पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष सप्तदश भाग.djvu/१५९

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पहागानस्ति-महापाप मासमें प्रात:मान कर हरिमोशन और प्रत्यर्पका न माता पिही या काई भारि । मनुष्ठान करनेसे मी महापातक पिनष्ट होना है। एतानि पनितानान्तु म यति रिमोदितः। "चामा पेषु स्नान विधीयते । मानव सस्य गरिन धान्यमा " विष्प माप गानासनम् 11" इसमें विशेषता यह है कि यदि उस महापाको (मनमाma) अपने पापका प्रायश्चित कर लिया हो, सो उमफे पाद • 'पुराणमें fruit, ' ' पर मलमप माम मीच पार भासादि सर पुण्होंगे। पदि मरने पहले मिसफे मुखसे हमेशा मिलता है, उसके सभी पाप दूर प्रायश्चित्त र शिया गया हो, तो मरने के बार करणे होते हैं। " पादादि करना माहिये। यही शारको यस्यां है। - कति मम नाम यस्य याचि यचं । पारिमापिक महापातकी।-- भस्मीभनति रागेन्द्र महारानीटप" (पुराण) Pat मा मादी गुपत्नी गुर पाम् । रोग मात दीपा दे। पिमा पापफे रोग दो मही" यो न पुमानि कारया महागात शिप" सकसा महापारास रोगका विषय इस प्रकार लिया - ( नेप• गप्पनिमः ।.) "पूजन्म पर पा रफाल परिसपे। पिता, माता, माया, गुयपली गौर गुर कt पानिपाधिलाण तस्य कृयादिभिः समः ॥ भरणपोपण जो कि गदी फरले पे महापातकी । कुटन्नु रामपदमा म हो प्रदणी राया। मन्यायिध- गुमायारमरीकामा मतीमारमगन्दरी॥ "क्तमायापतिगाव नीचयाँ प्रतिमा मिः। '.. एप गपडमाला Rashनागने । दुगा न मपणेदपस्नु म मा rat g" . इत्येवमाश्या रोगा महापासोट्या गुणा: n" (देवो. मागनाराषप) • पूजामका किया मा पाप मरफमोगके बाद नीच मारा प्रतिष्ठित देश प्रतिमा भीर भगवती दुर्गा. ध्याधिरूपमें पीड़ा देता है। मूबरुष्ट, अमरी, कास, • अतीसार, भगन्दर, दुष्टमण, गएइमाया, पक्षाघात और को जो गणाम करते है गौ महापामको है। "जातिभेदोन कप: प्रकारे माना। मशिमाशम, ये सब रोग महापातक पालसे टरपन्न ! होते हैं। गोत् महापारा पानेसे उस रोग मनुष्य पोप्रादधदि स्ने र माफी भार" परोने वैदा होते हैं। धर्मगारानुसार पहले इस रोग (मानित १९२) का प्रायश्चित्त भीर पीछे चिकित्सा करनी चाहिये। परमात्मा प्रसाद, जालपा रिनार मी फारना महापाभिन (सं.लि.) महापातकममस्येति महापातक पाहिपे, करनेसे महापामोता। इनि। पचप्रकार महापातक गुत, पायदा महामापातको (म त्रि०) पद मिमम महापातक किया। 'पाप पारपाटार __mfreEarmaन मद में दे। . 'महापातको मात ही पतित है, इस कारण गले पर महापान (स.) १ प्रधान मंत। २ामान या की वाहानिमिया नहीं होगी। यहां तक कि पहा प्रामप जो मार कर्मका दामना है। गत्यु पर माधुपात मी परमा गिपिय। महारा. विगत गापफ।पे मार दास सादिपुरभी मदीं होंगेयदि कोई मायामा पार कर लियापिपनि सम्परेरी ममा गये। मनिमार्ग, मशीष पदण मीर भासारि पाप करे, महापाद (मपि) ११ गुन मा . 'सेमी प्रायश्चित्त करना होगा। थाला। (.jाय, महादेश। ."remsो पता मदारापी ) म स पापनि मा. ठिकाना मान पात