पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष सप्तदश भाग.djvu/१०१

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. . महम्मद जानि- महम्मद तकि ( मीर) मनुष्यमातका हदय विदीर्ण हो जाता था। कहते हैं, कि। मस्य प. सेनापति । ये तामिज नगरसे हो कर पाल डाकुओंको पफर पकड़ कर ये उनका शरीर दो टुकड़ोंमें | आये। यहां इनको कार्यदक्षता वा साहस देवा कर चोर देते और तब राह परके झमें लटका देते.थे। इस नवाव विशेर आकृष्ट हो गये थे। यहां तक कि इन्हें कठोर कर्मफे लिये लोग इन्हें कुहालिया कहा करते थे। नयायने योरम्मका फौजदार बना कर यहां के राजस्य साकुओंको हत्याके लिये इनके साथ कुटारधारो घातक संग्रहका भार भी सौंप दिया था। धुमा करता था। ऐसे कठोर अत्याचारसे यहां शाकुओं योरभूमके युद्ध में नयायने ऐगी सेनाओंको मक- का माम निशान भी न रह गया। मण्यता देर तको को एक दल उपयुक सेना संगठन . . एक बार मर्शिदकुलोके प्रतिनिधि हो कर इन्होंने कारने कदा । तदनुसार तको या प्राणपणसे मालिक पायनाके सूर्यदार फर्या शियरके विरुद्ध युद्धयोता की के काममें उत्साह और सहानुभूति दिलाते हुए पो। राजशाहीमें जय उदयनारायण पड्यन्त्रका हाल | थोड़े ही समयके अन्दर नयाय के श्रद्धाभाजन दो . मालूम हुमा, तब दोंने तथा लहरोमलने नयाव मुगिद | गये थे। कुली गाँको आशासे राजशाहीको मोर योता कर दी। इतिहास पाठकमालको दो यद मालूम होगा कि मौर । उदयनारायणने अपनी दार अवश्यम्भायी जान कर मात्म कासम तथा अंग्रेज व्यापारियों वोच उस समय कैसा हत्या कर डाली। मनोमालिन्य चल रहा था। मप्रेजको मार भगाने लिंपे महम्मद जानि-असर-मादी नामक प्रग्यके प्रणेता। इस हो इन्दोंने एक पहपन्न रचा। युब अयश्पम्मायो जान कर धोस्लाम धर्म.प्रवर्तक महमद तथा दाद मामको इन्होंने सेनाति गुगिन सांको सलाहसे जगत सेठ दोनों विस्तृत जोयनो लिखो है। भाई महतायराय तथा राजा सरूपचंदको कैद करनेकी महम्मद तको (इमाम)-अलोफे बंशमें उत्पन्न प्रसिद्ध | इच्छा को। तदनुसार इन्होने अपने योरममक फौजदार ___ इमाम। ये ये माम अली मुसो रजाफे पुत्र थे और मह महमद सकोणांको दलवलफे साथ मुगिदावाद जाने और म्मद अल जवादके नामसे मशहर थे। दोनो सेठ भाइयों को बन्दी कर मुगेर भेज देनेका हुकुम इनका जन्म ८११६०में हुगा था। पलीफा ममूनको | दिया। खाने माझा पाते हो मुर्शिदाबादको प्रस्थान किया कन्या उन्म उल फज्लको इग्दोंने ध्याहा धा । ८३५ / भौर दोनों सेटों के मकानको घेर लिया। इन्होंने एल- में विपप्रयोगसे इनका वेदान्त दुमा। यागदाद नगर- पूर्वक सेट भाइयों से कहा, 'तुम लोगोको नयापके मामा. में इनके पितामह इमाम मुशो काजमको काफे पास ही नुसार मुगेरमें रहना होगा । नयावको नुम लोगों पर जुल्म । इनकी मृतदेह दफनाई गई थी। करनेकी विलकुल इच्छा नहीं है।' तकोनांकी पातमें पढ़ महम्मद तकि (मीर)-एक प्रसिय मुसलमान कवि ।। ये दोनों मुंगेर मा कर रहने लगे। किन्तु इसके पह फारसी सथा उर्दू में अनेक प्रन्य लिए गये हैं। पहले दो राजा रामरामा, रामपालम तथा राजा एमचंद्र मकवरायादमें इनका जन्म हुमा था इसीलिये ये हिन्दु प्रभृति स्थानीय प्रभावशाली व्यकियों को कैरम दंग स्तानी कयिफे नामसे मसिर धे। कयित्व-शनि कारण कर दोनों सेटोको ताकिम्रोका गृह रहस्य समझने में देर इन्हें मोरको उपाधि मिली। ये मगल सम्राद. शाह नलगो। अब उन्हें समुचित मुगमें राकर नयाव मालमफे विशेष प्रियरान थे। इस कारण इन्हें सपरि- अपने उद्देश्यको पत्ति में लग गये। पार दिलो में ही रहना पढ़ता था। इसके लिये डा दीयान कुछ दिनों बाद प्रेज मीर मौरकासिमसे गुर और एक तजकिरा (कवितामाला) सर्वसाधारण हिदा। मुसलमानी मैगामी सपा सेनापतिमाको परि- निकट विशेष मादरणीय हैं। १८९०६म लगानऊ मगर, थालन-विदालतासे पटमा मपाप युरी तरह परास्न में इनकी मृत्यु हुई । इनके पुत्र फैज मलो मी कवि थे। हुए। याम माग कर मुसटमानो सेना मागीरपो मदग्मद तको.णां-बगालके नया मोर कासिमकं अधो पार कर पसासीय. दक्षिण मदान नहीं दे लिपिरमे Vol. xvil.N