पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष षष्ठ भाग.djvu/८२

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खैरात-खोंड़ क० है। गवर्नमेण्टको ७००००२० प्रति वर्ष कर दिया। तक देख नहीं पड़ता पहाडका दक्षिण भाग बहुत. जाता है। भयानक है ४ उक्त ग्वैराग ह राज्यका प्रधान नगर । यह अक्षा० | खेलर ( हि पु०) मन्यनदण्ड, मथानो ३१ २५३० उ० और देशा० ८१ २ पूमे अङ्ग | खेला (हि पु० ) बछडा, काममे न लगा हुआ छोटा और पिपरिया नद सङ्गम पर अवस्थित है यहाँको बैल कनमख्या २८८७ है। खेलायन ( म • त्रि.) खिल्ल चातुरथिक अण · खिल खरात ( अ० पु०) दानपुण्य, निछावर, बख शिश। नियत, खिलमविहित। खैराबाद बङ्गालके बाखरगञ्ज जिन्लाम एक नदो। ख लिक ( म० त्रि. ) दिल वा परिशिष्ट मम्बन्धीय . यह वगेशालम निकल रानीहाटमे जा कर वाखरगञ्ज खोख्नों (हि.क्रि.) खामना, खोखों करना। नगर हीतो हुई अङ्गारियाहाट तक पहुंची है। फिर खोखा (हिं स्त्री० ) कास, ख सी। महालिया गुलाचिपा और राणावद आदि नाम धारण | खोखों (हि. पु०) खांमनको आवाज, कामजनित शब्द। कर वङ्गोपसागरमें गिरा है। खांगा (हि.पु.) १ अवरोध, रुकावट । २ बछडा, नय। २ युक्तप्रादेशिक मीतापुर जिलेका एक नगर । बल जो काममें न लगा हो । ३ अनभिन्न व्यक्ति, नावा- यह अक्षा० २७ ३२ उ० और देशा० ८० ४६ पू०में । किफ शख म लखनऊ बरेलो ष्टंट रेलवे पर अवस्थित है। लोकसंख्या | खोंचा (हि पु०) १ खुरच, छिलाव २ फटन ३ मुष्टि, प्रायः १३७४४ होगो । पहले यह एक बस स्थान रहा मुट्ठो ' ४ मुष्टि परिमित कोई द्रव्य, मूठा। ५ वकभेद, कहते हैं कि ई० ११वीं शताब्दीको करा नामक किसा- किमी किम्मका बगला। पामीने उसको बसाया था । लोग इसको प्राचीन ममछत्र खोंच। (हि. पु.) १ बहलियोको एक लम्बा लग्गा । नामक पुण्य तोर्थ समझते हैं। दिल्लोके पहले बादशाह | इसके छोर पर लासा लगाते और पक्षियोंको फमति हैं। यहां एक सूबादार रखते थे। अकबरके समयको खा- २ प्राघात, खाँच।। बाद एक सरकारको राजधानी रहा। ई० १८वीं शता- खींची (हिं स्त्री०) परजा या भिखमङ्गोको दिया जाने ब्दीक प्रथम अर्धभागमें यहा अवधको निजामत लगतो व ला थोडास अनाज । घो । अंगरेजी राज्यमें मिलाया । इसोके नाम पर एक खौटना ( हि • क्रि० ) कपटना, फनगो फुनगो तोडना । डिविजन बन गया। यहां कई एक मन्दिर और मस- | खोंड-ट्राविमु वंशक अन्ध जातिको भाषा जिटे खड। १८६८ ई०से म्य निमपालिटो चल रही | खोड(कन्ध)-मन्द्राजके गनम जिला और है। खराबादमें दैनिक बाजार लगता और कपड़ा राज्यमें रहनेवाला द्राविड़ जाति । इनको कुल संख्या छपता है। जनवरी मामको बड़ा मेला लगता है। लगभग ७०११४ है। खैरियत ( फा० स्त्रो० ) १ कुशल, राजी, ख शो । २ मङ्गल खोंड अपनेको विलोक या क्विन कहते हैं। इन भन्लाई दो शन्दोंको व्यु त्पत्ति 'को' या 'कू' से है । तेलङ्ग भाषाम ख रोमूरत -पजाब पटक जिलेको फतहजङ्ग तहसोलका | इसका अर्थ 'पहाड' है। एक पहाड़ यह अक्षा० ३३° २५ से ३३ ३० उ० इनमें ववाहका कोई दृढ़ नियम नहीं है इनके दो और देशा० ७२ ३७ से ७२ ५६ पू० पयन्त विस्त त है प्रधान भेद हैं, प्रथम ‘कुटिया खों:' जो सदा पर्वत पौर सिन्धुसे प्रायः ३० मोल दूर उठ करके २४ माल पर रहा करते, द्वितीय समभूमि पर रहनेवाले खोंड पूर्व को चला गया है। पहले इसमें बड़ा जङ्गल था, ये कुछ कुछ हिन्दू धर्मानुसार चलते हैं। हितोर, । परन्तु अब पशुओं के अधिक चरमेसे उसका कहीं चित्र श्रेणीके खोंड़ फिर कई एक शाख में बंट गये हैं। राज