पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष सप्तदश भाग.djvu/३६३

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पांछ-मौदा २१६ । मागें लगी हुई वह जालीदार झोली जिसमें गाड़ी-मार (हिं. पु.) १ मिट्टीका यड़ा परतन जिसमें अनाज • वान माल असयाच रखते हैं। या पानी आदि रखते हैं. मटका । २ घरका ऊपरी भाग, मांछ ( हि पु०) १ मछली। २ माच देखो। अटारी। मांछना (हिं० कि०) घुसना, पैठना। मांठ ( हिं० पु०) १ मटका, फुडा । २ नील घोलनेका माँछर (हिं० सी०) मछली। मिट्टीका वना बडा परतन । माउली (हिं० सी० ) मछली । मांठी (हि० स्त्री०११ एक प्रकारको फूल धातुफी ढली माछो (हिं० स्रो०) मक्खी देखो। हुई चूड़िया । पूरवमें नीच जातिफी स्त्रियां इसे हाथमें भाजना (हि. फ्रि०) १ जोरसे मलं कर साफ करना, कलाईसे ले कर कोहनी तक पहनती हैं। इसे मठिया किसी वस्तुसे रगड, कर मैल छुहाना 1 २ सरेसको भी कहते हैं। २ मट्ठी या मठरो नामक पकवान जी मैदे- पानीमें पका कर उससे तानीके मूत रंगना। ३ थपुचेके | का बना होता है। तये पर पानी दे कर उसे ठीक करनेके लिये उसके | माह (हि.पु०) १ पकामे हुए चावलोमैसे निकाला हुमा किनारे मुकाना। ४ सरस और शीशेको युकनी आदि | लसदार पानी, भातका पसेय। २ एक प्रकारका राग । लगा कर पतंगको नख या डोरको दृढ़ करना, मांझा (स्त्री०) ३ मांडनेकी क्रिया या भाव। -देना। माँड़ना (हिं० फि०) १ मर्दन करना, मसलना, सानना। माजना (हिं० कि०) १ अभ्यास करना, मश्क करना। २ लगाना, पोतना । ३ मचाना, ठानना। ४ किसी अन- . २ किसी गीत या छन्दको वार पार भावृति करके पक्का को वालमैसे दाने झाड़ना । ५ रचना, बनाना। माइनी (हि. स्त्री० ) संजाफ, माजी। मांजर (हिं० स्त्री० ) हहियोंको ठठरी, पंजर। मांड्यो ( हिं० पु.) १ आगन्तुक लोगोंके ठहरनेका स्थान, मांजा (हि. पु०) पहली घर्पाका फेन जो मछलियोंके । अतिधिशाला । २ विवाहका मंडप, मड़वा । ३ यिवा- लिपे मादक होता है। हादिके घरमें वह स्थान जहां सम्पूर्ण आइत देवताओंका माझ ( हि० अध्य०) १ में, वीच, अन्दर। (पु०) २ अंतर, स्थापन किया जाता है। फरक। ३ नदोके बीचमें पड़ी हुई रेतीली भूमि। मांडव (हिं० पु०) वियाह मादि अथया दूसरे शुभ कृत्यों- माझा (हि. पु०)१ नदीके बीचको जमीन, नदीमका के लिए छाया हुआ मंटप। • टापू। २ एक प्रकारका भाभूपण जो पगड़ी पर पहना मांडा (हिं० पु०) १ एक प्रकारको बहुत पतली रोटी जो जाता है। ३ वृक्षका तना। ४ एक प्रकारका दांचा जो मैदेकी होती है और घोमें पकती है, लुचई । २एफ प्रकार- गोड़ईफे वोचमें रहता है और जो पाईको जमीन पर को रोटो जो तवे पर थोड़ा घी लगा कर पकाई जाती है, गिरनेसे रोकता है। ५एक प्रकारफे पीले कपड़े,। यह परांठा। "कहीं कही यर और कन्याको वियाहस दो तीन दिन पहले माड़ी ( हिं० स्त्री०) १भातका पसायन, मांड। २ कपड़े इलदी चढ़ने पर पहनाये जाते हैं। ६ पलंग या गुहो। या सूतके ऊपर चढ़ाया जानेवाला फलफ जो मिन्न

उपानेके डोरे या नख पर सरेस और शीशेके चूरे आदि । भिन्न कपॉके लिए भिन्न भिन्न प्रकारसे तैयार किया

से चढ़ाया जानेयाला फलफ जिससे डोरे या नखमें मजा जाता है। यह मांडी भाटे, मैदे, अनेक प्रकारफे चावलों . चूती भाती है। मझा देखो। तथा कुछ चीजोंसे तैयारकी जाती है और प्रायः लेईके मामिल (हि० वि०)पोचका, मध्यका। रूपमें होती है। कपड़ोमें इसकी सहायतासे कड़ापन माझी (हि. पु.) १ नाय खेनेवाला, केवट । २ जोरावर, या करारापन लाया जाता है। । । । बलवान् । ३ दो व्यक्तियोंके पोचमें पड़ कर मामला ते मांडी (हिं० पु०) विवाहका माप, मंडवा।

करनेवाला। .. .. .... मांदा (हिं० पु० ) मोड्य देखो। ' ' ' ' '