पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष षष्ठ भाग.djvu/६०६

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गालफल-गाला गोलफल (हि.पु०) गुलगा नामक ताड़का फल । १४ गोदावरी नदी । १५ सरकी, महली । १६ पत्राचन। गोलवत् ( स० लो० ) प्रियङ्गी, पुष्प फुलप्रियङ्ग । १७ मणिक । १८ मण्डल । १८ लड़की के खेलनेकी काष्ठादि गोलमाल (हिं० पु. ) गड़बड़. अव्यवस्था । निमित छोटी गोली । २० दुर्गा । २१ मनःशिला । गोलमिच-१ स्वनाम प्रसिद्ध वृक्षविशेष। २ उसो वृक्षक गोला-युक्तप्रदेशमें गोरखपुर जिले के अन्तगत बांसगांव फल, काली मिचे। तहसीलका एक शहर। यह प्रक्षा०२६ २१ उ. और गोलमुहाँ (१० पु. ) वर्तन गहरा करनेका कसेरोंको देशा० ८३ २१ पू०में घर्घरा नदी किनारे अवस्थित है, एक हथोड़ी। लोकसंख्या लगभग ४८.४४ है। उक्त जिलेके जितने शहर गोस्लम थो ( हि स्त्री०) उतरी भारत, कमाऊ, वरमा, दक्षिण में हैं सभोसे गोला प्रसिद्ध है। शहरके पास पास अफ्रिका और अमेरिकामें होनेवाला मोथको जातिका आलूका व्यवसाय अधिक होता है । यहांकी आय १२००, एक पंड। इसके डंठलोंसे चटाइयां बनती हैं। रु. है। यहां बालक तथा बालिकाओं के शिक्षालय हैं। गोन्नयन्त्र ( म.ली.) यन्त्रविर्श ष । गोल देखी। ___२ युक्तप्रदेशके खेरो जिलान्तर्गत नुहमदी तहसीलका गोन्नयोग ( स० पु० ) ग्रहयोगविशेष । गोन देखो। एक शहर । यह अक्षा. २८५ उ. और देशा०८० २८ गोला ( देश० ) कसेरू। पू०में लखनऊ-बरेली स्टेट रेलवे किनारे अवस्थित है। गोनग (हिं. पु. ) हिमालय पर्वत पर होनेवाला एक यहांको जन-संख्या लगभग ४८१३ है। तारका बहुत दीर्घ एवं सन्दरवृक्ष । इसकी छाल चिकनी इसके पास ही अईचन्दाक्कति पहाड़ है जो शाल और वेन एव शखत होती है। इसके पत्ते चमड़े वृक्षसे परिपूर्ण है । इसके दक्षिण एक इद है। यहाँ मठ मिझानक काम पाते हैं। धारी गोसाइयाँक दल और उनमेसे प्रधान प्रधान मनी. गोलनन ( हिं० पु० ) जहाजके शोष परकी गोल लकड़ी के ममाधिमन्दिर देख जात हैं। शहरके दक्षिणको ओर जिमपरमे पालको रस्सियां खींची जाती है। प्रमिड गोरखनाथका मन्दिर है जो चारों ओरमे छोटे गोलवण ( म० लो०) गवेदेयं परिमितं लवणं । गौको छोटे मन्दिरीसे घिरा है। अवध समस्त मन्दिरोमेयर जिम परिमाणसे लवण देनका विधान है उतना ही परि मन्दिर प्रमिड ममझा जाता है। प्रवाद है कि यह मन्दिर माणका लवण । राजा रावणसे स्थापित किया गया है। औरङ्गजबने एक- गोलविद्या (मं० स्त्री०) पृथ्वीको गोलाई, आकार विस्तार, बार इम मन्दिरको नष्ट करनेकी चेष्टा को, किन्तु चान मत परिवर्तन आदि वातें जाननेका ज्योतिषशास्त्र मन्दिरसे अग्नि की ज्वाला निकन्नी और उन्हें गोरख- का एक अङ्ग। नाथ देवतासे क्षमा मागनी पड़ी थी । यहां चौनी गोला ( दि. १० ) १ किसी पदार्थका वर्तु लाकार डि। और अनाजका विस्तृत कारबार हैं। फाल्गुन और चैत्र २ यामे तोपोंके सहायतामे शत्र ओं पर फेंकनेका लोहे- मासमें गोरखनाथको पूजा और उत्सवके लिए दो बार का गोल पिगड़। ३ एक तरहका रोग, वायगोला। ४ मेला लगता है, जिसमें लाखसे अधिक मनुष्य एकत्र दीवारके ऊपरकी लकीर जो शोभाके लिये बनाई जाती होते हैं। यहां चिकित्सालय और एक विद्यालय है। है।६ भौतग्मे खोखला किया हुवा बेलका फल । ७ गोला-राजपूतानेमें रहनेवाली एक जाति । ये गजपूत पहाडी बांधनका मिट्टी या काष्ठका बना हुआ गोला- जातिके हैं। जिस तरह मुमलमानों में गुलाल होता है, कार पिगड़ । ८ जङ्गली कबूतर ।। मारियन्न गरीका गोला उसी तरह राजपूतों में गोला होते हैं । इनके नामके आगे १० गोदाम, जहां एक जातिके बहुत अनाज रखे जाते हैं। क्षत्रिय चिङ्ग राना शब्द सदा प्रयोग किया जाता है। ११ धासका गट्ठर । १२ रस्मो, सूत, सूत प्रादिको लपेटी इमके कई भेद हैं-राठोड़, चौहान, वगेल, पबार, कछ- हई विंडो। १३ एक तरहका ठोस जङ्गली बांस जो बाहा, सोलो, गहलोत, सौसोदिया, गोड़, गोयल, टांक यी या लाठी बनाने के काममें पाता है । ( स० सी०) भाटी, तंवर और बढ़ गूजर । प्रवाद है कि परशराम