पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष सप्तदश भाग.djvu/१७३

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महामारन प्रादुर्भाव और मायाके माध कयोपशन यणित), १० को गाता राजमिहामन पर मन, मणीमान. मनुशासनिक पर्य (इममें घोमान भीमको मारोहणकी । के गापसे धर्मको गरयोनिमें अल्पनि, दादान पास यात लियो १), ११ पीछे मर्वापापणार. माश्य. पादपायनसे पृतराय और पाण्डा मग्म गया मैधिक पर्य, १२ आध्यात्मविषयक अनुगीता परं, १३ पायोकी पनि, पाणपोय. पारपायां पागा. भाश्रमयास पर्य, १४ पुवदर्शन पयं, १५ नारदागमन के मम्याध दुर्योधनको पुमन्त्रणा मीर उसके हाग पर्य, १६ महाप्रास्थानिक पर्व, १७ मर्गारोणिक पर्य, १८ पापमयोपे. पाग पुरोगनका भेजना, दिनानुशागके लिये सिल नामक दरिया पान्तर्गत दरियन पर्य, । गदमे विवर द्वारा ग्लेया माया भीमदर्मरानके प्रति .यिष्णु पर्य' (इसमें शिपया भौर का हारा फंस हितोपदेश देना, पिता या फलम्पसमा वघका उल्लेख),१०० पोछे गति भभुत भविष्यपर्य, तथ्यार किया जाना, पांग पुोंकि साथ मोई हुई मिपादो महामति प्यामने सी पोको लिया है। मृतकुलोन्य। और पुगेपना शायदा निविपनमें felem लोमहर्षणके पुत्र उप्रश्रयाने नेमिपारण्य में प्रमसे मठारद राक्षमीको पाएका देना, महाबल भीम द्वारा निम्पि. पर्याको संक्षेपमें वर्णन किया। उसी माशिम पियरण का वध, पटोतायको ताति, पापोंका यामका को हम यदा उल्लेख करते हैं। दर्शन और शामरे, मागानुमार एक पहाणोंक पर पाण्य, पौलोम मास्तोक भादिय नायतरण, मम्मय, पाणयोंका मातयास. बाराशमा भीर ग. दर्शन लक्षागृहदाद, विधिम्यवध, चैत्रस्य, द्रौपदीका पयंवर, संगांपयानोका यिस्मयापित दोना, नौपदी भौर पर. पेयादिक, यिदुराका आगमन, राज्यलाम, मर्नु नका वन.! मनको उत्पनि, प. प्राणप. मुददापोका स्प. पास, मुमदादरण, यौतुकादरण, पश्यियनदाद मीर मप बरकोना मुन कौगुहलामात हो पायोका पाचाल देश. दर्शन-पे सय विपय भारि पनि पर्णित हैं। को मोर याया करना (पाशाल मा पयाय कहलाता है, पों के विपर्यास वर्णन। गडाफे किनारे मद्गारपर्ण मामा को भगका पामा जोतना, उम माय मैती स्थापित करना उसके . इसमें उतका माहात्म्य पर्णित है । लोम | मुदगे सपी, पशिष्ट योर पायरको क्या न कर पर्ण भृगु शका सगिस्तार पर्णन है। भारतीक पाएम्योका यहां पाशाल मगामें माना, पाहा मारे पमें गाद राधा सपाको उत्पत्ति, भीर समुदमन्यन, , रामामाग. योग सपभेद का दीपीको पाना और यहां उपभयाशी उत्पति और महाराज परोशितफे पुष जगे. गुर होने पर भीमसेन मार मम दारा शाक मौर जपके सपंपशानुमानके माप भरनयनाय महात्माभीप अग्याम्प मदाग्य योगेका पराजित होगा, मोमाइंग समात्यकी मदामारलीय फया धर्णित है। | मलौकिक रोज देश और उगद पाटय समप सप भीर सम्भा पर्य। पनरामका मागप गृहमें मागमम । पदौरे पाप पनि . इसमें रामो मार भन्यान्य पोरों तथा पा होग-१८ सुन पर पदरामा मिनाम पर पनकी उत्पति, देयता के अगायता देय पदका उपान, मौका देवल ममाशि दाय, नाग, या, मपं, गधा, पक्षी पार भन्याम्य | विषाद, पाराष्ट्र मारा पिपुरको पारदपक पास मेटा, पिपिप मानियोंको उत्पगि नया भरतके मामानुसार | पिपा बाना भीर मापान, धारका पर्शन पागा, भारतशमशति, शपुग्नताका एसान्त, शाग्ननुराम पाएमागमा याम पामा भीर TA पर गहा गर्म से वसुओंको उत्पनि भोर पांदन! गामन, मारदा मापा.मनुमा नगदी पर नामा गौमा जग्न भार उनका गम्पत्याग, भावपापलायन ! भोर पायो मापका नियम पिना, गुलोपसुदया , मौरतिभापालन, मीशिवाइपो सामौर सोपा मारा भिधिर शिम मास पाने मिर पिनादी मारे जाने पर उनके छोटे मा विपिनो.! मोटर माजपि mm गारहीदको