पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष सप्तदश भाग.djvu/१५३

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

महान्दि-पहानवमी जिलेमें महालदिगम नामक दिमाट्य पहाट्स निकल कर नाकः। बहुत कष्ट देनेयाला नरक! 'परक गो। जलपाईगोडी और दार्जिलि जिले के मध्य होती हुई नामिन्द्रमामय महासगरीरमा। सिलिगुष्टीफे समीप नवलामा नदी में मिली है।म। रक जालसूपन्न मारकर " (मनु ) बाद तितलिया ग्राम तक मा कर दडू, पीनानु, नागर,' महानन ( मं० पलो मांगासी मन्नम्नमि। देव मरलो मोर कद्वार आदि नदियों के माग मिल गई है। मल, नरकर । महानामी अनलभ्येति । २ पददग्नि, फलियागा. हल्दीपाली, रुणागा और वरसोई ये चार । मयान भाग 1 तौति । (ोत. २) पारद, प्रधान घाट महानन्दाके किनारे अस्तित है। पारा। पूर्णिया जिलेमें आ कर इसको गति दो दो ग मदानमा (२० सी० ) मदतीगासो नयमांगेति । पान्द्र और इसी देदो गतिसे यह मालदद जिले तक गाईहै। : आश्विनको शुला नयमी। यहां पर दागन, पुनर्भया मीर कालिन्दी नदी इमसे "मटकारने शिंगा भागिने मोयुतः। मिलती है। यांगतुको छोड़ कर और ममी अनुमोमें, गदागन्दी नाम्पान्नु होंगे ग्यानि गमिष्यति।" इसका जल सून्न जाता है। Affuतस्व) भन्त में यह नदी मालदह जिले के दक्षिण भऔर राज मायिन मासको शुभा ममी भौर नयमो निधिको गादी जिलेय. गीदागी थाना. उत्तर पनामे मिलता है। महाष्टमी मीर महानयमी कहगे हैं। इसका मरा नाग पहले यह नदी पूर्णिया नगाहो पर बहती थी, पर ममी दुनियमी भी है। इस निधिमें दुर्गानन्य मन्त्र द्वारा यह गति परियत्तित हो कर पश्चिमामुनी हो गई है। ' नागदा देवी मगरनी दुगांशा पूजा मीर उम्दं यदि गदा सानो महानन्दि (स० पी० ) मा सम्पर नापतीनि आ.! दाया, निधि देवीको अतिशय मिय। नन्द ( भाग न । उपप ४१११७) निन् । मन्दि "दुगोगा मनग्य पूर्ण दुर्गा मोरगा। पर्द न रामपुय । रघु गन्दननं शुधिनस्यमें सोच विचार कर महानगम्या गरदि बनियान नगदयःn" (afor) स्थिर किया है कि कलिमे मानन्दि नक सरिय राजा । महानयमोके दिन ममीको दुगांगता मय: परली राज्य करेंगे। याद उनके शूट राजा दोगा । किन्तु । ' im. मादिगे। जो नयापादि कला मोर प्रतिपदानि बसा. यद मन मर्णयाविसम्मत नहीं कारण माज मीभारत, शुमार दुगांजा करना , रस निगि पिगियी. के माना प्रधानों में क्षतिपय विद्यमान है। पचारमे पूजा करें। परन्तु जो समय । उपमा २ जाननाय एक पुषका माम। से कम पुप धीर पिन्यपय दारा भी दयीपूजा कानी महानय (.म पु० ) इद्र, अंर। . माहिये। पता करनी ही होगी, यही मारमा पर मदानरफ ( स० पलो. महान मनिमय यातना दो । महानयमो दिन पूजा होने उसको महानपमो. • घरवारिंग सपा भाषी रामा नन्दियमः। कार पहने हैं। यह निषि जिम दिन भरिका यागिनी चत्वारिंगपरचय महानिदर्शनियनि । होगी, उसी दिन महागयो पूमा कामो चाहिये। महामन्दिमुमचारि शाया कि परिका गया । मुहन मयां जिगदिम मुहाल होगा उसी दिन मा होगी. अपने दिन र मदारमा मांगा गया PE मी राजाने मारा गुम्योगा। "मग मामा याNT: ( २६ म.) पूरा माम र महादसा: शुगर्भाशयमानुषो मन्दः | मानामा पराम। परशुराम नाकारी भारत मत: B Nature Married का माना गरि पनि सेन मदानन्दिनीय भोप अप परिका (en) (राति ) Vol. 381