधाम है । ८ ० एवं ८३.४४ पू०के मध्य अवस्थित है। यह सीके जलसे यहांको जमीन उर्वरा पौर शस्यणाली उत्कृष्ट गोवरभूमि प्रदान करती है। मिर्जापुर पादि पुई है । स्थान स्थान पर कुल्लवन, सपवन, मुललित अन्यान्य खामोंके पहोर या गड़रिये अपने मवेशी यहां द्राक्षावन और चारणक्षेत्र हैं। यहांको शोभा देखते ही चारनेको साते हैं। मम माहित हो जाता है। जिस समय पारस राज्यमें खुगे (हिं० स्त्री० ) १ खुरका चिछ, सुमका निशान । चन्तविद्रोह एषा था, उसी समय तुर्कीने पोषस २ द्रुतगामो नदीस्रोत, जोरसे बहनेवामा पानी । खुरीमें मदी पार होकर खुपसमको अधिकारमें लाया था। नाव चलाना कठिन पड़ जाता है। मानदोपवासियों: इस समय महावीर रुस्तमने अपने भनवससे पाफ्रा- की कोई भाव । मानहीवी पच्छी हवामें सी पर चढ़ सियावक को परास्त कर देशरक्षा की थी। मनिस करके भारत पाये थे। खाँ और ते मूरको चढ़ाईसे ख रामनकी दशा शोच. खुरुचनी (हिं० स्त्री०) १ खरी जानेवाली चीज। मोय हो गई । मुफा वियों के राजत्व कालमें उज्बकने प्रति २ ख र चमेका यन्त्र । ५ शस्य क्षेत्र और नगरको लूटते यहां पाते थे। उसके खुरू ( हिं• पु० ) १ खुरमे भूमि खोदने का काम । इस भयसे एक दिम भी प्रजा पामम्दसे चमन करती थी। में चौपाये प्रायः डकागया भा करते। क्रोध वा • खुरासानके कई एक भाग पारसके अधीन है जिनसे. पाहाद के समय की खरू होता है। २ उपद्रव, झगड़ा, मसेद मगर सुप्रसिद्ध है। इस नगरके बीच में एक सुन्दर बखेड़ा। ध्वस, बरबादी। नेत्रप्रीति कर समाधि-मन्दिर है। जिसमें इमाम और खुरूरू (हिं० स्त्री० ) नारिकेलशस्य, पोपरको गगे। । राजाराम पन-रसादकोडिया संरक्षित हैं। पारमः खुर्जा-युक्ताप्रदेशके वुनन्दगारमें एक तासौस । जिस- के अन्तर्गत खुरासान मनुख पतिवलिष्ठ और दुधर्ष के बीच खुर्जा, जेवर और पहान बाम तीन पर. है। सैकड़ों वार इन्होंने शत्रुभा के प्राक्रमणको मद्य गना है। यह पक्षा० २८४ एवं २८२० उ. और करके वंशपरम्परासे युबप्रिय प्रजा बन गयो । सो देशा० ७०२८ तथा ७८ १२ पू०के मध्य पखित अखिये मादिरशाने एक दिन कहा था 'यहो लोग है। यह यमुनासे काली नदी तक विस्त त है। भूपरि. मानलवार है। माय ४६२ वर्ग:मौल।कोकमख्या ६१८३८ । वहां सी .) खुरासानदेशोय, खुरासान मुक. १८४ गांव और ७ शहर बमते है। इसकी पामदनी के मुताबिक ३३५५१. रुपये है। इस तासोसमें एक दिवानी, एक सुरासानी यमामो (सं. स्त्री० ) यमनोमेद, खुरासामो फौजदारी पदासत और पांच चाना। , पजवायन । याबरमे, रूखी, पाचक, प्रारी, उष्ण, २ खुर्जा तहसीसका प्रधान नगर पौर बुसन्द मादक, भारो, वात बढ़ाने और पित्तका मिटानेवाली मार जिला प्रधान वापियशाम । पचा• २८.१५ Vol, V1. 15.