पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष षष्ठ भाग.djvu/६०

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१.पौर देशा० ७७° ५५ पू में वुलन्दशहरसे पांच कोश निजामगज्य प्रतिष्ठाता असफनार, नासरजा, दक्षिण अवस्थित सोकसंख्या २८२००है। अहमदनगरके नवाव निजामगार, निजामथाहा वजार दिशी और मेरठ जानेको बड़ा बड़ा रास्ता यहां मसिक पम्बर, कुतुबशाही मवाबोंके अन्तिम तानणार पाकर मिला है और नगरके डेढ़ कोस दक्षिण में पौर बहुससे मुसलमान साधुषों की कब्रे बनी है। पष्ट इण्डियन रेलवे का ष्टेशन है। पहले उसे रोजा' कहते थे। यहां सोग स्वास्थ्यरचाके इस नगरमें अधिकांश धुरुवाल वणिया पोर केशगी लिये पाया करते। पठान वास करते है । चुरुवास वणिया जैनमतावलम्बी खुसना (Eि क्रि०) १ उद्घाटित होना, खुल जाना। है, यही सोग पाजकल यहांके प्रधान व्यवसादार है। २ टमा, घड़ना । ३ फटमा, चिरना, विदीर्ण होना । उन्होंके यनसे यहां पर एक सुन्दर जैन-मन्दिर बनाया ४ कटना, निजलमा । ५ छूट पड़ना, सरकना, । गया। मन्दिरके भीतर और बाहर भागमें सोने का लगना, ठहरना, मालूम पड़ना। ७ जागे होमा, काम किया पारे। मन्दिरके शिल्पमैपुण्य देखनेसे चसना ।८ भेद कहना, कच्चा हात बताना । सजना, मासम पड़ता है कि पाजतक भो भारतवर्ष में शिल्प पच्छा सगमा । और चित्र-विद्याका सोप नहीं हुवा है। इस नगरके खुलमा-घनासके दक्षिण-पूर्व दिशामें एक जिमा। यह बीच में एक सुन्द सरावर है। नगरके बड़ा बाजार पक्षा• २१.३८ एवं २६१०० और देशा• ८६५४ निर्माण करने में एक लाख से अधिक • व्यय हुये थे। तथा ८८५८ पू.में अवस्थित है । क्षेत्रफल २१८८ वर्ग खुद ( फा०वि०) इस्ख, छोटा । मोल है । लोकसंख्या १२५३.४३१। इसके उत्तर यशोर खुर्दबीन ( फा. स्त्री० ) सूक्ष्म दर्शनयन्त्र, बारीक चीजोंके जिला, पूर्वम वाखरगना जिम्मा, दक्षिण में वनोपसागर देखने का एक मोजार ( Microscope ) । या किसी और पश्चिममें २४ परगमा जिमा है। इस जिमाका प्रकारके खास शीशेसे तैयार होती है। रसको सगाकर सदर खुलना शहर है। एक तरफमें पद्मा और ब्रह्मपुत्र देखनसे छोटी चीज बहुत बड़ी लगती है। दूसरी भोर भागीरथी, हम दोनों के बीच पसमाम चतुर- खदबुद ( फा० वि०) मरभ्रष्ट, टूटाफूटा, गया गुजग। साकारमें खुसमा जिसा अवस्थित है। यहां पर नदी खुर्दा ( फा० पु. ) सामान्य द्रव्य, छोटी मोटी चीज। पौर माला यथेष्ट है। समस्त निमा प्रधान तीन भागों में सर्दाफरोग (फा० पु.) सामान्य वस्तविक्रेता, बोटी बांटा गया है। उत्तर-पूर्व विभाग यथोर जिलाकी मोटी चीजोंका मौदागर। सीमासे वाधेरहाट तक है। यहां की जमीन मोवो पौर वर्गट (हिं. वि.).२ बुट्टा, पुगना । २ अनुभवी, भरा. असमयी है। भुगता । ३ काइयां, होशियार। ___ दक्षिण विभाग-खुमना-सुन्दरवनमें सर्वच नदी उसक (सं• पु.) खुरकुन् स्वार्थ कन् । जहा पोर पाद पोर जलमय प्रदेश और सामान्य परिमाणको उपज की सन्धि, जांच और पांवका मोह। होती है। उत्तर-पश्चिम विभागणी जमोन अधिक ऊंची सबका (मं. स्त्री.) नाभिशा, सौदोका गहा। पौर वासके लिए भी उत्तम है। यहांवर खजरका जंगल खमदाबाद-हैदराबाद राज्य के पोरणाबाद जिलेका एक है पौर धान्य क्षेत्र भी अधिक है, यहां खजरके रस सालक । रसको पाबादो कोई १४५१२ है। पूर्व तथा गुड़ प्रस्तुत होता है जो प्रत्यन्त उत्कष्ट लगता यहीं. उत्तरको यह देश पहाड़ी है। से अनेक देशों में चीनीको रकतमी होती है। पूर्वापकी २दराबाद राज्यका पौरङ्गाबाद जिले के ख सदा ममीन वास करने के लिये प्रत उपयोगी है। नदी बाद ताल्लुकका गांव । यह पचा० २० १४० पौर किमार धनी बस्तियां प्रवस्थित है। यहां की प्रधान मदियां देशा. ७५.१२ पू० में अवस्थित है। लोकसंख्या प्रायः मधुमती, भैरव, कपोतात, भद्रा, पाठारवांका, यमना, २५४।यहां पौरजेब उनके सड़के पाजम यार, छामती, गसघसिया, वायजमापौर शिरसाइन