पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष सप्तदश भाग.djvu/३९८

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. पात-पानी गोदया कर ले मुरक्षित शिपा।१५ गुर्जर भइ हो र माता पर "पही मालीयो. पनि बहादुर मारने म नगरको जोन पर अपने राज्य : का मन्द है। इस मनाये पि दक्षिणाम् सि. अन्यः मिला लिया। ११.५०१०में यह मुगल बादशाद महार• विराट् तथा देवता मानही क्ष्यों है। यद दे गायक फे अधिकार माया। • के मभी कार्य मिस करती है। नको पूजाति तर मान (EिO रबी० ) माता देगे। । सारमें विस्तार पूर्वक लिया है। इस महाविया को मा मान (प्र. मी.) राजय, हार। (पि०) २ पग । में यन्त्रको दिन करना भाषश्यक है। यथा-परले सित। ३ मदमस्त, मतयाला। पटकोण महिन कर बाहर गिदलपन बनाये। उस माना (म. पु० ) मतपेदं मनङ्ग स्थापत्यं पुमान या, पटकोणमें देयोका मूलमन लिमा । म प्रकार माय मला मा। हस्ती, नायी। २ अभ्यय यश, पीपल नेयार हो जाने पर जयापुर द्वारा देशको मा करनी का पेष्ठ। ३ फिगत शातिविशेष। ४ श्यपच, चांडाल। होमी । मन्त्रस्थित पाके. गएदलमें पिपिसार ५संघर्तक मेराका एक नाम। ६ ज्योतिष अनुसार द्वारा मनोमया, रति, प्रोगि, मिया, अदा, HARYमा, मोदीम पोग। प्रत्यायुधमेद । ८ एक नागका नाम | अगदमदना गौर मनहलालसा इन माउ शनि.गोका । महंत उपासकका एक भेद । १० एक अपिका नाम पूमल और जप करना उनित है। इसके बाद देषोका शरीफे गुर और मातही देयीये उपासक थे। ये ध्यान और पूजन करना होता है। पान पया--- मान रहा करते थे, इसीलिपे मिस पर्वत पर पे रहते थे' ."यामानी शनिशेगर निगनो रत्नगिदाणगानाम् । उसका नाम अत्यम्स पद गया था। पेदीदपटेरगिट फाग" माताकपा (मं० ग्वी० ) गजपिप्पली, गापापन्न । __ ( मार) माताज (मं० वि०) मानाजापने जन ४। मातङ्गजात, इस प्रकार देयोका ध्यान कर मनोहर गन्धपुरपाधि हापोका गया। उपहार द्वारा पक्षा फरे. और गाड़ मिला हुमा पायन मानादियाफर (सं० पु०) मनाट् दर्पयत को समाफे, नयेष गढ़ापे। पक कापि । मातहना (सं० पु० ) पददाकार पुम्भौरभेद. एफ. प्रकार-1 ___ मातही मन्तका यदि पुरश्चरण करतातो पद छमार जप करना होगा। अपवार मंगा . का मानररागाय जन्तु। मातहमकर (सं० पु. ) मातनाफारो मकरः । मामाय- में गो और मधु मिन्ले गए. पर ममिधर्म भेद, एक प्रकारको बड़ी मछली। करना होगा। होम. गमय उन निको भाति मातगमन (सं० पी०) बौदमत्रमेद। देनी होगी। मानयम-कामरूपमा एक प्राचीन तो। इस देवताको पूजा विशेषता यह कि पूमा माद मातही (म00 मगमग मुनेर पत्यं रो, मन- सापक किसी गौराहे पर सपा मगर मा मी मण, सोए। परामदायियाफे गन्तत नपम महाविधा। और पांम प्रदान कर गुणन पुररातो गन्जमा म विधा मन मोर मयाटिये. यिप पूरा होगा। मार देवीको मापना करने र मार लिया है- मापक मनोरथ पूरा दोला मोर में पिता मागे. "ए मो मामी मा दान। को नतिमी मा जानी है। मप्रयोगद्वारा गाया अयोगमनमाया वादि नाम" मनाम होगा या मम्मिानम्मा मौर यार. (पसार) गम्मको किलो योमरिपे, मानकी ममिसिदापिनो मामी उगना करने से क्षा पानेगे मापा ममी write is होगा। गापा पनि जोस मागिदिमाम करते है।