पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष षष्ठ भाग.djvu/८६

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

खोदनौ-खोपौवली खादना । ह. स्त्रा० ) खननयन्त्रावशष, खादमका एक। बाद उसक यह ग्राम घर लिया गया भार १८७८ ५०० औजार। यह छोटी होती है। नवम्बर माममें अगरेजोंके हाथ पाया, किम्त । इम चढ़ाई- खोदमी ( खोचो )---बम्बई प्रदेशमथ कोल्हापुर राज्यक | में दो युरोपीय अफसरांका प्राणान्त हुआ । यहांके ग्राम अन्लत उपविभागका एक ग्राम । यह कोल्हापुरमे उत्तर वामी नागा लोग जापभी पहाड़र्क शिखरपर भाग गये पूर्व १३ मोल वाग्न पर अवस्थित है। जनसंख्या प्राय: और १८८० ई के जनवरी माममं अदम्य उत्साह और १७३८ है. यहां भैरव नेत्रपालका एक मन्दिर है जो धैर्य से कछारमें वालाधन बाग पर हमला किया; जो ८. २५० वष पूर्व १६०० ई० को अन्नत उपविभागकै सुन्नतान | मोलको दूरी पर था। वहां जाकर उन्होंने मैनेजर क्लाइथ राव नामक एक इनामदार दाग निर्माण किया गया | और १६ कुलीयोंको मार डाला। था । चैत्र माममें प्रतिवर्ष यहां मन्ना लगा करता है। खोन्दकार -मुसलमान धर्मावलम्बी फारमी शिक्षक । खोदाई (हिं. स्त्री० ) खननकाय, खोदनका व्यापार । इनका दूमरा नाम “मुशिंद" अर्थात् धम माग प्रदशक २ खननका पारिथमिक, खोदनेको उजरत । ३ नकाशी । और "पाखन्द" अर्थात् शिक्षक है। ५८ वर्ष पहले मुसल- ग्वादु-बम्बईके अन्तर्गत काठियावाड़ रज्यका एक मान नडकीको शिक्षा और कलमा पाठ विना इनके न ग्राम। यह बधवानसे उत्तर-पश्चिम १५ मीलको दूरो बनता था । मुमलमान स्त्रियोंकी ऐसो धारणा है कि जिम- पर बमा है। यह महाल या आय उपविभागका पर इनको कृपा होती उसका रोग क्षणमात्रमें दूर हो मदर है । यहां उपविभागकै कम चारो आ| मकता है । इमलिये जब किमीको पीड़ा होती, तो रहते हैं । खोटुमै उत्तम प्रस्तरको एक खान है। प्राचीन शोघही खोन्दकार बुलाये जाते हैं। किमीको ज्वर वा कालमें सुलतान जी और राजोजीने वांकानर परगना ताप चढ़ने पर वह कागजक एक टुकड़े पर कुरानक विजय किया था। सुलतानजी इमके मुख्य मदरमें और दो चार मन्त्र लिख देते जिनको रोगी बाध लेते हैं। पूर्व राजोजी रतो देवली नामक एक क्षुद्र ग्राममें रहने लगे। बङ्गालक हिन्दू और मुमलमानका दृढ़ विश्वाम है दि. राजोजोन असंतुष्ट हो उक्त ग्रामको छोड़ दिये और खोटु इनका प्रदत्त फूका हुआ पानी वात और स्वायवीय वेद.. विजय कर वहां राजत्व करने लगे। राजोजोके पिता नाको अव्यथ महौषध है। पृथ्वोराजक मरने पर वधबान इलाहाबाद राज्यमें मिला खोपड़ा (हिं• पु.), कपाल, मर। २ नारियल । दिया गया और राजोजी खोदु छोड़कर वधबानमें रहने ३ नारियलको गरी ४ नारियलका गोला । ५ भिक्षापात्र- लग यहां एक मतीम्तम्भ है जो लगभग १०.६ शकमें विशेष, भीख लेनका कोई बतन । यह दग्यायो नारिय- निर्माण किया गया था। जनसंख्या प्रायः १६०० है। सका अर्धभाग होता है । ६ गाड़ी को एक लकड़ी। यह खोनचा (हिं० पु.) १ कोई थाल या परात। इसमें मोटी रहती और दोनो पहियोंके मध्यभागमें धुराँसे मिल मिठाई आदि खाने पीनकी चीजें भर करके रखते हैं। २ फेरीवालीको थालो। इममें मिठाई रख करके बेचते हैं, करके लगती है। खोना (Eि क्रि० ) १ गवाना, जाया करना।२ भलना | खोपड़ो (हिं० सी०) कपाल, सर। छोड़ना। ३ बिगड़ना, खराब करना। ४ बटना, रह खोपा (हिं• पु० ) १ मृणच्छदकोण, छप्परका गोशा । जाना। २ गृहकोणविशेष, मकानका कोई कोना। यह किसी खोनोमा -पासामके अन्तर्गत नागापहाडजिलामें एक बडा माग की ओर पड़ता है। ३ बालीका एक बनाव। यह और समृद्धिशाली प्रगामी नागाका ग्राम। यह अक्षा• २५/ तिकोना कटता और खोपड़ी पर पड़ता है। ४ ग्रथित ३८ उ० और देशा० ८४१ पू०में अवस्थित है । १८७८ बेणी, गूथी हुई लट । ५ नारियल, गरीका मोला। ई० में मि० दमन्त नामक एक सरकारी अफसर बड़ी निर्दः खोपीवली-वम्बईके अन्तर्गत थाना जिलेका एम रुद्र मासेमारी माणिण माण - गारा गो गो।