पाइ-पांदा
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। आगे लगो हुई वह जालीदार झोली जिसमें गाड़ी-मांट (हि.पु.) १ मिट्टीका बड़ा परतन जिसमें अनाज
धान माल असवाव रखते हैं।
| या पानी आदि रखते हैं. मटका । २ घरका ऊपरी भाग,
माछ (हि.पु०) १ मछली। २मांच देखो। अटारी।
मांछना (हिं० कि०) धुसना, पैठना।
मांठ (हिं० पु०) १ मटका, कुडा । २ नील धोल नेका
माछर (दि स्त्री०) मछली ।
मिट्टीका बना बडा बरतन।
माछली (हिं० सी०) मछली।
मांठी (हिं० स्त्री०११ एक प्रकारकी फूल धातुकी ढली
माछो (हिं० स्त्री०) मक्खी देखो।
हुई चूड़िया । पूरवमें नीच जातिकी नियां इसे हाथ
माजना (हिं० कि०) १ जोरसे मल कर साफ करना, कलाईसे ले कर कोहनी तक पहनती है । इसे मठिया
किसी वस्तुसे रगड, कर मेल छुड़ाना। २ सरेसको भी कहते हैं। २ मट्ठी या मठरी नामक पकवान जी दे.
पानीमें पका कर उससे तानीके सूत रंगना। ३ थपुवेफे | फाधना होता है।
तये पर पानी दे कर उसे ठीक करनेके लिये उसके | मोह (हि० पु०) १ पकाये हुए चावलों में से निकाला हुमा
किनारे झुकाना। ४ सरेस और शीशेकी युकनी आदि लसदार पानी, भातका पसेव। २एक प्रकारका राग।
लगा कर पतंगको नख या सोरको दृढ़ करना, मांझा । (स्त्री०)३ महिनेकी क्रिया या भाव।
देना।
मोड़ना ( हि० कि०) १ मर्दन करना, मसलना, सानना ।
माजना (हिं० मि०) १ अभ्यास करना, मश्क करना । २ लगाना, पोतना । ३ मचाना, ठानना ! ४ किसो गन.
२.किसी गीत या छन्दको वार घार आवृति करके पक्का | को वालमेसे दाने झाड़ना । ५ रचना, पमाना।
करना।
माइनो ( हिं० स्त्री० ) संज्ञाफ, मजी।
मॉलर (हिं० स्त्री० ) हड़ियोंकी ठटरी, पंजर । माँड्यो ( हिं० पु.) १ आगन्तुक लोगों के टहरनेका स्थान,
मांजा (हि.पु.) पहली वर्षाका फेन जो मछलियोंके । अतिथिशाला । २ विवाहका मंप, मड़वा । ३ विवा-
लिपे मादक होता है।
हादिके घरमें यह स्थान जहां सम्पूर्ण आहूत देवताओंका
मांझ (हिं० अध्य०) १ में, वोच, मन्दर । (पु०) २ अंतर, स्थापन किया जाता है।
फरक। ३ नदीके वीचमें पड़ी हुई रेतीली भूमि। मांडव ( हिं० पु०) विवाह भादि गया दूसरे शुम कृत्यों-
माझा (हि.पु०) १ नदीफे बोचको जमीन, नदीका के लिए छाया हुआ मंडप ।
। टापू। '२ एक प्रकारका आभूषण जो पगड़ी पर पहना मांडा (हिं० पु०) १ एक प्रकारको बहुत पतलो रोटी जो
• जाता है। ३ वृक्षका तना। ४ एक प्रकारका ढांचा जो मैदेकी होती है और घोमें पकती है, लचई । २ एक प्रकार-
गोड़ईके वीचमें रहता है और जो पाईको जमीन पर को रोटोजो तये पर थोड़ा घी लगा कर पकाई जाती है,
गिरनेसे रोकता है। ५ एक प्रकारफे पीले कपड़े,। यह परांठा।
"कहीं कहों पर और कन्याको विवाहसे दो तीन दिन पहले माड़ी (हि.स्त्री०) १ भातका पसाचन, मांड। २ कपड़े
दलदी चढ़ने पर पहनाये जाते हैं। ६ पलंग या गुडो या सूतके ऊपर चढ़ाया जानेवाला फलफ़ जो भिन्न
. उमनिके डोरे या नख पर सरेस और शीशेके चूरे आदि भिन्न कपड़ोंके लिए भिन्न भिन्न प्रकारसे तैयार किया
से चढ़ाया जानेवाला फलफ जिससे डोरे या नस्त्रमें मजा जाता है। यह मांडी माटे, मैदे, अनेक प्रकार के चावलों
यूती माती है।मझा देखो।
तथा कुछ दीजोंसे तैयारकी जाती है और माया लेके
माझिल (हिं० वि०) बीवका, मध्यका ।
रूपमे होती है। कपड़ों में इसकी सहायतासे कड़ापन
मामा (हि.पु.) १ नाव खेनेवाला, फेवट । २ जोरायप। या करारापन लाया जाता है। .
पलवान् । ३ दो व्यक्तियों के बीच पर कर मामला ते मांडी (हि० पु०) वियाहका मप, मंडवा।
- करनेवाला।
. .. मांढा (हिं.'पु० ) माड्य देखो।