पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष सप्तदश भाग.djvu/११३

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पहम्मद साह मारजुमला प्रधान जा बना और संपदके प्रियपात्र किया। महम्मद शाहक राज्य शुस्मे गिरिधरका रतनचन्द दायानो, माल महकमा और प्रयर आदि विद्रोह और उसके साथ सन्धि ही प्रधान घरमा । कामि प्रधान gा | मदर आदिको नियुक्ति भी उधर सैयदों के ममायसं वादशाहको कम कर रतनवर हाय ही घो। और तो पया उसकी मोहर होने लगा। वादशाद के.पल उन दोनों सेपदों में, यिना कोई पुछ काम करता न था। हायको फउनलो पना था। बादशाह होने पर भी यह - छयोलाराम उस समय इलाहाबादका सूबेदार था। सैयदों का गुलान जैसा था | वादगाइफी मातामो यह सैयदका प्राधान्य स्वीकार नहीं करता था। इसस: एक बिदुपी रमणी यो भाने पुनको नेपोंके चंगुलमे सैयदने उत्तरे वियद्ध फोको भेजा था। अचानक निकालने के लिये सदा चिन्तित रहने लगी। ये माता छत्रीलारामकी मृत्यु हो गई। इसके याद उसका मताजा और पुत्र दोनोंने इतिमादउद्दौलाशी मारफत निजाम उल छचोलारागको त्राधिकारी बना। इसका नाम गिरि- मुल्कको काइला भेगा, फि में नाममात्रको बादशाह। धर था । यह गिरिधर यादशाहके विरद्ध सैन्ययोजनाकरने योनार राजकार्यसे मेरा कोई ताल्लुक नहीं । फेयल शुभयारा • लगा। यह समाचार पाकर सैयद माई महम्मद शाह जुम्माकी नमाज पढ़ लिया करताः । निमाम घान्दान को फतेपुरसे भागरा लाये। सैयदोंने यममा पुल बांध मुगल साम्राज्यका सदास दित-चिन्तक पहा । इससे कर इलाहापाद पर आक्रमण करनेका आयोजन किया। बादशाहको यह माशा पो, कि यह मेरा जकर उद्धार गिरिधरको जव यह समाचार विदित हुभा तब उसने करेगा। सैयदोके पास भावमी मेज़ कर सुलह कर लेनी चाही। निजाम-उल मुलकको यह मालूम हो गया, किसैयद संप ने उसफो अयोध्याकी सूबेदारी तथा यहादरी' का अपने इस चाल चलनसे धर्मराज्य तथा मुगलशासनको खिताम देना चाहा, किन्तु गिरिघरफो उनको दात पर! दुवा देना चाहते हैं। देर न कर यह भागरेके लिये विभ्यास नहीं हुआ। गिरिधर युद्धकी तैयारी करने रयाना हो गया। दक्षिणको राइमें उसे जो नगर मिलते गपे उन पर कमा कर अपनी ताकत बढ़ाता गया। लगा। इलाहाबाद के किले को उसने मजबूत बनाया। निजाम-उल-मुल्क इस कार्य तथा उसकी बढ़ती हुई सको यह हालत देख कर अन्य जमान्दारोंने उत्तेजित ताकत को देख कर सैयद दोनों मा रहे चिन्तित । हो राज्यकर देना बन्द कर दिया। सैयदों को बड़ी चिंता उन्दौने स्थिर किया, कि बड़ा प्रवदुला यां दिलों में रहेंगा हुई। स्थिर हुमा, किवादशाहकी मोरसे यमयदान मिलने मौर हुसेन मी बादशाहको ले कर निमाम उल. पर गिरिधरको किला समर्पण करने में कोई उम्र नहीं मल्कशी शक्तिको मष्ट करनेके लिये दक्षिणको भार छोगा। वादशाद दिलीको लौट गया। किन्तु तुरा यह जाये। सपालाक लिपे मरमधिक फोको जारत सुना, फि गिरिधर अपनी प्रतिमा पर मटल नहों। स] धो, चेष्टा करने पर मो सैपद सैनिक ननों मका. समय पादशाहने इलाहाबादकं लिपे फिर प्रस्थान किया। सके। केवल किसी मरह ५०मार सैनिा परत पर गिरिधरने यह सुन कर बादशाहको फहला भेजा, कि हुसैन दक्षिणको मोर दोला। रतनचन्दको भेज कर यदि झगड़ा निस्सा, तो में रामा ____स समय दुसेनफे मार सलमेको साजिश चल रही FI इसके अनुसार सैयदोंने रतनयन्दको दी मेजा थी। इतमादुरोला, महम्मद मोर स्पादत कदम सामिग. और इन्होंने आ कर यह भगदा तय किया ! के मुग्लिया थे। हुसेन फाशों के साथ फतेहपुरसे तारा रतनचन्दने इलाहाबाद पहुंच गिरिधरसे यह प्रतिभा मामक स्थानमें पदचे। समादुद्दीता बीमाका बहाना 'को, कि हम तुम्हारा कुछ भी अनिष्ट नहीं करेगे। ऐसे कर बादशाक रोमेसे बाहर चला गया। बादशाद करने दो गिरिधरने मी राजमतिको प्रतिष्ठा को । इसके इ! सोनेगले कमरे मले गये मौर सेन मी भादो पर. उसे अयोध्याको सुवेदात सिया की फौजदारियां मी) से निकर अपने रोममें सोने के लिये जा रहा था.. मिलो। तुरन्त दो गिरिधरने भयोध्या लिपे प्रस्थान | पागे पर शो माया, तो देगा, किदर