पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष षष्ठ भाग.djvu/७७

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खेवनाव-खैबर. ७५ खे वनाव (हिं. पु०) वृक्षविशेष, एक पेड़। यह पेड़ पश्चिमको प्रारम्भ होती और ३३ मील पहाडियोंमें बड़ा होता और भारतके कई प्रान्तों में उपजता है। घूमती हुई डक्काम जाकर निकलती है। कादिममें बहु- इनके भीतरो रंशको रस्सी बनती है। खेवनावमै | तमो गुहाए हैं और उसको पश्चिम मीमाके बाहर बौद्ध लाह भी निकलती है । स्थानविशेषमें इसको ‘दुंबरखं व' | धम तथा प्राचीन मभ्यताके अनेक निदर्शन विद्यमान भी कहा जाता है। हैं। जुलाई, अगस्त, दिमम्बर और जनवरी महीन खवा (हिं. पु.) १नावका किराया, किश्तोक खं बरकी नदियों में एकाएक बाढ़ आ जाती है। यहां २ नावको खप। ३ बार, मरतबा । ४ भरी नाव । लदे हुए जानवर्गको आने जानेमे बडी तकलीफ खेवाई (हिं. स्त्री०) १ नौकापरिचालनकाय, जहाजरानी पडती है। नाव चलाई । २ नाव पर चढ़नका भाड, या किराया। यह घाटी मदा मव दा भारतवर्ष का एक प्रधान ३ कोई रस्मो। दुमसे दण्ड नौकामें प्राबद्द किया माग रही है। मकदूनियाके मिकन्दरने इसी राह अपनी जाता है। मेना भारत भेजी थी। महमूद गजनवीने भी जयपाल खेस ( हिं० पु० ) वस्त्रविशेष, एक कपडा । यह मोटे चढ़ाई करते ममय खबर घाटीसे काम लिया। मुगल देशी सूतका बनता और चादर जैमा लम्बा रहता है। बादशाह बाबर और हुमायू कई बार इस राह होकर इसको बिछोन में व्यवहार करते हैं। गुजर गये । नादिर शाहने खैबर घाटीमे जा कर जमक- खेसर (मं० पु० ) खे आकाश व शीघ्रगामित्वात. मरति, दके पाम काबुलके सूबेदार नामरखान्को हराया था। स-ट अलुक समा० । अश्वतर, खच्चर । यह घोडीके पेटमें अहमदशाह दुरानी और उनके पौत्र शाह जमाने पंजाब गधेका उत्पन्न किया हुआ एक जन्तु है। पर्याय -अश्व- पर आक्रमण करते समय कई बार खबर-सङ्गट माग का खरज, मकदुगर्भ, अध्वग, समी, मन्त ष्ट, मिश्रद, मिश्र अनुसरण किया। मुगल बादशाहोंने दम घाटीके अधि- शब्द, अतिभारग। खेमारी (हिं. स्त्री०) चटरी, किमी किम्मका मटर कार पर बडा जोर डाला, परन्तु वह इसे खली रखन इमकी फलियां चपटी रहती हैं। खेसारीकी दाल बनाया मके । इस पर अफरीदियोंका अधिकार है। बादशाह करते हैं। यह सम्ती बिकती और भारतमें प्राय: मवत्र जलाल उद-दीन् अकबरने इमको मड.कको ऐमा सुधारा था कि गाडियां मजेमें आती जाती रहीं। परन्तु उस क्षेत्रमि उपजती है खेमारीको कार्तिक अग्रहायण माम ममय भी खबरमें रोशानिया लोगीका दबदबा था। बोया जाता है। यह प्रायः साढ़े तीन माममें तैयार १५८४ ई०को अपने भाई मिर्जा महम्मद हकीमके मरने होती है, प्रवादानुमार अधिकतासे इमको व्यवहार करने पर जब अकबरने काबुल अधिकार करना चाहा, राज- पर मनुष्य पङ्ग बन जाता है। खेसारी बहत दस्तावर होती है। पूत वीर मानमिहको रोशानियोंमे लड़ करके प्रार्ग बढ़ना खेह ( हिं० स्त्री० ) धूलि, नाक, मट्टी। पड़ा। १६७२ ई०को औरङ्गजेबके अधीन सूबेदार मुन्न पचनी ( हि स्त्री० ) काष्ठखण्डभेद, देवदार लकड़ीकी पद अमीन खाँको लोगोम खबरको राहमें भटका दिया • एक तखती इस पर तेल डाल करके औजारीको माफ | और उनके ४०००० आदमी मार काट करके सब खजाने किया जाता है। हाथियों, स्त्रियों और बच्चोंको लूट लिया। खबर-उत्तर-पश्चिम सोमान्स प्रदेशसे अफगानस्थानको जान- १८३८०को पहले पहल अङ्गरज साहबजादा तम्- वाला एक ऐतिहासिकगिरि मङ्कट (घाटी), एमका केन्द्र रको खैधरकी राह काबुल ले गये थे। प्रथम अफगान स्थान प्रक्षा०३४६ उ. और देशा० ७१ ५ पूमै अव युद्धके खैबरमें कई लड़ाईयां हुई और अंगरेजो सेनाको स्थित है। इस घाटीके पहाड. भी खैबर ही कहलात है। कष्ट भी झेलने पई । १८४२ ई० ६ अप्रेलको जनरल __ खबर घाटी अफगानस्थानसे भारत पानेको उत्तर- पोलक अपनी सेनार्क साथ खैबरको राह आगे बढ़े थे । को बड़ा राह है। यह घाटी पेशावरसे १०॥ मील काबुलसे पीछे लौटने पर उनकी सेनाके दो भागों पर