पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष सप्तदश भाग.djvu/१२६

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११६ पहम्मद हुसेन (लसकर सां)-पहरम वर्ष आये। यहां युवराज भाजिमशाइने इन्हें राजकीम. माण दो लामासे ऊपर है। इसमें शहर और ६९४ . के पद पर नियुक्त किया । असामान्य पाण्डित्य पर प्रसार ग्राम लगते है। तहसीलके उत्तर धान भीर को भी हो कर बादशाद फारसमियरने इसे हकीम उलमुल्ककी फसल लगती है। उपाधि दी थी। २ उक्त तहसीलका सदर। यह मक्षा० . २५ ३३ ___ महम्मदशाहको अमलदारीमें ग्रे महाफो गये थे। उ० तथा देशा० ८३.४७ १० गानोपुरसे यपसर जाने... यह से लौट कर दिल्ली नगरमें इनकी मृत्यु हुई। इनका के रास्ते पर भयस्थित है। जनसंख्या १२७० है। यहाँ यनाया हुआ ५००० श्लोकोंका एक दीयान अन्ध मिलता एक अस्पताल, एक मुशिफो गौर दो स्कूल हैं। ' . महम्मदो-१ गुक्तप्रदेशके पेरो जिले को पफ तहसील। महम्मद हुसेन ( लसकर मां ) सम्राट अकबर शाहका एक यह मक्षा २७४१ से २८१० उ० तथा पेशा०.८० सभासद। यह मीर वम्शो और अमीर आज पद पर से ८०.३६ पू०के मध्य अबस्थित है। भूपरिमाण- नियुक्त था । १५६७ ई० में मुजपकर बांके यहकानेमे इस ६५२ वर्गमोल गौर जनसंख्या दाईलारसे ऊपर है। को पदच्युति हुई। एक दिन नशेमें चूर हो कर यह इसमें महम्मदी नामक एक शहर और ६०७ पाम बादशाहको सभामें पहुंचा और सभासदोंको गाली लगते हैं। गलौज देने लगा। इस अपराध पर अपरने इस घोडे. २ उक्त तहसीलका ए सदर। यह अक्षा० २० की पूछ में धधया कर अच्छी सजा दी और पीछे कारा. १८ उ० तशा देशा० ८०१४ पू०के मध्य विग्न है। गारमें फैद रखा। इसके याद यह यक्षीय सेनादलफा! जनसंख्या ६२७८ है। १०यों सदीके शेषमे यरवारके .अधिनायक यनाया गया। तकराई युदर्भ आदत हो कर सैयदोंने इसे दपल किया था। मुगल साम्राज्यको भय. उसीयामें इसको मृत्यु हुई। इस समय यह २ हजारो नतिके समय ये लोग स्याधीनभायम रासकार्य पलारी मनसबदार था। ..." थे। इनका कोई पपुगए हरदोई राज्यके सोमवंशीय महम्मदाबाद-१ युक्त प्रदेश भाजमगढ़ जिलेकी एक तह १ राजपूनराजसंगरास्त दुमा था। पीछे मैयदोंने उन्हें -सील । यह पक्षा० २५४८ से २६८३० तथा देशा० रा फर इस्लामधाम दीक्षित किया और एक दासी- ८३ १९ मे ८३° ४० पू०के मध्य अवस्थित है। भूपरि• कन्याफे साथ उनका पिया करा दिया। धर्मत्यागी याद माण ४२७ वर्गमील और जनसंग्या तीन लाणसे ऊपर, राजपूत मागिर अपने प्रतिपालक, यंगधरको पुल है। इसमें माऊ, मुबारकपुर और महम्मदपुर नामक नीन सम्पनिका अधिकारी बन बैठा। १७१३० नये शहर और 11 ग्राम लगते है। नौस और छोटी सरयू- इस सम्पनिका भोग करते रहे। पीछे १८५७ फे गदग्गे के सिचाप यहाँ और भी बहुत जलाशय है। भाग जानेके कारण उनको मापत्ति ज्ञात कर ली गई। २ उक्त तहसीलका एक शहर । . यय अशा० २६२ गहयाध्य ( स० पुल) पूजा, अर्चना। उ० तथा देशा० ८३ २४ पू० मध्य विस्तृत है। जन · महय्य ( स० वि० ) पूनमोय, सम्मान करने लाया। संख्या प्रायः ८७१५६। यह शहर यह त पुराना मालूम ! महर (दि० पु०) १ एक भादरसूचक गाद जो प्रातम बोला - होता है। कहते हैं, कि १५यों मदीये. भारम्भ में इस पर : जाता है। इसका पयहार. पिरोसा जमींदारों और मसलमानोंने दगल जमाया था। यहां पर माताल, एक.. पैश्यों माहिये, मंबंधों होता है। एक प्रकारको , तहसीली, एममिफी और पुलिस स्टेशन है । अलाया चितिया। ३ गहरा देना। (वि०) ४ सुगंधित, इसके यहां दो स्कूल भी है। . . मदमदा। . महम्मदाबाद---गुनामदेशः गाजीपुर जितको एक सद. । महरयान (फा पु०) मारमान देगी। मौल। यह अक्षा०५३ मे २९ ।। 3. ना देना , गहरण ( ) मुसलमानों में किसी पम्या पास ८३.३६ से ८३.५८ पूफे मध्य स्थित है। भूपरि लिपे उसका कोई ऐसा वा पाममा सयपी निस