मना-महोदर
२६५
महेला (सं० स्त्री० ) महती वासावेला च । स्थूल एला, महोत्का (सं० स्त्रो० महतो उत्का। महोलका, बड़ी उल्का !
बड़ी इलायंची।
महोत्पल ( स०सी० ) महश तत् उत्पलश। १ पा ।
महेश्वयं (स' लो०) १ विपुल ऐश्वरा, राजपद । २] २ सारस पक्षो।।
महाशक्ति, वडायल।
महोत्सङ्ग ( स० पु. ) अत्यूई मंण्याभेद, एक बहुत
महोफ (हि.पु०) महोखा देखो।
वड़ी संख्याका नाम।
महोश (सपु०) महान उक्षा ( भचतुरविचतुरेति । पा महोत्सव (सपु०) महांश्चासात्सपश्च। अतिशय
१४७७ ) इति समासान्तः अन निपातितः । वृहद यूप, सुनजनक फर्म, बड़ा उत्सव ।
बड़ा चैल । पर्याय--पभ, नृप, पुरय, यला, गोनाथ, "सर्वेश्च जन्मदिवमे स्नातम शामपाणिभिः ।
अपम, गोप्रिय, उशा, गोपति ।।
गुरुदेवाग्निविप्राश्व पूजनीयाः प्रयत्नतः॥
"महोक्षः स त्वया दृष्टः संस्तयश्च कृती यदि ।
श्यनत्र पितरो तथा देवप्रजापतिः।
सदिहानय तं युत्क्या तावत् पश्यामि कीदृशः ॥"
प्रनिसंवत्सरञ्च व कर्तव्यरच महत्तयः ॥" (तिधितत्त्व)
(कथासरित् ६०।६६) महोत्साद (स. त्रि०) महान् उत्साहो यस्य । १ मति-
महोत्र (हिं० पु. ) महोखा देखो।
शय उत्साहयुक्त, बड़ा उत्साही । पर्याय-महोघम ।
महोखा (हि० पु०) एक प्रकारका पक्षो। यह फोपके (पु०) २ विष्णु। ३ राजपुरुप । ४ अतिशय उद्यम, कड़ी
घरावर होता है और भारतवर्ष में, विशेष कर उत्तरी मेहनत ।
भारतमें झाड़ियों गोर बसवाडियोंमें मिलता है । इसको । महोदधि ( स० पु०) महाश्चासायुदधिश्चेति । १ समुद्र,
चोच, पैर और पूछ काली, आखें लाल तथा गिर, गला सागर।
और ने सैर रंगके या लाल होते हैं। यह झाडियो-महोदधि-एक प्राचीन कवि।।
के पास कोडे, मकोडे. पा कर रहता है । यह परत तेज महोदधि (स.पु.) गोपधभेद । प्रस्तुत प्रणाली-
दौड, सकता है। पर बहुत दूर तक उह नहीं सकता। विष १ नोला, रससिंदूर १ तोला, जायफल २ तोला,
इसकी बोली बहुत तेज होती है और यह बहुत देर तक मोहागेका लावा २ तोला; पीपल ३ तोला, सोंठ ६ तोला
लगातार योलता है।
और लवङ्ग ५ तोला, इन्हें जलसे पीस कर एक रत्तीकी
महोगनी (० पु०) भारत, मध्य अमेरिका और मेक्सिको गोली बनाये। इसका सेवन करनेसे जठराग्निको तेजी
आदि में होनेवाला एक प्रकारका बहुत बड़ा पेड.। यह होती है। । भैपन्य० अग्निमान्याधिकार )
सदा हरा रहता है। इसकी लकड़ी कुछ ललाई लिए । महोदय (सपु०) महान् उदयः उन्नतिर्यस्मिन् । १ पुर
भूरे रंगको, बहुत ही हद और टिकाउ होती है और उस . विशेष, कान्यकुरज, गाधिपुर फोग, कुस्थल।
पर यानिश बहुत खिलती है। यह लकड़ी बहुत महंगी
कान्यकुब्ज देखी।
विकती है और प्रायः मेजें, कुर्मियां और मजाघटफे कान्यकुम्जदंग । ३ माधिपत्य । ४ अपयर्ग।५
दूसरे सामान बनाने के काम माती है।
महाफल। ६ स्वामी । वोंके लिये पफ भादरसूचक
महोच्छय (सदु०) महोत्सय देखो।
शब्द, महाशय।
महोछा (हि.पु०) महान्छर देखो।
महोदया (सत्रो०) महानुदयो यस्याः राप । नाग.
मदोटिका (स' स्रो०) महान्तः फलेभ्यः स्थूला उटा बला, गंगेरन ।
पत्राण्यस्याः ततः स्यायें कन टाप अकारस्पेत्व। यहतो, महोदया (स० खी०) १ पुरानानुसार एक नदीका नाम ।
फटया।
। २ गङ्गाके दक्षिण अनमें प्रवाहित नहीं।
महोटी (सरसी० ) यहती. कदया।
| महोदर (सं०सि० ) महदुदरमस्य । १ हददरयुक्त.
महोती ( हि ग्री० ) महुपका फल, कुलदी। ! जिसका पेट बड़ा हो। (पु०) २ पृदुदर, बड़ा पेट
पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष सप्तदश भाग.djvu/३३५
Jump to navigation
Jump to search
यह पृष्ठ शोधित नही है
