पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष सप्तदश भाग.djvu/१६९

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पानी-पापर पनायर है। दाक्षिणात्य आज भी जिस तरी.मे देवालय विभागान्तर्गत एक साम्यनिवास। पर wit 'धनाना जाता है, अर्जुन और धर्मगलरय भी उमी तरह ५६ 30 और देशा०३४०पू० पश्चिमबाट पर्वती बने हुए हैं। जो पुछ मी दो पे मर कासियां हजार मदापलेवा मामा आर मस्थित है। पपंपदन्लेको वनो दुई हममें संदेह नहीं। पश्चिमघार पयंतमे इसकी माई ४३०० फुट है। । पहले हो लिग थाये कि उन. रयको छोड़ कर यद म्यान जनसाधारण लिपे पिरोष प्रोविकर। पदा पर भी कितनी पोस्ति गुहा। ये सब गुदा गिरियाको निर्मल गिझरिपोकी सलिलरागि, प्रशान्त उत्थर मारतीय गुदा मन्दिर में कामकार्यविशिष्ट नो प्रतिको अपूर्व मुन्दरता और सान्ध्य विहारोपयोगी नहीं हैं पर उतने पराय भी नहीं है। ये सब शायद प्रशस्त मैदान या पथइम म्यानको रमणीयतामाता ६ठी शतानीके बने होंगे। है।यदा पैलगाडी माने जाने का घाटा राम्ना मी पनाया बलिराजको महामसिक समीप उसके सर गया है। इस कारण गो कमजोर दुर्यन पनि यही यामनपश्चराजको मुर्ति, उसकी शियों की मौत, चार साम्यलाभको माशागे भात है, उन रिमो प्रकारका पौर पांच मंन्यासी तथा गुहामन्दिरफ मध्य प्रतिमूर्ति : कप्ट नहीं होगा। पाई मेरपिष्टपन मिनाला -विराजित है। उसके चारों ओर सिंह, पाय, चीना, हरिण | रेलये लाइन पूना तक माईहै। यहमि मुमाफिर कोई मादिको मतियां भी गोमा देती। । गाडीकी सयारोगे उन स्थानों जाते हैं। अब देगा । पाको शलमाला मध्यभागमें युद्ध धीर उनणे : गा, कि इतनी दूरंगे सारी बारा शानी दुपन नियोको मसिह। पास में नागराज यासकी और रोगियोंकी फट होता , सय मानिती गोफे मुहानेर सपा मोरिता सामामिां और काले गर दासगावसकरवाई जदाम माने जाने राता रामामी, शनियों, गम और तरह पशासियों को निकाला गया है। दासगांयमे मगल क्षेत्र गौर पार. मूर्ति मौजूद है। Jणी पार कर ५मालका रास्मान करने महाले भ्यर मापा जाना। युब मीर उगफै गियको मनिक समी फुछ दायी १८२८ वा प्रदेश शासगातां मर माग भौर मुगठित मूर्ति मजर आती हैं। इन मव मूर्मियों में । मैकमने मतारापं. राजाको कुछ कर पद मास्थ्य प्रद कारीगरने अनी फारोगो मच्छी तरह दिपलाई गिरिप्रदेश रोक्षा । भी मैकम पेट गामक प्राम फागु साहयका कहना है कि यहोके मन्दिादि १५यों। "। उनकी स्मृतिको घोषणा करता है। समधानको अंगार सदोफे और बोदित गुहा उमसे भी पूछ वादको बनो। थाना जिले के मेन ( २५६० फोर ) मधिक रानफ होगी। - कारण यहांका भादा दिन पर दिन पहना हो जाता है। ___यदाका समुद्रनोरपसा नियमन्दिर अभी समुदगर्भ पाल पद मधिकरपा दोनो म कारण शायी होने पर भी यराहसामोका मन्दिर मात्र भो प्राचीन समय बहुत कम लोग भायमस्त और भगवान कोरिको पौषता करता है। इस मन्दिरम नियनित है यह विशेर म्यायद मीर गावपूर्ण रहना भौर नारायणको मनि एकमे जुड़ी हुई है। महानिपुरम , समय स मेटप्रधान प्रधान गजकर्मधाराम रोमक, चीन, पारस्य आदि पाकि प्राचीन मिश्र शेराया भाराको पालाममा कता निकाले गये हैं। पदांसे पक कोस उचर गानुपांकुल युनिस्पनिरी. मघाम दरग मारमै पाकी मामक प्राम है। यहां भी फुए गुदा, शिकारिपि भार उनकी दो fre, पाठा , भोपाल, स्थापरयो मिरर्शन मौजूद है। भार बहुमा ममिनिगर। १८६५ मेहरा महापली (निक महामना निगान गहाल मौr पाठागरस्यापित महारतवर (म ) निर्यातमेद, गोकर्णमाला मनापागलो. महापागोप गरेमा महापपरा मनात लिंक 7. गणे है।