पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष सप्तदश भाग.djvu/१०५

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पहम्पद लारी {मुन्ना)-पहम्मद बिन इसा निर्मिजी अब गयाब हुआ तब अंग्रेजोंने रेजा मांको मुशिः विण्यात पंडित, सैयद म दगीक पुन । दोंने दायादका प्रधान सचिय बनाया । १७७२६०में कौसिल. परमिराको राज-कन्यास बियाह पर 'दम' उपाधि के विचारानुसार रेजार कर कलकत्ता लाये गये। पाई थी। पाहन नगर में इन्होंने कई चलिमे, इसके चार वर्ष बाद विचार विभागमें मिलता उप- जिनमें 'उफया-उल-मुयोन' तथा 'नारा मनसर की स्थित होनेसे घारेन हगिसने इन्हें फिरसे उक्त पद | टोका प्रधान है। १६३०१०में इनका देहान्त हुमा। प्रदान किया था। मदम्मद यकिर (इमा ) भोघंश ५ माम, इमाम महम्मद लारी (मुला)-तालिफ मुला महम्मद लारी | जैन उन मायेदिनके पुत्र । ६७६ इनका जन्म नामक एक प्रणेता। और ७३१ मे मरण हुआ। मदोनामें इनको टफनाया महम्मद लाद-'मरिगद उल फजला' नामक अभिधानो गया था। प्रणेता। महम्मद मिन भायुल अजीज-साहिद-यमानि नामक महम्मद पकि ( गाजा )-एक मुसलमान साधु । दिल्ली में अमित तुको प्रयके प्रणेता। १६१२१०में इनकी मृत्यु कदम रसूलफे पास इनका मकयरा मोजद है। १६०३ दुई। .ई०में ये परलोकवासी हुए। महम्मद पिन मादुल रहमान-पूका नगरवासी पर प्रसिद्ध महम्मद वस-नौरतन ( नवरत्न ) नामक उई काठ्यके । हाकिम और काजी । ७३५६० पे परलोकयामा ए। प्रणेता। दि०.१२३० ई०में लखनऊपति गाजि उद्दीन महम्मद बिन भायु यनर-इस्लामधर्म-प्रवर्तक, महम्मद हिंदरके समय में इन्होंने यह नथ समाप्त किया। इमफे माला तथा प्रथम मलीफा मावू वकरफे पुत्र । गलीफा सिवाय 'गुलसन नौवहार' तथा 'चारचमल' नामक दो अलीने इन मित्र देशका शासक नियुक्त किया | और भी कितायें इनकी लिसा दुईहै। फपिता शक्तिके मामास्तराज अममध्यन उल भाशके माथ जो युसमा . कारण इन्हें 'महमूद'-को उपाधि मिली थी। या उसमें इन्हें परास्त और फैद फर राजा १म मुया. महम्मद यकिर-स्पाहन नगरफे एक प्रधान धर्मयामक | निपरफे समीप लाया गया । राजासे माणदएडको भाग शेख-उल-स्लाम ), महम्मद तफिके पुत्र। देयतत्स्य, मिलने पर इनका शरीर गददेके चमड़े में हक कर जला नोति, स्मृतिशास्त्र तथा साहित्य सम्यन्धमें आप जैसे दिया गया। किसी भी जानयान पण्डितने परसिया राज्य में जन्म महम्मद बिन अहमद-नजुमा फनुह' नामक भरती नहीं लिया पार पावलम्बियोंकि धर्मतत्यकी मीमांसा. प्रपके प्रणेता। ११न्होंने एक भरया प्राधसे में माप अद्वितीय थे। महम्मदका गृह-विनोद, भरपगातिका पराभप, महम्मद- इनका उज्वल यश संपूर्ण परसिया राज्य की भयप्रति आयु पयरफो लोकापर प्राप्ति विस्तृत था। म्ययं शाह सुलेमान इनफे छानसे मोहित कर कोला युनमें दुनको मृत्युका हाल, समा दो कर इन्हें अपनो कन्या ऐनको प्रस्तुत हुए थे। परन्तु किया है। ये तो सांसारिक यासनासे पिरत पे मतपय शाहकी महम्मद बिन आली-मायनाई उल मनान नाम: भरको इच्छा पूरीमहो सकी। इनके दमापे हुए 'हम उल्ल, पंचफ प्रणेता। यद यस्लाम धर्मयत महम्मद यकीन' सियासंप्रदायकी एक उत्कृष्ट धर्मशाख । तथा उनके परिपदों के वर्णन भरा। उसमें विभिन्न मतोंका एडन विचारपूर्वक किया गया । महम्मद विन मग मत तिमीमो)-प्रधान प्रधान सिपा. है। इसके सिवाय बदर-उल-मनपर भादि गनेको। फेजोपनी रयपिता। उत्सर अन्य इनफेलिगे हुए मिलते हैं। इनको मृत्यु मम्मा यिन मा निर्मिती-जमानिनिमा नामक य. १६६८६० में हुई। . प्रमेना। पेट गुगारोगिय धे। मेन. महम्मद पकिर दमद ( मोर )-मादापायासी एक का परलोक यास भा। ___trol. XII. 2.