पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष सप्तदश भाग.djvu/२६४

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२३४ पहाराष्ट्र आदि देश पर मुगल-सेनापति स्तम्भित हो गपे मोर राप्रसमा शो स्वभमांगुराग in or free फाइने लगे "मरहटे लोग भादमी नहीं है-ये तो भूत हैं।", उसपे इतने थोड़े समयमै मर हानेको विमान मला इसके बाद वादगाइने स्रय मरहलोंके विरुद्ध चढ़ा की, यनान यो। पर कोई फल न निकला। चार वर्ष के अपरही मागे मरने पर ___ मरहठौकी कालान्तक मूर्ति संहार न होती दे थियाइको निपटा लिया । पर चार मुगलसैनिक लौट जानेको वाध्य हुए। किन्तु मरहटोंके। उन्होंने देशको भोतरी शान्ति मगर विमान भार विफमसे उनका मागना भी उनके लिये बहुत कटार हो । पयोपयुक्त पला संप्रद किया। शाम देश। उठा । पूरा सन्नाट विलफुल हताश हो गपे मोर गहमें इसके बाद सारे मारली हिन्दुधा nि. 'पा जन्म गया' कह कर माणत्याग किया। यह १७०७ पताका फहराने के लिपे पे लोग प्राणपण ग गये। फरपरीको घटना है। मय दक्षिणपने हिन्दूधर्म प्रायः ; १७१८०में दिलायरको काय कर फेमा बाम मिष्कण्टक हो गया। सधम और स्वदेशको रक्षाफे लिपे विनायने उसे दाक्षिणा देशमुमो गीर गोग प्रवल परामान्त मुगल बादशाहफे माय ऐसी प्रतिफल उगाहमको सनद ले नी । यही मनर भाग गर कर र. छायायामें लगातार युद्ध करनेका भारतको और किसी ठोंके स्वधर्म और राज्य विस्तारमी प्रधान . भी जातीको साहस न दुमा। अमालिंग धर्मात्मा भीर स्वरूप हुई। हिन्दूधर्म रसायनिय दिनु बारमाही" गीर स्वदेशमक्ति यदि समान मातिकी नस मममें भरी . अर्थात् स्याधीन हिन्दू सामान्यापनको मापता न होती तो, कभी भी ऐसा दुसाध्य कार्य नहीं हो। इसके पहले ही मालूम हो गांगी। qिuixx निमा सकता था। फलतः इस समय महाराणदेशमें स्वधर्माः । फरफे मसलमान मोग म्यमांनुरागो गहलोक गई नुराग धीर स्वदेशमोतिका ऐसा अपूर्व विकास या, फि विद्धपोहो गपेगे। इस कारखाने मी समाप पैसा शियाजीफे समयमें भी नहीं दिखाई दिया था। मुगल शादी को अगर भारतपर दिदगाही का फलतः शियाशी जो राष्ट्रीय भायका योज यपन कर गये, स्थापन उन लोगों प्रधान । थे, उस योजने गाज में कुरित मार पल्लवित हो दुर । गोप। मुगलोंके यांत म फर दिपे थे। मुगलों के मामलों को गालिदा मोर सम्माजीकी हत्याफे पाद उनके सो पुसको याहरीशा भोक, बामन को मापन मुगलगण पन्दी पर ले गये थे। उमको उतार | साधारणतया म हिमा गाmm फरमेसे लिपे मराठागण पंद्रह वर्ष तक लगातार; महारमा गिपानीको गेटाफ परमे महारागिने गर येष्टा करते रहे, पर एतकार्य न हो सफे। और देशम प्रधान माल को, व मा दुपन शेयके मरने पर मरहठोंका यल, दर्प मार माहस पट्रोमी रामको जागिरमा भी. भामगन ऐसा दट गया, कि गये नायगाद १७०८ में उन्हें', मानेका मारो नपाली भाभिन . फारामुला करनेको पाध्य हुए। उन्होंने समझ रखा था. गस्यका अनुमान या "iin" REE FREE किशादफे देश लौटने पर रामारानके पुजके माय न. फलतः हमी"नी मारठे राम की . का कलद यदा होगा। इसमें गय प्रतिष्ठित महाराष्ट्र शियरमा गां मंगाilm frयांद करते । राज्य पार क्षार दो शापगा मोर तप दाक्षिणारयमें फिर इस तरह गोप मी मनाम int से मुगल-साप्रा पापनका उन्हें अपसर मिटेगा। समारो गायय लापने AE RARAN मोरोपका भी ऐसा हो विभ्यासकारण, तरुण नियाने होकी गो। दिन Rar सधारको सरह ये मी महारानिका मूल राय या, और साफ सुहामि म 2. उसे माग सफे में। पदानि रामदामने मा. उप. पोराको am गर्ष पेटमा