पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष सप्तदश भाग.djvu/३०४

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पाशाजोन-पदाम्मशान हाम्मान शालि, मोटा धान । पर्याय-सुगन्धिक । इसका मतमनी । २ यनस्पतिपिशेष(मिमित्र . गु-गुरु, बनार, ना दिनकर तथा वलयका पोर्ययुग. मिसका वीर्य पान उएला दो। (अधिम० १५ २०) महागीर्य (म पुनियानुपरभेद, नियके एक भनु महागालोग ( सविमति गिनीन, पहा नन्न। गरका नाम। (सं .) पाधि दूर करनेका पक दामोल ( स० पु. ) जन्मेजपके एक पुषका नाम । उपाय। महाशुक्ति ( स० रनो०) मुक्काप्रसविना शुकि, हमार महाकासन (म.पु.) १रातादेश, राजाको मामा । २ जिससे मुका मिशन्दती है। २ युदर शुचि, बड़ो सोय। सचियभेद, रामाका यह मन्त्री जो उसफी आमाओं या महाशा (सखो०) महती मासी शमा जागा दानालों मादिका प्रनार करता हो। १ सरसती। (वि.) २ अतिशुतवर्णयुक्त, जो गम', (नि०) ३ महामक्तियुक्त, अरपन्त वलयान । । उमला हो। महागिर-यनामग्यात मत्स्यमिशेर, एक प्रकारको महाशुएसो (सं० खो० ) हायोस्' नाम मछली। इसका मस्तक देदको अपेक्षा बढ़ा होता है, ! महाशुभ्र ( स० ) महान शुनो योऽस्य । जत, इसीसे इसका पदाशिर नाम हुमा है। कहीं कही इस चांदी। (त्रि. )२ अतिशय शुभवर्णगुल, जो महाशेल या महागील भी कहते हैं। 1. उसला हो।. . उत्तर प्रलपुत्र, गंगा, काश्मीरको तोहीनदी, यमुना मदापून (सं० पु०) मदान र भाभोर, पाला। गौर गायकी दूसरो दूसरा नदियोंमें यह मरती पाई के मध्य ग्याला या नाई।। मातो। महारादो सं० ० ) महास्य माम् इति (ममा. इसका मांस बहुत स्वादिष्ट होता है। इस कारण बताए । पा VY) प्रत्यक महत् पूर्णएप प्रतिपंधा पनि पामेरे पहाड़ो मदा किनारे मा इसका शिकार करते / काशिकारपा पुयोगलक्षणा हो । मामारी, पानिन।' । एक एक माउलो माघ मनसे अधिक वोमल होतो महामान्य (सं००) आकाश । है। इसके दांत बहुत तेज होते हैं। घोंघा, फेकता महारान्यता (संखो०) महान्याय माया ताल-दाए । मार सर सरहको मछला हो इसका प्रधान भोगना है। व्योमका भाव । २ योगियों को निस्वास्या यह की फनिगेको भी वहे गावसे पाती है। दरिद्वार महाशैरोप (सल0) साम। स्माननार, पिएस्पूनाफे समय पेमा मालियां महाशैल ( स० पु. पर्यंतभेद । पिएर पाने माती है। महामाण (स.पु.मदाभेद, सोन मी महानिरस् ( म०पू०) १५ प्रकारको माली । महागील ( स०३०) प्रकारको मामी यह मानो फणपा मापकी एक जाति। ३ गोधेयक मानिर्भर! माविष्ट तथा पलकर मामी गां। • ग्यानोको एक जाति। महागीएटी । मो० ) महतो मासी गोडा प्रति। महानिरामगुलय (म० पु. ) नियोंके छठे पामुदेय। । सफेद किणिही पृथ, कटगोकादा महागिरोधर ( स० लि. ) पृत गोपा, लम्शे गरदन।महागाशि पु.) मुमतगमे । महानिला (सं० स्त्री० ) गम्मेद, एक हथियारका नाम 1 महामन् (म'०१०) पराग मणि। महाशिय (106) महावासी गिया कन्यापी महामशान {मी0) महरा मानत. मा महादेप। दिन मा सगुन कममा पुगirAIसाय महाशातपती (गो.) वामोशी यांग मदपियामि मायादम्य मारक पदारहोग पा. गोका माम। . पिनर होते हैं। कर्म कि.मग img . महाशोना (10 ) मइस्थपित माता गौतयो नी है। परि मृत्यु सप का Teen