पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष सप्तदश भाग.djvu/२२६

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२०६ पहाराष्ट्र समय सेयन राज्य (नान्देश) के यादयोंमें मिलम नामक! मी हुया था। प्रसिद्ध ज्योतिर्षि मातराना पार एक बड़े हो योर रामाने जन्मग्रहण किया। इन्हें ' नगदेव इन्हों फे सभापदिश्त थे। . मन्तल नामक राजासे श्रीयनपुर मिला। इन्होंने ' १९६६ शशमें सिंघनके मरने पर उनके पुत नासिर प्रत्याडफ नगरके राजाको युदमें परास्त, मङ्गलयेष्टक देगिरिमें रह कर राज्यशासन करने लगे। शिन्गुइनो नामक प्रदेशके यिलण नामफे राजाको निदत नथा भाग्यमें यहुत दिन तक राज्याण बदाम था। सी कल्याण-प्रदेश अधिकार फर दक्षिण प्रदेशीय यादयोको साल इसके पुत्र कृष्णराज राजगदी पर है। उन्होंने अपने यशमें कर लिया। इस प्रकार इन्होंने कृष्णानदी- अनेक यागय कर प्रसिद्धि पाई गो। इनके समय में के उत्तरी किनारे तक समो प्रदेशोंमें यादवोंकी प्रधानता बैदिकधर्म और भी द हो गया। रहनि सोल.देशको स्थापित कर १९०६ शकमें देवगिरि पर दुर्ग बनयाया। अपने अधिकार कर लिया पोर मामय, गुमल, इसी साल यहां राजधानीको प्रतिष्ठा और उनका अभि- ' कोण, तेलङ्ग मादि देशले राजा मयंदा इनमे परने पेक सुसम्पन्न हुआ। इसके बाद मिल्लम कृष्णाके दक्षिणी थे। किनारे पर भी अपना आधिपत्य फैलानेमें अप्रसर हुए। १९८२ कम पाणरामफे छोटे भाई महादेव रा. किन्तु मैसूरके पोर-यालाल यादयने उनको रोक दिया। : मिपित हुए। उनके समयमें कोहणदेग पाइयोंक धारयाद जिलेके लोकिगुएिड नामक स्थान पर दोनों । अधिकार पाया। उन्होंने तेलङ्ग, कांट, सार, गुमर पक्षमें घोरतर युद्ध हुआ जिसमें वीरवलालने जयलाम कर और मालपादि देशफे राजाओंको भन्यो तर रापा दक्षिण महाराष्ट्र में अपना प्रभाव अक्षण्ण बनाए रमा।' था। शिलाशासनादिमें ये "प्रौदप्रतापयशयप्ती" मामसं (१०१३ या ११९१६०में ) धर्णित हुए है।लके एक ग्रामण सेनापतिने "भामोग".. मिद्धमफे बाद उनके पुत्र असपाल १११३ शकमें देय. यमका अनुष्ठान किरा था। गिरिफ सिंहासन पर यैठे। उन्होंने गान्ध्रदेश पर चढ़ाई महादेवको मृत्युफे पार १२०१०में उनके भतीजे कर यहां के काकतेयवंशीय राम नामक राजाको गुदमे . रामचन्द्र राजगहो पर पैठे। ये राम प राग या. . मार डाला। गणित तथा ज्योतिष शास्त्र महापरिडत राम भी कहलाते थे। रामरामका गिलावामन पक्षिणा मास्कराचार्य पुव लक्ष्माधर इनके समापण्डित थे। । म महिमुर देश मीमात तक ममो स्थानमें उन ___ जैलपालफे पुव सिंघनने १९३२ शकमें पैतृक सिदा-है। इससे मालूम होता है कि उन्होंने पक्षिणपरा सन प्राप्त किया । इनके समान प्रतापी राजा यादययंगमे : सामीमप्रभुत्व प्राप्त किया था। उनके भागमादिम कोई भी न हुआ। मालयाफे राजा अजुनको इन्होंने लिखा है, कि मालय रामा माय गुरागे उन्होने हराया था। मयुरा और वाराणसोफे राजा उमफे साप फराद पाई यो पार नेली रामाने भी उनको पो. युद्ध में मारे गये थे। सिंघाफे एफ कमसीग सेनापतितं । नता मोकार को घो। पूगाणे. टेकानमार को युरमें हमीरको परास्त किया। उन्होंने पहाला शिला. ' रामचन्द्र रायफे गत्यकाम (५३८ मिश्रित हारयंशीय भोजराजको फेद कर लिया और वैदियंशीय अमरकोपका पा प्राय है। इस समय मोनi जाजल नामक राजा, गुर्जरराज तथा रम्मागिरिके सिंह ने मैनापति और प्रादेशिक शायमा काम free कल्प लक्ष्मोधर रामाको युसमें पराया। भागोर ज्ञाति-गा। मुगिय पगालविषयक प्र मादि पाप के राजगण उन्होंफेदाप नियंश हुए थे, ऐसा मो गोप महादय भौर मगन्द्र राय समपमे दो मार- सुना जाता है। उनके भधोनम्य प्राणोंने भी सेना : मस एथे। उन दोनों सा भीरपालिका पतिका का किया था धीर कांवर गुमराको पल भरनमु (परांमाग गमप गोरी । हिपापा। दक्षिण महाराष्ट्र का विकार्य शिप' निमानिमि मादिको मार ARE भी कर • समय फिरम गुरु हो गा और बस जमिन ENA नाम भूमि प्रास