पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष सप्तदश भाग.djvu/३२७

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पहीरण-महुआ २८७ महीरण ( स० पु.) पुराणानुसार धर्मके एक पुत्रका जिनमेसे प्रत्येक महमर दज्ञा कर दूसरेको मूर्छित अपवा नाम। यह विश्वदेवके अन्तभुक्त हैं। चलने फिरने में असमर्थ करनेका प्रयत्न करता है। महोरत (सपु०) एक राजा । महुमरि (हिं नी) महुर देखो। महीरन्ध्र (सली . ) मह या । भूगर्त, गढ ढा। महुअरी (हिंम्तो०) यह रोटी जो आटेमें महमा मिला महोरावण-अद्भुत रामायणके अनुसार रावणके एक कर बनाई जाती है। पुत्रका नाम । महिरावण देखो। | महुआ (हिं० पु०) स्वनाम प्रसिद्ध वृक्षमेद, भारतवर्ष के महोयह (स ० ) मह यां रोहति जायते इति सहक। सभी भागोंमें होनेवाला एक प्रकारका वृक्ष । संस्कृत वृक्ष, पेड़। पर्याय--मधूक, मधुष्ठोल मधुनबा, मधुपुष्प, रोधपुष्प, महीलता (स० सी० ) मह्या लतेय । किंचुलुक माधय, वानप्रस्थ, मध्वग, तीक्ष्णसार, महाद् म । केचुआ। यह पेड़ पहाड़ों पर तीन हजार फुटको ऊंचाई तक महीला (से. स्त्री०) महिला,खी । पाया जाता है। हिमालयकी तराई तथा पंजाबके सिया महीश-एक प्राचीन हिन्दू राजा। सारे उत्तरीय भारत तथा दक्षिणम इसके जंगल पाये जाते महीशासक (सपु०) मया शासकः। पृथ्वी-पति, हैं। उन जंगलों में यह स्वच्छंदरूपसे उगता है। पर पंजाय- राजा। में यह सिवाय वागोंके, जहां लोग इसे लगाते हैं और महोशांसक-हीनयान मतावलम्यो योद्धसम्प्रदायभेद । कहीं भी नहीं पाया जाता । यह पेड़ तोस चालीस हाय यह सर्वास्तिवाद या वैभाषिक मतको पांच शाखाके ऊंचा और सब प्रकारकी भूमि पर होता है। इसकी अन्तभुक्त है। पत्तियां पांच सात मंगुल चौड़ी, दश बारह मंगुल महीश्वर (स.पु.) महया ईश्वरः। पृथ्वीपति, राजा! लम्बी और दोनों ओर नुकीली होती है। पत्तियोंका महोसन्तोप-एक प्राचीन गएडग्राम । ऊपरी भाग हलके हरे रंगका और पोट भूरे रंगकी होती मदीसुत ( स० पुर) मद्याः सुतः। मंगलप्रद, पृथ्वी. है। इसका पेट चा मोर छतनार होता है शोर का पुत्र । । हालियां चारों ओर फैलती हैं। इसके फूल, महीपुर ( स० पु०) मयाः सुरो देवता इय। भू- फल, धोज और लकड़ी सभी चीजें काममें देवता, ग्राहाण । २ राज्यविशेष, महिसुरराज्य। | आता हैं। पेड़ वीस पचोस पर्वमें फूलने और महिमुर देखो। फलने लगता है और सैकड़ों वर्ष तक फूलता. महिसन ( स०ए०) मह गाः मनः पुत्रः। मइलाह।। फलता है। इसकी पत्तियां फलने के पहले फाल्गुन चैत- मधुअर (दि० स्त्री०) १ यह भेड़ जिसका ऊन कालापन । में झड़ जाती हैं। पत्तियों के झड़ने पर इसकी हालियोंके लिए लाल रंगका होता है। २ मामा मिला कर पकाई गुच्छे निकलने लगते हैं जो कुचोके याकारके होते है। हुई रोटी। | इसे महुएका कुचियाना कहते है। कलियां बढ़ती जाती • (पु० ) ३ एक प्रकारफा बाजा। इसे तुमड़ी वा । हैं और उनके खिलने पर कोशके आकारफा उजला फूल तूपी भी कहते हैं। यह कादयी पतली तूचीका होता! निकलता है। यह फूल गुदारा और दोनों ओर खुला हुआ है जिसमें दोनों ओर दो नालियां लगी होता है। एक होता है तथा इसके भीतर जोरे होते हैं । यही फूल ओरकी नलीको मुदमें लगा कर और दूसरी ओरकी। छानेके काम आता है और मामा कहलाता है। नलीफे छेद पर उंगलियां रख कर इसे वजाते हैं। प्रायः महुएका फूल वोस वाईस दिन नक लगातार टपकता मदारी लोग सांपोंको मस्त करनेके लिये इसे पजाते हैं। है। महुएफे फूलमें चीनौका प्रायः आधा मंस होता २ एक प्रकारका इन्द्रजालका खेल जो मायर बजा कर है, इससे पशु पक्षी और मनुष्य समी प्राणो इसे बड़े, किया जाता है। इसमें दो प्रतिद्वन्दो खेलाड़ी होते हैं। चायसे साते हैं। इसके रसमें विशेषता यह है कि उसमें