पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष षष्ठ भाग.djvu/८४

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खोबूलर-सोवा पादयसवि सोइलर ( हिं• पु. ) वंशदण्डविशेष, बांसको एक खोखा (हिं. पु. ) १ पुण्डी लिखा हुआ कागज, सकारी छड़ी। इससे कोल हके गण्डे चलाये जाते है। हुई हुगड़ी। २ बालक, लड़का। खोइहा (हि० पु० ) खोई उठाने या फेंकनेवाला मजदूर | खोडाह (सं० पु०) खे आकाश उङ् इत्य थत्ताशब्द कुर्वन् खोई (हिं० स्वी० ) १ अखके रस निकाले हुए टकडे । गाहते, गाह-अच् पृषोदरादिवत् गकारस्य कत्व साधु: २ लाई, खोल। ३ कम्बलकी धुगधी।। खेत पिङ्गलवर्गा अश्व, सफेद पीला घोड़ा। खोकरो-बम्बई प्रदेशस्थ जंजीरराज्यके किलाके आम | खोङ्गाह को देखो। पासका एक क्षुद्र ग्राम । यहाँ तीन वृहत् प्रस्तरको खोज (हि. स्त्री०) १ अनुसन्धान, तलाश । २ चिह्न, पता। समाधि (कब) हैं जिनमेंसे जष्टीरका प्रधान मोदी खोजक-बलचिस्तानके कटा पिशीन जिलामें तोवकाकर सुरुन्नखॉकी ममाधि बड़ी है। कहा जाता है कि सुरुल | का एक ऐतिहासिक गिरि-मङ्कट । यह अक्षा. ३०. ५१ खाँकी ममाधि उनके जीवनकालमें बनी थी। प्रति वृह उ० ओर देशा ६६ ३४ पू० क्त टामे रेलहारा ७० मीलकी स्पतिवारको उक्त कनके पास कुरान पढ़े जाते हैं। दरौ पर अव स्थत है। यह राम्ता दक्षिणमें किलाअष्द ल- खोक्र (खक )बम्बई प्रदेशस्थ कच्छ जिलेके अन्तगत एक से शेलवाघ तक चला गया है : शेलवाघमें रेलवे खोजक मुल्क । यह कन्यकोटमे १ मील दक्षिण ! अवस्थित है। घाटो होकर गयी है जिसे बनाने में ७० लाख रुपैये थर इसके नष्ट भ्रष्ट सुपविशिष्ट स्थानमें दो जीणे शव- हवे थे। यह १८८८ और १८८ ई०के मध्य निर्माण मन्दिर हैं। खोखर (हि. पु० ) एक राग। इमको मालकोसका किया गया था. इसकी दूरी लगभग २॥ मोलकी होगी। विजेता, मैनिक तथा मौदागर कई बार इस पुत्र बतलात और दिनको प्रथम प्रहर गात है। पथमे आये गये। खोखर सिन्धुप्रदेशवासी जाटजातिको एक शाखा । एक खोजक-पठान कातिको एक शाखा। ये मखतर काकर समय सिन्धु और पञ्जाब प्रदेशमें इनका वल और पराक्रम पठानोंको एक अन्यतम शाखा है। बहुत बढ़ गया था। मुहम्मद गोरी जब हिन्दस्तानको खोजदार-बलुचिस्तानमें उपत्यका मध्यस्थ एक द्र लट कर स्वदेश जा रहे थे, रास्तामें इसी खोखर जातिके नगर । यह खप्पर राधानीसे १० मील दक्षिणमा हाथमे उनकी मृत्य, हुई। अनेक ग्रन्थकारोंने इन्हें स्थित है यह नगर पहले ममृद्धिशाली था इम स्थानसे 'नकर" या "गोकर" नामसे भी उल्लेख किया है। किन्तु रुदखाना नदीतौर तक अनेक भग्नावशेष चिहादि देख "खोखर" और 'गकर' ये दो स्वतन्त्र जाति है। पहिले पड़ते हैं यह पत्थरको कुरमो पर २५ फुट ऊंचे स्तम्ब पचाब, मिन्ध और काठियावाहमें रसो खोखर जातिको ग्रथित हैं प्रधानता थी, उस समय मूलतान प्रभृति अनेक स्थान | सोजनखर-मध्यभारतमें मालवा एजन्मीका पद राज्य । इन्होंके शासनाधीन छ। भूपरिमाग्न ५ वर्गमोल और जनसंख्या ५४८ है। इस स्पोखरा (हि. पु.) भग्न जलपोत, टूटा फूटा जहाज । जमीन्दारोको आमदनी प्राय: ६.००, ० है। खोखरी-बम्बई प्रदेश काठियावाड़ जिलेके गोन्दल राज्यका एक ग्राम · यह गोन्दल राज्यमे ८ माल उत्तर | खोजना ( हिं० कि० ) अनुमन्धान करना, ढूंढना। तथा सुलतानपुर ग्रामसे ६ मील उत्तर-पथिममें प्रव. खोजा ( हिं० पु.) १ खवाजा, मुसलमानोंके रनवासका स्थित है। यह महाल या पाय उपविभागका सदर है। हारपाल या नौकर। यह पुरुषत्वहीन होता है। २ सर- खोखरीमे ४ मील दक्षिण-पश्चिममें गोन्दलो नदो भादर | दार, मुखिया। ३ नौकर। नदीसे मिली है। यहाँको जमीन उन्ब रा है। लोकसंख्या खोजा अहम्मद- यसेवि-मध्यएमियाकं अन्सगत अनुवर प्रायः २६६५ होगो।। समतल भूमिके ऊपर भ्रमणकारी नोमाद जातिके मध्य खोखला (हिं० वि० ) १पोला, खाली, जिसके भीतर एक पगम्बर धर्म पौर नीति सम्बन्ध में इनकी बनायो कुछ न रहे। (पु.) २ रिक्तस्थान, खाली जगह । ३ दे.घ हुई कवितायें खिरधिज और उजवक कुरान को अमे छिद्र, बड़ा सूराख। भक्ति करते हैं।